Live Hindustan : Aug 13, 2020, 01:05 PM
बेंगलुरु | बेंगलुरु पैगंबर मोहम्मद साबह को लेकर सोशल मीडिया पर किए गए एक पोस्ट से बेंगलुरु में हिंसा की आग ऐसी भड़की कि इस तोड़-फोड़ और आगजनी में तीन लोगों की मौत हो गई और करीब 60 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए। दरअसल, मंगलवार यानी 11 अगस्त की रात को बेंगलुरु के पुलाकेशी नगर में पैगंबर साबह को लेकर एक पोस्ट से नाराज एक समुदाय विशेष के लोगों ने कांग्रेस विधायक अंखंड श्रीनिवास मूर्ति के आवास के बाहर जमकर बवाल काटा, तोड़-फोड़ और आगजनी की। हालांकि, हिंसा फैलाने के आरोप में पुलिस ने 110 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक नाम ऐसा सामने आया है, जिसके संगठन के तार दिल्ली दंगों से जुड़े थे। बेंगलुरु पुलिस ने डीजे हलाली पुलिस थाना क्षेत्र में हिंसा भड़काने के आरोप में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया यानी एसडीपीआई नेता मुजामिल पाशा को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि मुजामिल पाशा ने ही पैगंबर साहब को लेकर एक कथित पोस्ट की वजह से भीड़ इकट्ठा की और हिंसा को भड़काने का काम किया। बता दें कि राज्य सरकार ने इस पूरी हिंसा को 'सुनियोजित' बताया है।यहां ध्यान देने वाली बात है कि सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया यानी कि एसडीपीआई इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का राजनीतिक संगठन है। और उससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात है कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जब दिल्ली में दंगे हुए तो इसमें भी इसी संगठन यानी पीएफआई का ही नाम सामने आया था। इतना ही नहीं, प्रवर्तन निदेशालय ने पीएफआई पर भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी दर्ज किया था।दिल्ली दंगे में भी पीएफआई का रोलदरअसल, उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 23 फरवरी से 26 फरवरी के बीच फैले हिंसक दंगों के मामले में दिल्ली पुलिस ने अदालत में जो प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पेश की, उसमें भी इस बात का जिक्र था कि दंगे में पीएफआई का भी हाथ था। दिल्ली दंगे का मुख्य आरोपी आम आदमी पार्टी (आप) का निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन को लेकर पुलिस का कहना था कि उसने कई कंपनियां बनाई हुई थीं। इन कंपनियों के माध्यम से उसने गैरकानूनी तरीके से दंगों के लिए एक करोड़ 12 लाख रुपये जुटाए। इसमें उसका साथ प्रतिबंधित संगठन पीएफआई से भी मिला। सीएए के खिलाफ प्रदर्शन में था एक्टिवमाना जाता है कि एसडीपीआई पूरे देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ में विरोध प्रदर्शनों के आयोजन में बहुत सक्रिय था। केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने एसडीपीआई पर लोगों के बीच सीएए विरोधी प्रदर्शन का इस्तेमाल कर विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया था।एसडीपीआई के मूल संगठन पीएफआई पर विभिन्न असामाजिक और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का आरोप है। इतना ही नहीं, पीएफआई समूह के खिलाफ कुछ आरोप यह भी हैं कि विभिन्न इस्लामी आतंकवादी समूहों के साथ उसके कथित संबंध हैं।बेंगलुरु हिंसा सुनियोजित साजिशपर्यटन मंत्री सी.टी. रवि ने बेंगलुरु हिंसा को पूर्व नियोजित दंगा बताकर कहा कि यह साफ और जाहिर है कि यह हिंसक हमला मुस्लिम भीड़ ने पूर्वनियोजित तरीके से किया। जिस तरह से सोशल मीडिया पोस्ट के एक घंटे के भीतर हजारों लोग इकट्ठा हुए और विधायक के आवास से लेकर करीब सैकड़ों गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया, यह पूरी तरह से सुनियोजित हिंसा थी। इसके अलावा, भाजपा सांसद शोभा करंदलाजे ने दावा किया है कि पीएफआई-एसडीपीआई ने इस हिंसा का षड्यंत्र रचा, उन्होंने सिर्फ हिन्दू मकानों को निशाना बनाया और सार्वजनिक संपत्ति को आग लगाई।क्या हुआ था उस रातगुस्साई भीड़ ने पुलाकेशी नगर के विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के आवास और डीजे हाली थाने को निशाना बनाया, क्योंकि आरोप है कि विधायक के भतीजे नवीन ने एक कथित आपत्तिजनक पोस्ट की थी। घटना के समय विधायक अपने घर पर नहीं थे। कहा जा रहा है कि उनके मकान को आग लगा दिया गया है। साथ ही वहां आसपास मौजूद कई गाड़ियों को आग के हवाले किया और जमकर तोड़ फोड़ की। राजस्व मंत्री अशोक ने बताया कि विधायक का मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है, उसमें रखी साड़ियां, गहने सब लूट लिए गए और वाहनों सहित पूरे मकान को आग लगा दिया गया।