CBSE Exams 2020 / 12th 10th CBSE Exams 2020 : सीबीएसई 10वीं 12वीं की शेष परीक्षाओं पर फैसला आज हो सकता है

केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की बची हुई परीक्षाओं को लेकर 22 जून को महत्वपूर्ण फैसला हो सकता है। 1 से 15 जुलाई के बीच अभी ये परीक्षाएं प्रस्तावित हैं। उच्चतम न्यायालय सीबीएसई को पिछले सप्ताह 10वीं 12वीं की बची परीक्षाएं रद्द करने और इंटरनल असेसमेंट के आधार पर रिजल्ट जारी करने पर विचार करने को कह चुका है। सीबीएसई को इसके लिए मंगलवार (23 जून) तक का समय दिया गया था।

Vikrant Shekhawat : Jun 22, 2020, 10:50 AM
CBSE 10th 12th Exams 2020: केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की बची हुई परीक्षाओं को लेकर 22 जून को महत्वपूर्ण फैसला हो सकता है। 1 से 15 जुलाई के बीच अभी ये परीक्षाएं प्रस्तावित हैं। उच्चतम न्यायालय सीबीएसई को पिछले सप्ताह 10वीं 12वीं की बची परीक्षाएं रद्द करने और इंटरनल असेसमेंट के आधार पर रिजल्ट जारी करने पर विचार करने को कह चुका है। सीबीएसई को इसके लिए मंगलवार (23 जून) तक का समय दिया गया था। अब बोर्ड का कहना है कि वह स्थिति के अनुसार दिशा-निर्देश देगा। मामले की सुनवाई 23 जून को होगी। बताया जा रहा है कि यदि सीबीएसई 10वीं 12वीं की शेष परीक्षाएं रद्द करता है तो आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर विद्यार्थियों को ग्रेड दिए जा सकते हैं। यह ग्रेडिंग सिस्टम पूरे देश में लागू होगा। ग्रेड देते समय उन पेपरों में स्टूडेंट्स का प्रदर्शन देखा जा सकता है जो हो चुके हैं।  

आगे बढ़ सकती है NEET , JEE की डेट यदि परीक्षाएं टलीं

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड इन परीक्षाओं को स्थगित करती है या रद्द करती है तो इसका असर मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्ष JEE कि तिथियों पर भी पड़ेगा। जेईई के मैन एग्जाम 18 से 23 जुलाई के बीच, जबकि नीट 26 जुलाई को होनी प्रस्तावित हैं।

सुप्रीम कोर्ट कर रहा है सुनवाई

सनद रहे कि शीर्ष अदालत इन कक्षाओं के विद्यार्थियों के परिजनों के एक समूह की याचिका पर सुनवाई कर रही है। याचिकाकताओं ने कोरोना महामारी के बीच सीबीएसई से बोर्ड की बची परीक्षाएं रद्द करने की मांग की है। पेरेंट्स का कहना है कि ऐसी स्थिति में एग्जाम देने से बच्चों के लिए खतरा पैदा हो सकता है। उनकी मांग है कि इंटरनल असेस्मेंट के आधार पर स्टूडेंट्स का रिजल्ट घोषित किया जाए। 

कुछ बातों को लेकर अभी भी असमंजस

इन नियमों के तहत नपरीक्षा शुरू होने में करीब एक सप्ताह बाकी है लेकिन कुछ बातों को लेकर अभी भी कंफ्यूजन है। सवाल है कि कन्टेनमेंट जोन में रह रहे उन छात्रों का क्या किया जाए जो परीक्षा में नहीं बैठ सकेंगे। अगर सीबीएसई कन्टेनमेंट जोन से स्टूडेंट्स को परीक्षा केंद्र बुलाने का फैसला करती है तो इसके लिए भी केंद्रीय गृह मंत्रालय से फैसला लेना होगा। कुछ अधिकारियों का यह भी कहना है कि दिल्ली जैसे बहुत से शहरों में कई स्कूलों को क्वारंटाइन सेंटर में बदल दिया गया है। केंद्रीय विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय भी इसमें शामिल हैं। 

छात्रों की सुरक्षा खतरे में नहीं डालेंगे

देश के मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने पिछले सप्ताह सीबीएसई बोर्ड के चेयरमैन और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के प्रमुख के साथ इस विषय पर चर्चा की थी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय का रुख साफ है कि वह कोरोना के बीच छात्रों की सुरक्षा को खतरे में नहीं डालेगा। यह रुख इस विषय पर निर्णय करने में और सक्षम होगा।

दिल्ली के डिप्टी सीएम सिसोदिया ने की परीक्षा रद्द करने की मांग

दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने मानव संसाधन विकास मंत्री से 1 जुलाई से शुरू होने जा रही सीबीएसई 10वीं 12वीं की शेष परीक्षाओं को रद्द करने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस संक्रमण की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए स्टूडेंट्स को इंटरनल असेसमेंट (आंतरिक परीक्षा मूल्यांकन) के आधार पर उत्तीर्ण कर दिया जाए।

स्कूल संचालन हैं तनाव में

सीबीएसई 10वीं 12वीं और आईसीएसई की परीक्षाओं से पहले दिल्ली के स्कूल टेंशन में हैं। वजह है राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों का तेजी से बढ़ना। स्कूलों को चिंता है कि तेजी से फैलती कोविड-19 महामारी के माहौल में 1 जुलाई से बोर्ड परीक्षाएं कैसे आयोजित की जाएंगी। क्या ऐसे समय में हजारों बच्चों की परीक्षाएं कराना सही रहेगा? स्कूल प्रशासन भी इस बात को लेकर चिंता में हैं कि स्टूडेंट्स को स्कूल परिसर में आने के बाद एक दूसरे से दूर कैसे रखा जाएगा। पेपर के बारे में वह काफी एक दूसरे से विचार विमर्श करते हैं। बार बार सीटों को सैनिटाइज करने के लिए अतिरिक्त स्टाफ की भी जरूरत पड़ेगी।

अभिभावक बोले, रद्द हों CBSE 12वीं के बचे हुए पेपर, बच्चों पर कोरोना का खतरा, SC में याचिका

सरकारी स्कूलों की और भी ज्यादा चिंताएं हैं। बहुत से सरकारी स्कूल राशन वितरण केंद्र में तब्दील कर दिए गए हैं। अब स्कूल हेड की योजना है कि बच्चों और राशन लेने वालों की एंट्री अलग अलग गेट से हो। बहुत से प्रिंसिपलों ने शिकायत की है कि स्कूल की कई कर्मचारियों ने आने से मना कर दिया है।