Vikrant Shekhawat : Sep 26, 2021, 07:21 PM
चंडीगढ़: पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार रविवार को हुआ, जिसमें 15 नए मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। चन्नी कैबिनेट में कैबिनेट सरकार में मंत्री रहे नेताओं को भी जगह दी है तो कई नए चेहरों को भी शामिल किया गया है। महिला विधायक अरुणा चौधरी और रजिया सुल्ताना को भी मंत्री बनाया गया है।राजभवन में आयोजित शपथग्रहण समारोह में राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित 15 नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण करने वाले सभी 15 मंत्री कैबिनेट स्तर के हैं। कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले मनप्रीत सिंह बादल, ब्रह्म मोहिंदरा, अरूणा चौधरी, तृप्त रजिंदर सिंह बाजवा, सुखविंदर सिंह सरकारिया, रजिया सुल्ताना, विजेंद्र सिंह सिंगला, भरत भूषण आशु पिछली कैप्टन सरकार में भी कैबिनेट मंत्री थे।इनके अलावा 7 नए चेहरों में राणा गुरजीत सिंह, रणदीप सिंह नाभा, राज कुमार वेरका, संगत सिंह गिल्जियां, परगट सिंह, अमरिंदर सिंह राजा बडिंग और गुरकीरत सिंह कोटली ने कैबिनेट मंत्री के रूप में ग्रहण की।नए मंत्रियों के विभागों का वंटवारा आज देर शाम तक होने की संभावना है। शपथ ग्रहण समारोह के बाद पार्टी के प्रदेश मामलों के प्रभारी हरीश रावत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जिन वरिष्ठ नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है उनके बारे में पार्टी ने कुछ सोच रखा है। ऐसे नेताओं को पार्टी संगठन में समायोजित कर अहम जिम्मेदारियां दी जाएंगी। उन्होंने नए मंत्रिमंडल को हर लिहाज से संतुलित बताया और कहा कि इसमें सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व दिया गया है। कैप्टन सरकार के 5 मंत्रियों की छुट्टीनए मंत्रिमंडल में कैप्टन अमरिंदर के करीबी रहे 5 मंत्रियों की छुट्टी हो गई है। इनमें साधु सिंह धर्मसोत, बलवीर सिद्धू, राणा गुरमीत सोढ़ी, गुरप्रीत कांगड़ और सुंदर शाम अरोड़ा हैं। धर्मसोत पर जहां पोस्टमैट्रिक छात्रवृत्ति में कथित तौर पर घोटाले के आरोप हैं वहीं सोढी, सिद्धू और अरोड़ा कैप्टन के खासमखास हैं। कांगड़ अपने दामाद को सरकारी नौकरी दिलाने के कारण निशाने पर रहे हैं।विरोध के बावजूद गुरजीत को मौकाचरणजीत सिंह चन्नी ने राणा गुरजीत सिंह को पार्टी में विरोध के बावजूद मंत्री बनाया है। मंत्रिमंडल विस्तार से कुछ घंटे पहले राज्य के कुछ कांग्रेस नेताओं ने रविवार को पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू को पत्र लिखकर मांग की कि 'दागी' पूर्व मंत्री राणा गुरजीत सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। इन नेताओं का कहना है कि मंत्री पद उनकी (राणा गुरजीत) जगह साफ छवि वाले दलित नेता को दिया जाना चाहिए।