News18 : Sep 18, 2019, 11:53 AM
नई दिल्ली. दशकों पुराने राम जन्मभूमि (Ram Janambhoomi) और बाबरी मस्जिद (Babri Mosque) प्रॉपर्टी विवाद (Property Dispute) में जल्द ही फैसला आने की उम्मीद है. हिंदू पक्ष की सुनवाई के बाद अब मुस्लिम पक्ष की जिरह भी पूरी होने वाली है. बताया जाता है कि 18 अक्टूबर तक अयोध्या मामले की सुनवाई पूरी हो सकती है और जल्द ही इस मामले में कोई बड़ा फैसला आ सकता है.
दशकों पुराने राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद प्रॉपर्टी विवाद में फैसला नवंबर से पहले आ सकता है. मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (Chief Justice of India Ranjan Gogoi) ने इसके संकेत दिए.
दशकों पुराने राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद प्रॉपर्टी विवाद में फैसला नवंबर से पहले आ सकता है. मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (Chief Justice of India Ranjan Gogoi) ने इसके संकेत दिए.
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने सभी पक्षों से पूछा कि वो कितने-कितने दिन में अपनी बहस पूरी कर लेंगे. संविधान पीठ की अध्यक्षता कर रहे चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि अगर एक बार सभी पक्ष ये बता देते है कि वो कितना समय लेंगे तो हमें भी पता चल जाएगा कि फैसला लिखने के लिए कितना समय मिलेगा.बता दें कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई इसी साल 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं. लिहाजा संविधान पीठ दशकों पुराने इस विवाद पर इससे पहले फैसला सुना सकती है. मुस्लिम पक्ष की तरफ से वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने बहस की शुरुआत करते हुए कहा था कि विवादित स्थल से मिले खंभों पर पाए गए निशान से यह साबित नहीं हो सकता की वो इस्लामिक नहीं है. धवन ने कहा कि मस्जिदें केवल मुसलमानों द्वारा ही नहीं बनाई गई थीं. ताजमहल का निर्माण अकेले मुसलमानों ने नहीं किया था. इसमें मुस्लिम और हिंदू दोनों समुदायों के मजदूर शामिल थे.निर्मोही अखाड़ा भी बातचीत से रास्ता निकालने पर सहमतसुन्नी वक्फ बोर्ड जमीन के मालिकाना हक की लगातार मांग करता रहा है. अब उसने समिति को मध्यस्थता के लिए पत्र लिखा है. बोर्ड चाहता है कि बातचीत से मुद्दे को सुलझाने की कोशिश फिर शुरू की जाए. निर्वाणी अखाड़ा हनुमान गढ़ी मंदिर की देखरेख करने वाले तीन प्रमुख रामआनंदी अखाड़ों में एक है. निर्वाणी अखाड़े की बातचीत से विवाद सुलझाने की बात से निर्मोही अखाड़ा (Nirmiohi Akhara) भी सहमत है. बता दें कि पहले बातचीत के जरिये मामले को सुलझाने की कवायद उस समय अटक गई, जब जमीयत उलेमा-ए-हिंद (JUH) ने कट्टरपंथी रवैया अपनाया और राम जन्मभूमि न्यास (Ram Janam Bhoomi Nyasa) विवादित स्थल पर मंदिर बनाने की मांग को लेकर अड़ गया.Ayodhya land dispute case: Chief Justice of India Ranjan Gogoi says, "as per the estimate of tentative dates to finish the hearing in the case, we can say that the submissions have to be likely completed by October 18." pic.twitter.com/cj40Tb979r
— ANI (@ANI) September 18, 2019