Sambhal Violence / आखिर क्यों भड़की संभल में हिंसा? घर छोड़कर जा रहे लोग

उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा भड़कने से तीन लोगों की मौत हो गई। प्रशासन ने इलाके में कर्फ्यू और इंटरनेट बंद कर दिया है। 15 लोग गिरफ्तार हुए हैं। पुलिस का कहना है कि सर्वे टीम ने वीडियोग्राफी पूरी कर ली है, जिसकी रिपोर्ट 29 नवंबर को पेश होगी।

Vikrant Shekhawat : Nov 24, 2024, 08:40 PM
Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा ने हालात तनावपूर्ण बना दिए हैं। इस घटना में तीन युवकों की मौत हो गई है, जबकि पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच झड़प में कई घायल हुए हैं। हिंसा के बाद इलाके में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं और भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।


क्या हुआ संभल में?

शनिवार सुबह कोर्ट के आदेश पर सर्वे करने पहुंची टीम का विरोध स्थानीय लोगों ने जमकर किया। जैसे ही एडवोकेट कमिश्नर और उनकी टीम मस्जिद में पहुंची, वहां करीब 300 लोगों की भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। हालात इतने बिगड़े कि पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। इस हिंसा में एसपी समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

हिंसा में तीन की मौत

हिंसा में नईम खान, बिलाल, और नोमान नामक तीन युवकों की मौत हो गई। मृतकों के परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने गोली चलाई, जिससे इनकी मौत हुई। हालांकि पुलिस ने इस आरोप को खारिज करते हुए दावा किया कि उन्होंने कोई गोली नहीं चलाई।

घर छोड़कर जाने लगे लोग

जामा मस्जिद के आसपास रहने वाले लोग डर के माहौल में अपने घर छोड़कर जाने लगे हैं। महिलाओं और बच्चों को सामान बांधकर इलाके से निकलते हुए देखा गया।


सर्वे पर विवाद: मस्जिद या मंदिर?

संभल में यह विवाद हिंदू पक्ष के उस दावे से शुरू हुआ, जिसमें कहा गया कि यह मस्जिद एक प्राचीन हिंदू मंदिर के स्थल पर बनी है। कोर्ट ने इस दावे की जांच के लिए मस्जिद का सर्वे करने का आदेश दिया था। एडवोकेट कमिश्नर विष्णु शंकर जैन ने बताया कि मस्जिद के अंदर का सर्वे और वीडियोग्राफी पूरी हो चुकी है। अब 29 नवंबर को कोर्ट में रिपोर्ट पेश की जाएगी।

हिंसा सुनियोजित थी?

एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने इस हिंसा को एक सुनियोजित साजिश बताया। उन्होंने कहा कि सर्वे टीम को डराने और जांच को रोकने के लिए हमला किया गया। जैन ने आरोप लगाया कि यह नेताओं के भड़काऊ बयानों का नतीजा था, जिनका मकसद था कि सच सामने न आ पाए।


प्रशासन का एक्शन

हिंसा और आगजनी के बाद पुलिस ने 15 लोगों को हिरासत में लिया है, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इलाके को पूरी तरह से सील कर दिया गया है, और पुलिस की टीमें संदिग्धों की पहचान के लिए वीडियो फुटेज की जांच कर रही हैं।

इंटरनेट सेवाएं बंद

तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए संभल में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। पुलिस हर गली और चौराहे पर गश्त कर रही है।


प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट पर बहस

एडवोकेट विष्णु शंकर जैन के अनुसार, जामा मस्जिद पर प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट लागू नहीं होता। उन्होंने कहा कि यह इमारत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की संरक्षित सूची में है, और ऐसे मामलों में यह एक्ट लागू नहीं होता।


अगले कदम

हिंसा के बावजूद सर्वे टीम ने अपना काम पूरा कर लिया है। अब कोर्ट में रिपोर्ट पेश होने के बाद ही आगे की कार्रवाई स्पष्ट होगी। इस घटना ने संभल के माहौल को तनावपूर्ण बना दिया है, और प्रशासन के लिए शांति बहाल करना सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।

निष्कर्ष

संभल की यह घटना धार्मिक विवादों और संवेदनशील मसलों के बीच शांति बनाए रखने की आवश्यकता को रेखांकित करती है। प्रशासन और समाज के लिए यह समय सतर्कता और समझदारी से काम लेने का है, ताकि झगड़ों के बजाय आपसी समाधान को प्राथमिकता दी जा सके।