दुनिया/वाशिंगटन / कोरोना वैक्सीन लगने के 16 दिन बाद अमेरिकी डॉक्टर की हुई मौत... जानिए क्या है ऐसा वैक्सीन में

अमेरिका के मियामी (Miami) शहर के डॉक्टर ग्रेगरी माइकल (Gregory Michael) की मौत के पीछे उनकी पत्नी ने कोरोना वैक्सीन फाइजर (Pfizer) को जिम्मेदार ठहराया है. बता दें कि डॉक्टर माइकल ने 18 दिसंबर को फाइजर वैक्सीन लगवाई थी और इसके 16 दिन बाद उनकी मौत हो गई.डॉक्टर ग्रेगरी माइकल की पत्नी हेइदी नेकेलमान (Heidi Neckelmann) ने दावा किया है कि वैक्सीन लगने से पहले उनके पति पूरी तरह स्वस्थ और एक्टिव थे.

Vikrant Shekhawat : Jan 08, 2021, 04:36 PM
वॉशिंगटन: अमेरिका के मियामी (Miami) शहर के डॉक्टर ग्रेगरी माइकल (Gregory Michael) की मौत के पीछे उनकी पत्नी ने कोरोना वैक्सीन फाइजर (Pfizer) को जिम्मेदार ठहराया है. बता दें कि डॉक्टर माइकल ने 18 दिसंबर को फाइजर वैक्सीन लगवाई थी और इसके 16 दिन बाद उनकी मौत हो गई.


वैक्सीन लगने से पहले थे पूरी तरह स्वस्थ:


डॉक्टर ग्रेगरी माइकल की पत्नी हेइदी नेकेलमान (Heidi Neckelmann) ने दावा किया है कि वैक्सीन लगने से पहले उनके पति पूरी तरह स्वस्थ और एक्टिव थे. उन्होंने कहा कि टीका लगने से पहले उनको कोई बीमारी भी नहीं थी, लेकिन वैक्सीनेशन के बाद खून में रहस्यमयी गड़बड़ी आ गई.


'मौत का सीधा संबंध फाइजर वैक्सीन से':

डेलीमेल से बात करते हुए हेइदी नेकेलमान (Heidi Neckelmann) ने कहा, 'मेरे पति की मौत का सीधा संबंध फाइजर (Pfizer) वैक्सीन से है, क्योंकि इसे लगाने से पहले उनकी हर तरह की जांच की गई थी और उनको कोई बीमारी नहीं थी.' नेकेलमान ने आगे कहा, 'डॉक्टरों ने कैंसर की भी जांच की थी और उनके अंदर कुछ भी गलत नहीं पाया गया था.' उन्होंने कहा कि डॉक्टर ग्रेगरी रेगुलर एक्सरसाइज करते थे और सिगरेट भी नहीं पीते थे. इसके अलावा वह शराब भी कभी-कभी पीते थे.


फाइजर ने डॉक्टर ग्रेगरी की मौत पर दी सफाई:

डॉक्टर ग्रेगरी माइकल की मौत के बाद फाइजर (Pfizer) कंपनी ने सफाई दी है. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि हमें डॉक्‍टर ग्रेगरी के मौत की जानकारी है और इसकी जांच कर रहे हैं. इस समय हम नहीं मानते हैं कि डॉक्‍टर ग्रेगरी की मौत से कोई सीधा संबंध फाइजर वैक्‍सीन का है.


वैक्सीन लगने के 3 दिन बाद दिखा था रिएक्शन:

डॉक्टर ग्रेगरी की पत्नी ने बताया कि वैक्सीन लगने के तुरंत बाद कोई साइड इफेक्ट नहीं दिखा था, लेकिन 3 दिन बाद उनके हाथ और पैर पर लाल चकत्ते दिखने लगे थे. इसके बाद जब उन्‍होंने माउंट सिनाई मेडिकल सेंटर में अपनी जांच कराई तो पता चला कि उनका प्‍लेटलेट्स काफी गिर गया है और यह जीरो तक पहुंच गया था. जबकि आमतौर पर प्‍लेटलेट्स काउंट 150000 से 450000 के बीच रहता हैं.


लाख कोशिश के बाद भी नहीं बढ़ा प्लेटलेट्स:

हेइदी नेकेलमान ने बताया कि प्लेटलेट्स को छोड़कर ब्लड की सारी जांच नॉर्मल थी, इसके बाद डॉक्टरों को लगा कि यह गलती से हुआ है. इसलिए दोबारा जांच की गई, तब 1 प्लेटलेट दिखाई दिया. इसके बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया और डॉक्टरों की एक टीम प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए 2 सप्ताह तक कोशिश करती रही, लेकिन फायदा नहीं हुआ. लगातार प्लेटलेस्ट की कमी के कारण उनके सिर में रक्तस्रावी स्ट्रोक हुआ और कुछ ही मिनटों में उनकी मौत हो गई.


लोगों को होनी चाहिए दुष्प्रभाव की जानकारी:

डॉक्टर ग्रेगरी की पत्नी ने कहा, 'मेरे पति वैक्सीन के समर्थक थे, इसलिए उन्होंने खुद इसे लगवाया था. मेरा मानना है कि लोगों को पता होना चाहिए कि वैक्सीन से दुष्प्रभाव भी हो सकता है और यह हर किसी के लिए अच्छा नहीं है.