Cancer Treatment / 100 रुपये के गोली से होगा कैंसर का इलाज, भारत ने खोजी दवा

मुंबई में टाटा इंस्टीट्यूट ने कैंसर के इलाज में एक अभूतपूर्व खोज की घोषणा की है. एक दशक के शोध के बाद, उन्होंने एक ऐसी गोली विकसित की है जो कैंसर को दोबारा होने से रोक सकती है और उपचार के दुष्प्रभावों को 50 फीसदी तक कम कर सकती है. इस खोज को ब्रेकथ्रू डिस्कवरी भी कह सकते है. यह टैबलेट सिर्फ 100 रुपये में उपलब्ध होने की उम्मीद है, जिससे यह बड़ी आबादी के लिए सुलभ हो जाएगी

Vikrant Shekhawat : Feb 28, 2024, 12:47 PM
Cancer Treatment : मुंबई में टाटा इंस्टीट्यूट ने कैंसर के इलाज में एक अभूतपूर्व खोज की घोषणा की है. एक दशक के शोध के बाद, उन्होंने एक ऐसी गोली विकसित की है जो कैंसर को दोबारा होने से रोक सकती है और उपचार के दुष्प्रभावों को 50 फीसदी तक कम कर सकती है. इस खोज को ब्रेकथ्रू डिस्कवरी भी कह सकते है.


बता दें कि टाटा इंस्टीट्यूट के रिसर्च और डॉक्टरों ने एक टैबलेट एडवांस किया है जिसके बारे में उनका दावा है कि यह कैंसर को दोबारा होने से भी रोक सकता है. आगे कहा कि रेडिएशन और कीमोथेरेपी जैसे ट्रीटमेंट के साइड इफेक्ट को 50 फीसदी तक कम कर सकता है. 'आर+सीयू' नाम की इस टैबलेट में रेस्वेराट्रोल और कॉपर के साथ प्रो-ऑक्सीडेंट टैबलेट हैं, जो पेट में ऑक्सीजन रेडिकल्स क्रिएट करते हैं. ये रेडिकल्स मरती हुई कैंसर सेल द्वारा छोड़े गए क्रोमेटिन पार्टिकल्स को नष्ट कर देते हैं, जिससे वे स्वस्थ सेल को कैंसरग्रस्त बनने से रोकते हैं. यह प्रक्रिया कैंसर सेल को शरीर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में जाने से भी रोकती है, जिसे 'मेटास्टेस' कहा जाता है.


लोगों के लिए किफायती

मीडिया से बता करते समय टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के डॉक्टर ने बताया कि इस टैबलेट की साइड इफेक्ट चूहों पर टेस्ट किया जा रहा है, जिसके परिणाम आशाजनक रहे हैं. हालांकि, ह्यूमन ट्रायल अभी पूरा नहीं हुआ है. साथ ही कहा कि टैबलेट को भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) से मंजूरी का इंतजार है.


इस टैबलैट के बाजार में आने से लोगों को काफी फायदा होगा. कैंसर के इलाज में लाखों से करोड़ों का खर्च लगता है. यह टैबलेट सिर्फ 100 रुपये में उपलब्ध होने की उम्मीद है, जिससे यह बड़ी आबादी के लिए सुलभ हो जाएगी.


कैसे काम करती है ये गोली?

शोधकर्ताओं के अनुसार, मरने वाली कैंसर Cancer) कोशिकाएं छोटे टुकड़ों में टूट जाती हैं, जिन्हें क्रोमेटिन कण कहा जाता है। ये कण रक्तप्रवाह के माध्यम से शरीर के अन्य भागों में जा सकते हैं और स्वस्थ कोशिकाओं को कैंसरग्रस्त कर सकते हैं।

इस समस्या का समाधान खोजने के लिए, शोधकर्ताओं ने चूहों को रेस्वेराट्रॉल और कॉपर (R+Cu) युक्त गोलियां दीं। R+Cu शरीर में ऐसे पदार्थ बनाते हैं जो क्रोमेटिन कणों को नष्ट कर देते हैं।


गोली के फायदे:

- डॉक्टरों का दावा है कि यह गोली कीमोथेरेपी (Chemotherapy) के दुष्प्रभावों को 50% तक कम कर सकती है।

- कैंसर Cancer) दोबारा होने की संभावना को 30% तक कम कर सकती है।

- यह अग्नाशय, फेफड़े और मुंह के कैंसर के लिए भी प्रभावी हो सकती है।

- इसकी कीमत सिर्फ ₹100 होगी।


अगला चरण:

- इस गोली को अभी खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) से मंजूरी मिलने का इंतजार है।

-मंजूरी मिलने के बाद, जून-जुलाई से बाजार में उपलब्ध हो सकती है।

हालांकि, कैंसर को रोकने में असरकारिता की रोकथाम के दावे के लिए मानव परीक्षणों में अभी 5 साल लगेंगे।