Vikrant Shekhawat : Dec 30, 2020, 11:34 AM
नई दिल्ली: महिंद्रा समूह के मालिक आनंद महिंद्रा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं और आए दिन अपने ट्विटर पर मोटिवेशनल व इनोवेटिव आइडियाज वाले पोस्ट करते रहते हैं. आनंद महिंद्रा ने हाल ही में एक वीडियो शेयर किया है और कहा है कि इसे देखकर वह साल 2020 को लेकर कोई शिकायत नहीं करेंगे.
'वीडियो देखने के बाद 2020 से शिकायत नहीं':
वीडियो शेयर करते हुए आनंद महिंद्रा ने लिखा, 'मैं इसे देखने के बाद यह शिकायत नहीं करूंगा कि साल 2020 कितना कठिन साल रहा है. मल्लेश्वर राव, मैं आपको सलाम करता हूं और आपका सहयोग करूंगा. जब आप दूसरों की कठिनाइयों को दूर करते हैं तो जीवन मुश्किल नहीं होती है.'
क्या है वीडियो में खास:आनंद महिंद्रा ने जो वीडियो शेयर किया है, इसमें बताया गया है कि हैदराबाद के रहने वाले मल्लेश्वर राव पार्टी के बचे खाने को गरीब लोगों में बांटते हैं और रोजाना लगभग 2 हजार लोगों का पेट भर रहे हैं. पेशे से इंजीनियर मल्लेश्वर पिछले 9 साल से इस काम में लगे हैं. साल 2011 में शुरू किया फूड नेटवर्क:
मल्लेश्वर राव ने साल 2011 में 'डोंट वेस्ट फूड' नाम का एक फूड नेटवर्क शुरू किया था, ताकि कोई भी गरीब भूखे पेट ना सोए. इसके तहत वह अलग-अलग होटल, रेस्टोरेंट और पार्टियों में बचे हुए खाने को फेंकने के बजाय जमाकर उन्हें देने के लिए कहते हैं और इसे भूखे लोगों तक पहुंचाते हैं.
'वीडियो देखने के बाद 2020 से शिकायत नहीं':
वीडियो शेयर करते हुए आनंद महिंद्रा ने लिखा, 'मैं इसे देखने के बाद यह शिकायत नहीं करूंगा कि साल 2020 कितना कठिन साल रहा है. मल्लेश्वर राव, मैं आपको सलाम करता हूं और आपका सहयोग करूंगा. जब आप दूसरों की कठिनाइयों को दूर करते हैं तो जीवन मुश्किल नहीं होती है.'
क्या है वीडियो में खास:आनंद महिंद्रा ने जो वीडियो शेयर किया है, इसमें बताया गया है कि हैदराबाद के रहने वाले मल्लेश्वर राव पार्टी के बचे खाने को गरीब लोगों में बांटते हैं और रोजाना लगभग 2 हजार लोगों का पेट भर रहे हैं. पेशे से इंजीनियर मल्लेश्वर पिछले 9 साल से इस काम में लगे हैं. साल 2011 में शुरू किया फूड नेटवर्क:
मल्लेश्वर राव ने साल 2011 में 'डोंट वेस्ट फूड' नाम का एक फूड नेटवर्क शुरू किया था, ताकि कोई भी गरीब भूखे पेट ना सोए. इसके तहत वह अलग-अलग होटल, रेस्टोरेंट और पार्टियों में बचे हुए खाने को फेंकने के बजाय जमाकर उन्हें देने के लिए कहते हैं और इसे भूखे लोगों तक पहुंचाते हैं.