सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (CBSE) और फेसबुक ने 'डिजिटल सुरक्षा और ऑनलाइन कल्याण' और 'संवर्धित वास्तविकता' (ऑग्मेंटेड रियलिटी) पर टीचर्स और स्टूडेंट्स के लिए एक ट्रेनिंग कोर्स शुरू किया है। यह कोर्स मॉड्यूल सेकंडरी स्कूल के स्टूडेंट्स के लिए डिजाइन किया गया है। यह पाठ्यक्रम CBSE की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने दी जानकारी
इस बारे में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट कर जानकारी दी कि शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए डिजिटल सुरक्षा और ऑग्मेंटेड रियलिटी संबंधी प्रमाणित कार्यक्रम शुरू करने के लिए CBSE और फेसबुक के बीच हुई साझेदारी के लिए बधाई देता हूं। CBSE अधिकारियों के मुताबिक, इसका मकसद स्टूडेंट्स को ऑनलाइन सुरक्षा से अवगत कराना और भविष्य के कार्यों के लिए तैयार करना है।
10,000 टीचर्स की होगी ट्रेनिंग
पाठ्यक्रम के तहत सुरक्षा, निजता, मानसिक स्वास्थ्य आदि शामिल हैं। पाठ्यक्रम को इस तरह से तैयार किया गया है कि स्टूडेंट एक जिम्मेदार डिजिटल यूजर बने और खतरे या शोषण की पहचान और इसकी रिपोर्ट कर सकें। सेंटर फॉर सोशल रिसर्च द्वारा शुरू इस ट्रेनिंग में कम से कम 30,000 स्टूडेंट्स को शामिल किया जाएगा। इस समझौते के तहत CBSE को पाठ्यक्रम के तौर पर आर्टिफिशयल रियलिटी शुरू करने में मदद फेसबुक करेगा। इसके पहले चरण में 10,000 टीचर्स को ट्रेनिंग दी जाएगी।
6 जुलाई से शुरू रजिस्ट्रेशन प्रोसेस
तीन हफ्ते के इस ट्रेनिंग प्रोग्राम को बैचों में आयोजित किया जाएगा। डिजिटल सिक्योरिटी के तहत स्टूडेंट्स को इंस्टाग्राम टूलकिट के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसमें रजिस्ट्रेशन की प्रोसेस 6 से 20 जुलाई तक चलेगी। टीचर्स का ट्रेनिंग प्रोग्राम 10 अगस्त और स्टूडेंट्स के लिए यह प्रोग्राम 6 अगस्त से शुरू होगा। CBSE और फेसबुक की इस ट्रेनिंग में शामिल होने वालों को कोर्स पूरा होने पर ई-सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा।