वैक्सीन / भारत बायोटेक ने डीसीजीआई को सौंपा कोवैक्सीन के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल का डेटा

भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल डेटा ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) को सौंप दिया है। ड्रग रेगुलेटर की विषय विशेषज्ञ समिति मंगलवार को नतीजों पर चर्चा के लिए बैठक कर सकती है। कोवैक्सीन के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के शुरुआती विश्लेषण के अनुसार, कोरोना वायरस के खिलाफ यह 78% प्रभावी है।

Vikrant Shekhawat : Jun 22, 2021, 02:33 PM
नई दिल्ली: हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन की फेज-3 क्लीनिकल ट्रायल का डाटा सरकार को सौंप दिया है। समाचार ऐजेंसी एएनाई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि कोवैक्सिन के तीसरे चरण में हुए क्लीनिकल परीक्षण के आंकड़ों को भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) को सौंप दिया है।

इस साल अप्रैल में, भारत बायोटेक ने कहा था कि तीसरे चरण के नतीजों के मुताबिक, कोवैक्सिन ने कोरोना के हल्के, मध्यम और गंभीर मामलों के खिलाफ 78 प्रतिशत की प्रभावकारिता दिखाई है। सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि भारत बायोटेक ने कोवैक्सिन के तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण के आंकड़े ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) को सौंपे हैं।

दरअसल कोवैक्सिन के तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण को जारी करने में देरी को लेकर हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता की तीखी आलोचना हुई है। DCGI ने अपने चरण 1 और 2 परीक्षणों के आधार पर जनवरी में भारत में आपातकालीन उपयोग के लिए कोवैक्सीन को मंजूरी दी थी।

हाल ही में, एक शुरुआती अध्ययन में दावा किया गया था कि कोविशील्ड वैक्सीन कोवैक्सिन की तुलना में कोरोनावायरस संक्रमण के खिलाफ अधिक एंटीबॉडी बनाती है। अध्ययन से पता चला है कि टीकों के दो शॉट्स के बाद, कोविशील्ड के 98 प्रतिशत प्राप्तकर्ताओं ने एंटीबॉडी प्रतिक्रिया दिखाई, जबकि कोवाक्सिन प्राप्तकर्ताओं में यह 80 प्रतिशत थी।

हालांकि, भारत बायोटेक ने अध्ययन को कमतर आंकते हुए कहा कि प्रारंभिक शोध में बहुत सारी खामियां हैं। फर्म ने यह भी कहा था कि अध्ययन की ससमीक्षा नहीं की गई थी और इसे वैज्ञानिक रूप से डिजाइन नहीं किया गया था।