Vikrant Shekhawat : Dec 28, 2021, 08:25 AM
मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को दुष्कर्म और यौन हमले की एक 12 वर्षीय पीड़िता को गर्भपात कराने की अनुमति दे दी। हालांकि उसकी गर्भावस्था 20 हफ्ते की सीमा पार कर चुकी है और उसमें मामूली असामान्यताएं हैं। जस्टिस एसजे कथावाला और अभय आहूजा की अवकाश पीठ ने गर्भ रखने लिए मजबूर करने पर किशोरी की मानसिक और शारीरिक पीड़ा का उल्लेख किया। पीठ ने मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट के अप्रैल, 2019 के आदेश का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि यदि गर्भ रखने से महिला के मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है तो उसे गर्भ रखने के लिए मजबूर करना उसके मौलिक अधिकारों का हनन है। पीठ पीड़िता के पिता की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। दुष्कर्म पीड़िता फिलहाल जेजे अस्पताल में भर्ती है और डॉक्टरों के पैनल ने उसकी जांच की है। उनके मुताबिक किशोरी नाराज है और यदि उसे गर्भपात की इजाजत नहीं दी गई तो वह मानसिक तौर पर उसे प्रभावित करेगा। पीठ ने कहा, ऐसा अवांछित गर्भ किशोरी के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करेगा।पीठ ने इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार को मामले में एफआईआर और पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट सहित अन्य कागजात डीएलएसए को सौंपने को कहा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसे ‘मनोधैर्य’ योजना के तहत सहायता मिल सके।