AMAR UJALA : Dec 07, 2019, 05:03 PM
उन्नाव | उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता ने शुक्रवार की रात 11.40 बजे सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। गुरुवार(5 दिसंबर) सुबह जब वह उन्नाव स्थित अपने घर से स्टेशन के लिए निकली, तब दुष्कर्म के आरोपियों ने उसे जलाकर मारने की कोशिश की थी। वह लगभग 90 फीसदी जल चुकी थी इसलिए उसकी हालक नाजुक हो गई थी। उसे एयरलिफ्ट कर लखनऊ से दिल्ली लाया गया था।उन्नाव पीड़िता की मौत के बाद मिडिया के सामने आए उसके भाई ने दुखी होते हुए कि, मैं अपनी बहन को नहीं बचा पाया। अब मैं सरकार और पुलिस से मांग करता हूं कि मेरी बहन इस दुनिया में नहीं है तो आरोपी को भी मौत मिलनी चाहिए। भाई ने बताया कि बहन को हमने वादा किया था कि उसे बचा लेंगे पर नहीं बचा पाए। हम आरोपी को भी सजा दिलवाकर रहेंगे। जब भाई से पीड़िता के अंतिम संस्कार के बारे में पूछा गया तो वह बोले कि अपनी बहन के शव को न गंगा में बहाएंगे, न ही आग के हवाले करेंगे, उसे धरती मैया की गोद में दफनाएंगे।ऐसे बिगड़ी तबीयतसफदरजंग अस्पताल के एचओडी डॉ. शलभ कुमार ने बताया कि रात करीब साढ़े आठ बजे वेंटीलेटर पर हरकत हुई और पीड़िता का ब्लड प्रेशर गिरने लगा। डॉक्टरों ने एक साथ दवाओं की डोज शुरू की साथ ही उसके हाथ पैरों को मलना शुरू किया। इससे रात 9.25 बजे ब्लड प्रेशर थोड़ा ठीक हुआ, लेकिन 11.10 पर फिर से हालत बिगड़ी, आनन फानन में डॉक्टरों की टीम ने उसे दो इंजेक्शन दिए लेकिन 11.30 कार्डियक अटैक आने से उसकी धड़कनोें की गति कम होने लगी और ब्लड प्रेशर भी कम होता गया। इसके बाद 11. 40 मिनट पर पीड़िता को मृत घोषित कर दिया गया।क्या थे पीड़िता के आखिरी शब्दनब्बे फीसदी जली हुई उन्नाव की रेप पीड़िता की आवाज ढंग से नहीं निकल रही थी। जलने की वजह से उसके गले की श्वांस और आहार नली पूरी तरह से सूज चुकी थीं। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में जब उन्नाव की जलाई गई रेप पीड़िता बृहस्पतिवार की रात नौ बजे पहुंची तो वह डॉक्टरों से कुछ कहना चाह रही थी। पीड़िता के पास में खड़े अस्पताल के बर्न यूनिट के हेड डॉ. शलभ और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुनील गुप्ता ने बताया कि उसके मुंह से निकली हुई बातें इतनी ही समझ में आ रहीं थी कि वह जानना चाह रही थी कि वह बच जाएगी न।डॉक्टरों ने बताया कि उसने इशारों में और हल्की आवाज में कहा कि वह मरना नहीं चाहती है। उसने यह भी कहा कि उसके साथ ऐसा करने वाला कोई बचे न। थोड़ी बहुत बात करते करते वह पूरी तरह से निढाल हो गई। पीड़िता को तुरंत वेंटीलेटर पर रखा गया क्योंकि नब्बे फीसदी तक जलने से उसके शरीर में बहुत लिक्विड बह चुका था।