देश / किसानों से धोखा : 30 जुलाई के बाद बुआई तो बीमा क्लेम नहीं

फसल बीमा अधिसूचना की शर्तें कर सकती है कबाड़ा, जुलाई के बाद बोई गई फसलों के खराबे पर नहीं मिलेगा क्लेम, जबकि 30 फीसदी बुआई अगस्त में हुई - फसल बीमा की अधिसूचना में ऐसी-ऐसी शर्तें, किसानों को क्लेम मिलना मुश्किल,जी हां, खरीफ-2021 व रबी 2021-22 के लिए जारी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अधिसूचना में ऐसी कई शर्तें थोपी गई हैं, जिनके कारण जिले के किसानों को बीमा योजना का लाभ मिलना मुश्किल है।

Vikrant Shekhawat : Sep 25, 2021, 11:17 AM
फसल बीमा अधिसूचना की शर्तें कर सकती है कबाड़ा, जुलाई के बाद बोई गई फसलों के खराबे पर नहीं मिलेगा क्लेम, जबकि 30 फीसदी बुआई अगस्त में हुई - फसल बीमा की अधिसूचना में ऐसी-ऐसी शर्तें, किसानों को क्लेम मिलना मुश्किल

नागौर. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर किसान जागरूक होने लगे तो कम्पनियों ने सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर अधिसूचना में ऐसी-ऐसी शर्तें लगाई गई हैं कि इस बार किसानों को फसलें खराब होने के बावजूद क्लेम मिलना मुश्किल हो जाएगा। चिंता की बात यह है कि धरातलीय स्थिति से अनभिज्ञ सरकारी अधिकारी भी बिना सोचे-समझे ऐसी अधिसूचना पर हस्ताक्षर कर देते हैं, जो किसानों के लिए फायदे की बजाए जेब काटने वाली योजना बन जाती है।जी हां, खरीफ-2021 व रबी 2021-22 के लिए जारी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अधिसूचना में ऐसी कई शर्तें थोपी गई हैं, जिनके कारण जिले के किसानों को बीमा योजना का लाभ मिलना मुश्किल है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस बार अधिसूचना में फसलों की बुआई व कटाई का अंतिम समय निर्धारित कर दिया, जिसके अनुसार नागौर जिले में 31 जुलाई तक सभी खरीफ फसलों की बुआई हो जानी थी, जबकि कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 29 जुलाई तक जिले में 70 फीसदी बुआई हो पाई थी, यानी जिले के 30 फीसदी क्षेत्र में अगस्त में बुआई हुई, जहां के किसानों ने भले ही फसल बीमा का प्रीमियम दिया हो, लेकिन उन्हें योजना का फायदा नहीं मिलेगा।इसी प्रकार फसलों की कटाई का समय भी निर्धारित है, जिसके अनुसार मूंग, मोठ, चंवला की कटाई 30 सितम्बर तक हो जानी चाहिए। गौरतलब है कि नागौर जिले के कई क्षेत्रों में बारिश देरी से होने के कारण न तो समय पर बुआई हो पाई और न ही कटाई हो पाएगी।

बारिश में ‘पानी-पानी’ हो रही फसलें

पिछले कुछ दिन से जिले में हो रही बारिश अगेती फसलों को जमकर नुकसान पहुंचा रही है। जायल, मूण्डवा, मेड़ता, खींवसर, डेगाना, रियां आदि तहसील क्षेत्रों में मूंग की फसल पक चुकी है, लेकिन लगातार बारिश होने से कहीं कटी हुई फसल पानी में डूब गई है तो कहीं खड़े मूंगों की फलियां भीगने से मूंग के दाने अंकुरित हो रहे हैं। वहीं जिन क्षेत्रों में खेतों में बाजरा व ज्वार की फसल बोई हुई है, वहां भी बारिश के साथ तेज हवा होने से खराबा हो रहा है। बुधवार को नागौर, मूण्डवा व खींवसर क्षेत्र में हुई बारिश के दौरान तेज हवा चलने से ज्वार व बाजरा की फसल जमीन पर आड़ी पड़ गई। किसानों ने बताया कि पकने पर आई बाजरा व ज्वार के पौधे जमीन पर गिरने से पूरी फसल खराब हो गई है।

बीमा कम्पनी का टोल फ्री नम्बर ‘नोट रिचेबल पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश खरीफ फसलों को फायदा कम और नुकसान ज्यादा पहुंचा रही है। किसानों का कहना है कि अब बर्बादी की बारिश हो रही है। वहीं फसलों का बीमा करवाने वाले किसान क्लेम की आस में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कम्पनी के टोल फ्री नम्बर 18001024088 पर कॉल कर रहे हैं, लेकिन फोन रिसिव नहीं हो रहा है। सिणोद निवासी सुरेन्द्र जाजड़ा ने बताया कि बुधवार को बारिश से हुए नुकसान के बाद कम्पनी के टोल फ्री नम्बर पर फोन किया तो नोट रिचेबल आ रहा था। यही शिकायत अन्य किसानों ने की।

नियम 72 घंटे में बीमा कम्पनी को सूचना देने का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत बीमित कृषकों को बेमौसम वर्षा, ओलावृष्टि एवं चक्रवात आदि से फसलों को नुकसान होने की दशा में 72 घण्टे में जिले में कार्यरत बीमा कम्पनी रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लि. के टोल फ्री नम्बर एवं लिखित में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कम्पनी के प्रतिनिधि जो जिला एवं तहसील स्तर पर कार्यरत हैं या बैंक व कृषि विभाग के कार्मिक को सूचना मय पूर्ण विवरण (कृषक का नाम, मोबाइल नम्बर, आधार नम्बर, कृषक आईडी, बैंक का नाम, बैंक खाता संख्या, आईएफएसी कोड, खसरा नम्बर, प्रभावित फसल का नाम, पटवार सर्किल, गांव जिसमें फसल स्थित है) को उपलब्ध करवाने के लिए जानकारी दें।

इन नम्बर पर भी दे सकते हैं फसल नुकसान की सूचना - अभिलाष सिंह, जिला प्रबंधक नागौर कार्यालय उपनिदेशक कृषि (विस्तार) जिला परिषद नागौर, मो. 9919990075 - तेजाराम राव, जिला स्तर कार्यालय उपनिदेशक कृषि (विस्तार) जिला परिषद, नागौर मो. 8107480731 - महिपाल सिंह, किसान सेवा केन्द्र नागौर, मो. 7014478560 - पुरबाराम, किसान सेवा केन्द्र खींवसर, मो. 9983364638 - चेतनराम, किसान सेवा केन्द्र मेड़ता, मो. 8005680032 - लक्ष्मणदास, किसान सेवा केन्द्र रियांबड़ी, मो. 9667829027 - पवन शर्मा, किसान सेवा केन्द्र डेगाना, मो. 8502018474 - हंसराज, किसान सेवा केन्द्र मूण्डवा, मो. 9982595868 - महेन्द्र गोदारा, किसान सेवा केन्द्र जायल, मो. 8560010051 - राकेश यादव, किसान सेवा केन्द्र कुचामनसिटी, मो. 7689989086 - राधेश्याम, किसान सेवा केन्द्र लाडनूं, मो. 7678698203 - मुकेशराम, किसान सेवा केन्द्र परबतसर, मो. 9636322852 - रिजवान खान, किसान सेवा केन्द्र डीडवाना, मो. 9001688187 - मुकेश कुमार, किसान सेवा केन्द्र मकराना, मो. 9829351445 - प्रवीण तिवारी, किसान सेवा केन्द्र नावां, मो. 7689810913

कलक्टर के प्रयासों से बंधी उम्मीद नागौर जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की क्लेम राशि के बकाया भुगतान संबंधी प्रकरणों के निस्तारण को लेकर जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने पिछले एक साल में काफी अच्छे प्रयास किए हैं। कलक्टर सोनी पिछले सालों के लम्बित प्रकरणों में जिले के 10 हजार 473 किसानों को 11 करोड़ 64 लाख का फसल बीमा क्लेम राशि का करवाया, जिसके बाद किसानों को भी उम्मीद बंधी है और इस बार फसल खराबे की सूचना देकर सर्वे करवा रहे हैं, लेकिन कम्पनी के कार्मिक न तो समय पर सर्वे करने पहुंच रहे हैं और न ही उनके फोन लग रहे हैं।

बात करता हूं बीका कम्पनी का टोल फ्री नम्बर को लेकर मैं स्टेट कॉर्डिनेटर से बात करता हूं। वैसे किसान एप के माध्यम से भी अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। - शंकरराम बेड़ा, उप निदेशक, कृषि विभाग, नागौर