Vikrant Shekhawat : Oct 05, 2019, 11:17 AM
गोवा | राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत कुमार डोभाल ने गोवा में गोवा समुद्री सम्मेलन-2019 का उद्घाटन किया। इस सम्मेलन का आयोजन नेवल वॉर कॉलेज कर रहा है। इस अवसर पर अजीत डोभाल ने कहा कि समुद्र, अंतरिक्ष और साइबर दुनिया ऐसे क्षेत्र है जहां अवसरो के साथ-साथ गंभी चुनौतियां भी है हमें आशा है कि इस सम्मेलन के दौरान चुनौतियों को अवसरों में बदलने के लिए विचार-विमर्श किया जाएगा। डोभाल ने नेवल वॉर कॉलेज जर्नल (31वां संस्करण) भी जारी किया।
सम्मेलन की थीम है- भारतीय समुद्री क्षेत्र में साझा समुद्री प्राथमिकताएं तथा क्षेत्रीय समुद्री रणनीति की आवश्यकता। सम्मेलन के तीन सत्रों में भारतीय समुद्री क्षेत्र की नौसेनाओं के क्षमता निर्माण पर विचार-विमर्श किया गया। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों ने विभिन्न प्रमुख मुद्दों पर अपने विचार रखे।पहले सत्र का विषय था- भारतीय समुद्री क्षेत्र में अवसर और चुनौतियां। इस सत्र में यूके नेवी के फस्ट सी लॉर्ड एडमिरल सर जॉर्ज जेम्बेलस (सेवानिवृत्त) और गोवा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वरूण साहनी ने अपने विचार रखे। इस सत्र का संचालन पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल अरुण प्रकाश पीवीएसएम, एवीएसएम, वीआरसी, वीएसएम ने किया। दूसरे सत्र को लंका नौसेना के पूर्व कमांडर एडमिरल जयंत कोलम्बेज तथा अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत अरुण सिंह ने संबोधित किया। दूसरे सत्र का विषय था- भारतीय समुद्री सीमा में साझा एजेंडा बनाने के लिए आवश्यकता और प्राथमिकताएं। इस सत्र का संचालन पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने किया। तीसरे सत्र का विषय था- भारतीय समुद्री क्षेत्र में क्षेत्रीय रणनीतियां। इस सत्र को भारत में इंडोनेशिया के राजदूत सिद्धार्थो आर. सूर्योदिपूरो और रूस में भारत के पूर्व राजदूत प्रभात शुक्ला ने संबोधित किया। इस संत्र का संचालन रियर एडमिरल सुदर्शन खंडे, एवीएसएम (सेवानिवृत्त) ने किया।सम्मेलन के दौरान नौसेना प्रमुखों के बीच भी विभिन्न बैठकों का आयोजन किया गया।नौसेना प्रमुख एडमिरल कर्मबीर सिंह, पीवीएसएम, एवीएसएम, एडीसी ने सम्मेलन की मेजबानी की। भारतीय समुद्री क्षेत्र के 10 देशों- इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड, बांग्लादेश, म्यांमार, लंका, सेशल्स, मालदीव और मॉरीशस के नौसेना प्रमुखों और वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने इस सम्मेलन में भाग लिया।
सम्मेलन की थीम है- भारतीय समुद्री क्षेत्र में साझा समुद्री प्राथमिकताएं तथा क्षेत्रीय समुद्री रणनीति की आवश्यकता। सम्मेलन के तीन सत्रों में भारतीय समुद्री क्षेत्र की नौसेनाओं के क्षमता निर्माण पर विचार-विमर्श किया गया। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों ने विभिन्न प्रमुख मुद्दों पर अपने विचार रखे।पहले सत्र का विषय था- भारतीय समुद्री क्षेत्र में अवसर और चुनौतियां। इस सत्र में यूके नेवी के फस्ट सी लॉर्ड एडमिरल सर जॉर्ज जेम्बेलस (सेवानिवृत्त) और गोवा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वरूण साहनी ने अपने विचार रखे। इस सत्र का संचालन पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल अरुण प्रकाश पीवीएसएम, एवीएसएम, वीआरसी, वीएसएम ने किया। दूसरे सत्र को लंका नौसेना के पूर्व कमांडर एडमिरल जयंत कोलम्बेज तथा अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत अरुण सिंह ने संबोधित किया। दूसरे सत्र का विषय था- भारतीय समुद्री सीमा में साझा एजेंडा बनाने के लिए आवश्यकता और प्राथमिकताएं। इस सत्र का संचालन पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने किया। तीसरे सत्र का विषय था- भारतीय समुद्री क्षेत्र में क्षेत्रीय रणनीतियां। इस सत्र को भारत में इंडोनेशिया के राजदूत सिद्धार्थो आर. सूर्योदिपूरो और रूस में भारत के पूर्व राजदूत प्रभात शुक्ला ने संबोधित किया। इस संत्र का संचालन रियर एडमिरल सुदर्शन खंडे, एवीएसएम (सेवानिवृत्त) ने किया।सम्मेलन के दौरान नौसेना प्रमुखों के बीच भी विभिन्न बैठकों का आयोजन किया गया।नौसेना प्रमुख एडमिरल कर्मबीर सिंह, पीवीएसएम, एवीएसएम, एडीसी ने सम्मेलन की मेजबानी की। भारतीय समुद्री क्षेत्र के 10 देशों- इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड, बांग्लादेश, म्यांमार, लंका, सेशल्स, मालदीव और मॉरीशस के नौसेना प्रमुखों और वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने इस सम्मेलन में भाग लिया।