नई दिल्ली / बीपीसीएल का होगा निजीकरण, सरकार बेचेगी ₹63000 करोड़ मूल्य की अपनी 53% हिस्सेदारी

केंद्रीय कैबिनेट ने भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (बीपीसीएल) के निजीकरण को मंज़ूरी दे दी है लेकिन असम स्थित नुमलीगढ़ रिफाइनरी में सरकार की 61.7% हिस्सेदारी निजीकरण का हिस्सा नहीं होगी। सरकार खरीदार को बीपीसीएल में अपनी 53.3% हिस्सेदारी बेचेगी जिसका बाज़ार मूल्य करीब ₹63,000 करोड़ है। वहीं, नुमलीगढ़ रिफाइनरी में सरकार की हिस्सेदारी सार्वजनिक क्षेत्र की अन्य कंपनी को दी जाएगी।

Live Hindustan : Nov 21, 2019, 01:57 PM
सरकार ने आर्थिक सुधारों के मोर्चे पर बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), भारतीय जहाजरानी निगम और कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया समेत पांच प्रमुख सार्वजनिक उपक्रमों में सरकार की हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी दे दी। इनमें हिस्सेदारी बेचने के साथ प्रबंधन नियंत्रण भी दूसरे हाथों में सौंपा जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी। वित्त मंत्री ने कहा कि इसके अलावा मंत्रिमंडल ने प्रबंधन नियंत्रण अपने पास रखते हुए चुनिंदा सार्वजनिक उपक्रमों में सरकार की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत से नीचे लाने को भी मंजूरी दी है।

वित्त मंत्री ने कहा कि बीपीसीएल के निजीकरण से पहले नुमालीगढ़ रिफाइनरी को उससे अलग किया जाएगा और किसी दूसरी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी द्वारा इसका अधिग्रहण किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 में 1.05 लाख करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य रखा है। सरकार को चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से अब तक 12,995.46 लाख करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं, जिसमें आईआरसीटीसी के आईपीओ से प्राप्त 637.97 करोड़ रुपये भी शामिल हैं।