नई दिल्ली / चिदंबरम जेल से भी अहम गवाहों पर 'काफी प्रभाव' डाल रहे: सुप्रीम कोर्ट में ईडी

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सुप्रीम कोर्ट में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की ज़मानत याचिका का विरोध करते हुए कहा है कि वह जेल से भी अहम गवाहों पर 'काफी प्रभाव' डाल रहे हैं। गौरतलब है कि कोर्ट ने गुरुवार को आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्डरिंग केस में ईडी वाले मामले में चिदंबरम की ज़मानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया।

Live Hindustan : Nov 28, 2019, 06:21 PM
आईएनएक्स मी़डिया मामले में हिरासत में 100 दिन बिता चुके पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को लेकर जांच एजेंसी के लिए पेश होने वाले केंद्र के दूसरे सबसे वरिष्ठ कानून अधिकारी तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को बताया कि एक गवाह ने चिदंबरम के साथ आमने-सामने आने से इनकार कर दिया "क्योंकि वह बहुत शक्तिशाली है"। दो अन्य गवाह भी पीछे हट गए हैं। यह दर्शाता है कि गवाह डरे हुए हैं।"

बता दें कि पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के लिए बुधवार को स्पेशल कोर्ट ने न्यायिक हिरासत 11 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दी। चिदंबरम ने कोर्ट द्वारा ईडी के तर्कों को खारिज किए जाने के बावजूद उनकी जमानत अर्जी खारिज होने पर नाराजगी जाहिर की थी। चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ से कहा कि हाई कोर्ट ने सबूतों से छेड़छाड़ और मेरे भाग निकलने के डर से मेरी जमानत याचिक खारिज कर दी है। वहीं उनके वकीन कपिल सिब्बल ने कहबा कि कोर्ट ने आरोप गंभीर होने के चलते चिदंबरम की बेल याचिका खारिज की है। 

सिब्बल ने पीठ का नेतृत्व कर रहे जस्टिस आर बानूमति से बुधवार को कहा था कि अगर अदालत की गंभीर आरोप वाली दलील स्वीकार हो जाती है तो हमें कभी जमानत नहीं मिलेगी। कपिल सिब्बल ने यह भी कहा कि चिदंबरम को जेल में रखना उच्च न्यायालय के तनाव की ओर इशारा करता है, इससे गलत संदेश जाता है। चिदंबरम के लिए बहस करते हुए सिब्बल ने कहा कि-“ऐसा लगता है जैसे मैं कुछ रंगा बिल्ला हूं। अगर मुझे जमानत पर रिहा नहीं किया जाता है, तो यह इस देश को एक गलत संदेश देगा।” बता दें कि रंगा और बिल्ला बॉम्बे को दो खतरनाक अपराधी थे जो आर्थर रोड जेल से रिहा होने के तुरंत बाद दिल्ली आ गए थे। उन्होंने अगस्त 1978 में दो किशोरों का अपहरण कर उन्हें बर्बरता से मार डाला था।