नई दिल्ली / अनिल अंबानी ने रिलायंस कम्युनिकेशंस के डायरेक्टर पद से दिया इस्तीफा

दिवालिया प्रक्रिया से गुज़र रही कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) के चेयरमैन अनिल अंबानी ने शनिवार को निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया। उनका यह इस्तीफा जून-सितंबर 2019 तिमाही में कंपनी को हुए ₹30,142 करोड़ के घाटे के बाद आया है। उनके साथ वी मणिकंतन, छाया विरानी समेत पांच अन्य निदेशकों ने भी अपना इस्तीफा देने की घोषणा की है।

India TV : Nov 16, 2019, 06:20 PM
नई दिल्ली। अनिल अंबानी ने कर्ज के बोझ से दबी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया है। कंपनी ने शनिवार को शेयर बाजारों को यह सूचना दी। शेयर बाजारों को दी जानकारी में कंपनी ने कहा है कि अंबानी के साथ ही छाया विरानी, रायना करानी, मंजरी काकर, सुरेश रंगाचर ने आरकॉम के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले मणिकंतन वी, ने कंपनी के निदेशक एवं मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) का पद छोड़ा था। इन सभी के इस्तीफे कंपनी की कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स के सामने रखे जाएंगे।

कंपनी ने कहा है कि इन इस्तीफों को कंपनी के ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) के समक्ष विचारार्थ रखा जाएगा। आरकॉम फिलहाल दिवाला प्रक्रिया में है। सांविधिक बकाया पर उच्चतम न्यायालय के फैसले की वजह से कंपनी को अपनी देनदारियों के लिए भारी-भरकम प्रावधान करना पड़ा है। इससे चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी को 30,142 करोड़ रुपए का एकीकृत घाटा हुआ है।बता दें कि अनिल अंबानी, छाया विरानी और मंजरी काकेर ने 15 नवंबर को इस्तीफा दिया। वहीं रायना कारानी ने 14 नवंबर और सुरेश रंगाचर ने 13 नवंबर को इस्तीफा दिया था। 

टेलीकॉम सेक्टर का दूसरी तिमाही में घाटा बढ़कर 1,04,108 करोड़ रुपए के पार पहुंचा

शुक्रवार को जारी तिमाही नतीजों के अनुसार आर-कॉम को 30 हजार करोड़ से अधिक का घाटा हुआ है। यह कॉर्पोरेट इतिहास में वोडाफोन-आइडिया के बाद दूसरा सबसे बड़ा घाटा है। वोडाफोन, आइडिया व एयरटेल द्वारा दूसरी तिमाही में लगभग 74 हजार करोड़ रुपए घाटा दिखाए जाने के बाद छोटे अंबानी (अनिल अंबानी) के स्वामित्व वाली आरकॉम बड़े संकट में फंस गई है। कर्ज के बोझ से दबी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) को वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर की दूसरी तिमाही में करीब 30,142 करोड़ रुपए का एकीकृत घाटा हुआ है। अब आर कॉम के इस घाटे को मिलाकर टेलीकॉम सेक्टर का दूसरी तिमाही में घाटा बढ़कर 1,04,108 करोड़ रुपए को पार गया है।

आर-कॉम को हुआ 30,142 करोड़ का घाटा

प्राइवेट सेक्टर इन दिनों मंदी की जबरदस्त मार झेल रहा है। कई मल्टीनेशनल कंपनियों पर आर्थिक मंदी का असर साफ दिखाई दे रहा है। इसी कड़ी में देश की अग्रणी कंपनियों में शामिल रिलायंस कम्युनिकेशंस (आर-कॉम) भी इससे अछूती नहीं है। गौरतलब है कि वर्तमान में दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही आर-कॉम ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा वैधानिक बकाया पर फैसला सुनाए जाने के बाद देनदारियों के लिए प्रावधान के कारण जुलाई-सितंबर 2019 के लिए 30,142 करोड़ रुपए का समेकित नुकसान दर्ज किया है। एडजस्टेड ग्रास रेवेन्यू (एजीआर) मामले में बकाया भुगतान के लिए प्रोविजनिंग करने की वजह से आर-कॉम को इतना नुकसान हुआ है।

कंपनी की परिचालन आय घटकर रह गई 302 करोड़ रुपए 

आरकॉम की कुल देनदारियों में 23,327 करोड़ रुपए का लाइसेंस शुल्क और 4,987 करोड़ रुपए का स्पेक्ट्रम इस्तेमाल शुल्क शामिल है। आरकॉम और उसकी अनुषंगियों ने 1,210 करोड़ रुपए के ब्याज और 458 करोड़ रुपए के विदेशी विनिमय उतार-चढ़ाव के लिए प्रावधान नहीं किया है। आरकॉम ने कहा कि यदि इसके लिए प्रावधान किया जाता तो उसका नुकसान 1,668 करोड़ रुपये और बढ़ जाता। तिमाही के दौरान कंपनी की परिचालन आय घटकर 302 करोड़ रुपए रह गई जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 977 करोड़ रुपए थी।