Vikrant Shekhawat : May 29, 2022, 05:40 PM
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आगामी 23 जून को होने वाले लोकसभा उपचुनाव में आजमगढ़ में कैंडिडेट उतारने का फैसला किया है। हालांकि पार्टी रामपुर में उपचुनाव नहीं लड़ेगी। बसपा की प्रदेश इकाई की दो दिवसीय जिला एवं मंडल स्तरीय समीक्षा बैठकों के बाद पार्टी प्रमुख मायावती ने रविवार को कहा कि बसपा सीमित संसाधनों वाली पार्टी है, जिसका मुकाबला बड़े-बड़े पूंजीपतियों और धन्नासेठों के धनबल पर चलने वाली विरोधी पार्टियों के साम, दाम, दंड, भेद आदि हथकंडों से लगातार होता रहता है। इसलिए पार्टी और इसके जनाधार को नुमाइशी व शाहखर्ची वाली बैठकों से दूर रहकर छोटी-छोटी कैडर बैठकों के बलबूते मजबूत बनाना होगा।
बयान के मुताबिक, बसपा की कैडर बैठक में उत्तर प्रदेश में आगामी 23 जून को होने वाले लोकसभा उपचुनाव में एक सीट पर कैंडिडेट उतारने का फैसला लिया गया है। इसमें कहा गया है कि बसपा आजमगढ़ संसदीय क्षेत्र में उपचुनाव लड़ेगी, लेकिन रामपुर लोकसभा सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारेगी।रामपुर को लेकर बसपा ने कही ये बातबसपा की तरफ से कहा गया है कि रामपुर क्षेत्र में पार्टी को अभी और मजबूत बनाने की जरूरत है। इसी वजह से वह उपचुनाव में कोई कैंडिडेट नहीं उतारेगी। हालांकि बसपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव में रामपुर में उम्मीदवार उतारने की बात कही है।23 जून को होगा आजमगढ़ और रामपुर में उपचुनावगौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने मैनपुरी के करहल विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित होने के बाद आजमगढ़ के सांसद पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं, सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान रामपुर से विधानसभा चुनाव जीतने के बाद रामपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद पद से इस्तीफा दे चुके हैं। इन नेताओं के इस्तीफे के बाद रिक्त हुई दोनों सीटों पर 23 जून को उपचुनाव के लिए मतदान निर्धारित है।
बसपा ने किया ये बड़ा दावाबसपा द्वारा जारी बयान में दावा किया गया है कि उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में खासकर दलित, आदिवासी, पिछड़ा और धार्मिक अल्पसंख्यक विरोधी नीति व कार्यशैली अपनाने वाली कांग्रेस पार्टी को सत्ता से उखाड़ फेंकने का दमखम रखने वाली बसपा ही गरीब विरोधी एवं धन्नासेठ समर्थक भारतीय जनता पार्टी की जड़ें हिलाने में सक्षम है।
बयान के मुताबिक, बसपा की कैडर बैठक में उत्तर प्रदेश में आगामी 23 जून को होने वाले लोकसभा उपचुनाव में एक सीट पर कैंडिडेट उतारने का फैसला लिया गया है। इसमें कहा गया है कि बसपा आजमगढ़ संसदीय क्षेत्र में उपचुनाव लड़ेगी, लेकिन रामपुर लोकसभा सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारेगी।रामपुर को लेकर बसपा ने कही ये बातबसपा की तरफ से कहा गया है कि रामपुर क्षेत्र में पार्टी को अभी और मजबूत बनाने की जरूरत है। इसी वजह से वह उपचुनाव में कोई कैंडिडेट नहीं उतारेगी। हालांकि बसपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव में रामपुर में उम्मीदवार उतारने की बात कही है।23 जून को होगा आजमगढ़ और रामपुर में उपचुनावगौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने मैनपुरी के करहल विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित होने के बाद आजमगढ़ के सांसद पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं, सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान रामपुर से विधानसभा चुनाव जीतने के बाद रामपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद पद से इस्तीफा दे चुके हैं। इन नेताओं के इस्तीफे के बाद रिक्त हुई दोनों सीटों पर 23 जून को उपचुनाव के लिए मतदान निर्धारित है।
बसपा ने किया ये बड़ा दावाबसपा द्वारा जारी बयान में दावा किया गया है कि उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में खासकर दलित, आदिवासी, पिछड़ा और धार्मिक अल्पसंख्यक विरोधी नीति व कार्यशैली अपनाने वाली कांग्रेस पार्टी को सत्ता से उखाड़ फेंकने का दमखम रखने वाली बसपा ही गरीब विरोधी एवं धन्नासेठ समर्थक भारतीय जनता पार्टी की जड़ें हिलाने में सक्षम है।