चीन के सबसे अमीर कारोबारी जैक मा के अलीबाबा ग्रुप की फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी एंट ग्रुप, इस हफ्ते दुनिया का सबसे बड़ा IPO लाई। कंपनी ने 35 अरब डॉलर के शेयर जारी किए थे, लेकिन सब्सक्रिप्शन के आखिरी दिन शुक्रवार तक कंपनी को 3 ट्रिलियन डॉलर यानी 222 लाख करोड़ रुपए की बिड्स मिलीं। यह रकम (3 ट्रिलियन डॉलर) दुनिया की पांचवीं बड़ी इकोनॉमी वाले देश भारत की GDP (2.94 ट्रिलियन डॉलर) से भी 2% ज्यादा है।
इन 3 देशों की GDP 3 ट्रिलियन डॉलर से कम
देश | GDP |
भारत | 2.94 ट्रिलियन डॉलर |
ब्रिटेन | 2.83 ट्रिलियन डॉलर |
फ्रांस | 2.71 ट्रिलियन डॉलर |
अरामको के IPO ने अलीबाबा का रिकॉर्ड तोड़ा था, अब अरामको फिर अलीबाबा से पीछे
सऊदी अरब की तेल कंपनी सऊदी अरामको पिछले साल 29.4 अरब डॉलर का IPO लाई थी। तब यह अलीबाबा के 2014 में आए इश्यू (25 अरब डॉलर) को पीछे छोड़ दुनिया का सबसे बड़ा IPO बना था। लेकिन, अब अलीबाबा फिर आगे हो गया है, क्योंकि एंट ग्रुप अलीबाबा की ही कंपनी है।
दुनिया के 10 सबसे बड़े IPO
एंट ग्रुप | 35 अरब डॉलर |
सऊदी अरामको | 29.4 अरब डॉलर |
अलीबाबा | 25 अरब डॉलर |
सॉफ्ट बैंक | 21.1 अरब डॉलर |
AIA | 20.4 अरब डॉलर |
वीजा | 19.7 अरब डॉलर |
GM | 18.1 अरब डॉलर |
ENEL | 17.4 अरब डॉलर |
ICBC | 16.1 अरब डॉलर |
NTT डोकोमो | 16 अरब डॉलर |
एंट ग्रुप के IPO की डिमांड इतनी कि ब्रोकरेज फर्मों के प्लेटफॉर्म क्रैश हो गए
कंपनी ने हॉन्गकॉन्ग और शंघाई के शेयर बाजारों के लिए IPO जारी किया था। इसे जिस तरह रेस्पॉन्स मिला, उससे कई ब्रोकरेज हाउसेज के प्लेटफॉर्म क्रैश हो गए। शंघाई में रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए जारी शेयरों की तुलना में 872 गुना ज्यादा बिड्स मिलीं। उधर, हॉन्गकॉन्ग में 389 गुना ज्यादा शेयरों की डिमांड आई।
इश्यू की इतनी डिमांड की वजह क्या?
एंट ने 2004 में पेमेंट सेवा शुरू की थी। सिर्फ 16 साल में ही बड़ा एंपायर खड़ा कर दिया। कंपनी शॉर्ट टर्म लोन देती है, सुविधा ऐसी है कि एक मिनट में ग्राहकों के खातों में पैसे पहुंच जाते हैं। कंपनी बीमा और निवेश प्रोडक्ट भी बेचती है। अब दुनिया का सबसे बड़ा IPO लाई है। निवेशकों को भरोसा है कि कि कंपनी आगे भी चीन में फाइनेंशियल सर्विसेस के डिजिटाइजेशन से फायदा उठाएगी।
शेयर लिस्टिंग 5 नवंबर को होगी
एंट ग्रुप के शेयर की ट्रेडिंग शंघाई और हॉन्गकॉन्ग के बाजारों में 5 नवंबर से यानी अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव के 2 दिन बाद शुरू होगी। यानी अमेरिकी चुनावों का दुनिया के शेयर बाजारों पर बड़ा असर होता है तो, एंट ग्रुप की लिस्टिंग पर भी असर पड़ सकता है।
भारत के अब तक के बड़े आईपीओ
कंपनी | साल | जुटाई गई रकम |
रिलायंस पावर | 2008 | 11,560 करोड़ रुपए |
कोल इंडिया | 2010 | 15,199 करोड़ रुपए |
डीएलएफ | 2009 | 9,187 करोड़ रुपए |
केयर्न | 2007 | 8,616 करोड़ रुपए |
भारत में हालांकि बहुत बड़े आईपीओ अब तक नहीं आए हैं। सबसे बड़ा आईपीओ कोल इंडिया का रहा है जो 2010 में आया था। इसके जरिए कंपनी ने 15,199 करोड़ रुपए जुटाया था। जबकि इससे पहले 2008 में रिलायंस पावर का आईपीओ आया था जो 11,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का था।
सबसे ज्यादा सब्सक्राइब होनेवाले आईपीओ
कंपनी | साल | सब्सक्रिप्शन (गुना) |
सालासर टेक्नोलॉजी | 2007 | 273 |
अपोलो माइक्रो | 2018 | 248 |
एस्ट्रॉन पेपर | 2007 | 241 |
कैपासिट इंफ्रा | 2017 | 183 |
9,187 करोड़ रुपए के साथ डीएलएफ का आईपीओ तीसरे नंबर पर था जबकि 8,616 करोड़ के साथ केयर्न का आईपीओ चौथा बड़ा आईपीओ था। सब्सक्रिप्शन के लिहाज से सालासर टेक्नोलॉजी का आईपीओ 273 गुना और अपोलो माइक्रो का आईपीओ 248 गुना सब्सक्राइब हुआ था