Dainik Bhaskar : Mar 22, 2019, 01:53 PM
रिलिजन डेस्क. चाणक्य नीति के पहले अध्याय के चाैथे श्लोक में सफलता का सूत्र बताया गया है। इस चाणक्य नीति में 3 ऐसे लोगों के बारे में बताया है जो सफलता और तरक्की में रुकावट बनते हैं। चाणक्य नीति के अनुसार सफलता और तरक्की चाहने वालों को ऐसे लोगों से दूरी बना लेनी चाहिए। ऐसे लोग नौकरी और बिजनेस के अलावा हर क्षेत्र में मिलते हैं। आचार्य चाणक्य ने अपने नीति ग्रंथ में जो बाते बताई हैं वो आज के समय और परिस्थितियों में भी सच होती हैं।चाणक्य नीति का श्लोकमूर्खशिष्योपदेशेन दुष्टस्त्रीभरणेन च ।दुःखितैः संप्रयोगेण पण्डितोऽप्यवसीदति चाणक्य नीति के इस श्लोक में बताया है कि मूर्ख शिष्य को उपदेश नहीं देना चाहिए। इसका मतलब ये है कि आपके आसपास या साथ में कोई मूर्ख व्यक्ति हो तो उसे समझाने या सीखाने में समय खराब नहीं करना चाहिए। इसका असर अपनी सफलता और तरक्की पर पड़ता है।चाणक्य नीति कहती है कि दुष्टस्त्री से दूर रहना चाहिए। यानी ऐसी महिलाओं से बचकर रहना चाहिए जो बुरे स्वभाव की हैं। अपनी मर्यादाओं को ध्यान में नहीं रखने वाली, जोर से बोलने वाली, बिना सोचे-समझे बोलने और काम करने वाली महिलाओं से बचकर रहना चाहिए। ऐसी महिलाएं आपके संपर्क में हो तो उनसे दूरी बना लेना चाहिए। ऐसी महिलाएं अन्य पुरुषों से भी ज्यादा खतरनाक होती हैं। चाणक्य नीति के अनुसार कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो बिना बात दुखी रहते हैं। यानी हम कह सकते हैं कि वो लोग जो हमेशा नेगेटिव सोचते हैं। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि ऐसे लोगों से हमेशा दूर रहना चाहिए। ये लोग खुद तो कुछ नहीं करते और आपको भी हर काम करने से रोकते हैं। ऐसे लोगों के नकारात्मक विचारों से आपकी तरक्की में भी रुकावटें आती हैं।