Vikrant Shekhawat : Jul 09, 2023, 07:01 AM
Panchayat Election: पश्चिम बंगाल हिंसा की आग में जल रहा है. पंचायत चुनाव के दौरान राज्य में अलग-अलग जगहों पर भड़की हिंसा में 17 लोगों की मौत हो गई जबकि कई घायल हो गए. मुर्शिदाबाद में सबसे अधिक हिंसा हुई है. यहां शुक्रवार रात से ही खूनी खेल जारी है. हिंसा को लेकर प्रदेश में सियासी बवाल मचा हुआ है. राजनीतिक दलों ने एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं.बीजेपी राज्य में धारा-355 और 356 लगाने की मांग की है. राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए. बीजेपी नेता ने कहा कि राज्य सरकार के तहत स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संपन्न होना बहुत मुश्किल है. यह तभी संभव है, जब राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए या अनुच्छेद 355 का इस्तेमाल किया जाए.उन्होंने कहा कि बंगाल के हालात इस वक्त मणिपुर से भी ज्यादा खराब हैं. ऐसे में आइए हम आपको बताते हैं कि आखिर धारा 355 और 356 है क्या और इसका इस्तेमाल किन परिस्थितियों में होता है.क्या है धारा 355 और 356 ?बता दें कि धारा 355 इसके तहत केंद्र सरकार राज्य की पुलिस व्यवस्था, सेना की तैनाती और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठने का अधिकार रखती है. इसके लगाने के बाद राज्य की सुरक्षा और वहां संविधान लागू कराने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की हो जाती है. वहीं, संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है.हिसा पर क्या बोले गवर्नरबंगाल हिंसा पर पश्चिम बंगाल के गवर्नर डॉ. सीवी आनंद बोस ने कहा है कि आज पंचायत चुनाव में मैंने जो देखा, वह काफी परेशान करने वाला है. गरीब ही मारे जाते हैं. नेता वहां क्यों नहीं थे. यहां केवल हिंसा, हत्याओं और डर का माहौल है. आम जनता सिर्फ शांति चाहती है.