NavBharat Times : Jul 20, 2020, 04:24 PM
India: दक्षिण चीन सागर से लेकर लद्दाख तक जारी चीन की दादागीरी के खिलाफ अमेरिका ने बड़ा कदम उठाते हुए अपने सबसे विशाल युद्धपोत यूएसएस निमित्ज को अंडमान सागर में भेजा है। घातक मिसाइलों से लैस अमेरिकी विमानवाहक पोत निमित्ज 90 फाइटर जेट, 3000 नौसैनिकों के साथ मलक्का स्ट्रेट के रास्ते अंडमान-निकोबार के पास पहुंचा है। माना जा रहा है कि यह अमेरिकी विमानवाहक पोत भारत के साथ युद्धाभ्यास कर सकता है।
अंडमान पहुंचा निमित्ज, US का चीन को सख्त संदेशलद्दाख में भारत संग जारी भारी तनाव के बीच अमेरिका ने अपने सबसे बड़े एयरक्राफ्ट कैरियर को हिंद महासागर में भेजकर चीन को बेहद सख्त संदेश दिया है। दरअसल, यह अमेरिकी विमानवाहक पोत मलक्का स्ट्रेट के रास्ते अंडमान निकोबार द्वीप समूह पहुंचा है जहां से चीन का सबसे ज्यादा समुद्री व्यापार होता है। मलेशिया और इंडोनेशिया के बीच स्थित इस संकरे रास्ते से ही तेल की सप्लाइ चीन और जापान जैसे देशों को होती है। चीन ने अगर कोई दुस्साहस किया तो भारत-अमेरिका उसे मलक्का स्ट्रेट में घेर सकते हैं।
भारतीय नौसेना के संग कर सकता है युद्धाभ्यासअमेरिकी नौसेना का यह युद्धपोत भारतीय नौसेना के साथ मिलकर अंडमान सागर में नौसैनिक अभ्यास कर सकता है। अमेरिकी युद्धपोत अभी दक्षिण चीन सागर और फिलीपीन्स के पास युद्धाभ्यास करके अंडमान सागर पहुंचा है। यह अभ्यास कुछ उसी तरह से हो सकता है, जैसे जून महीने में इंडियन नेवी ने जापान के साथ किया था। भारतीय नेवी ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में ड्रिल की है। इसमें सबमरीन ढूंढनेवाला एयरक्राफ्ट Poseidon-8I, जिसमें घातक हारपून ब्लॉक मिसाइल लगी हैं, MK-54 लाइटवेट टोरपीडोज आदि ने भी इसमें हिस्सा लिया था।
एशिया में तैनात हैं अमेरिका के तीन एयरक्राफ्ट कैरियरहिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए अमेरिका ने अपने तीन एयरक्राफ्ट कैरियर्स को इस इलाके में तैनात किया है। वर्तमान में इनमें से एक यूएसएस रोनाल्ड रीगन साउथ चाइना सी में जबकि यूएएसएस थियोडोर रुजवेल्ट फिलीपीन सागर के आस पास गश्त लगा रहा है। वहीं अमेरिका के आक्रामक गतिविधियों से बौखलाया चीन बार-बार युद्ध की धमकी दे रहा है। यही नहीं अमेरिका से डरे चीन ने दक्षिण चीन सागर में अपने फाइटर जेट तैनात किए हैं।
जानें, कितना शक्तिशाली है यूएसएस निमित्जअमेरिका के सुपरकैरियर्स में यूएसएस निमित्ज को बहुत ताकतवर माना जाता है। परमाणु शक्ति से चलने वाले इस एयरक्राफ्ट कैरियर को अमेरिकी नौसेना में 3 मई 1975 को कमीशन किया गया था। यह कैरियर स्टाइक ग्रुप 11 का अंग जो अकेले अपने दम पर कई देशों को बर्बाद करने की ताकत रखता है। 332 मीटर लंबे इस एयरक्राफ्ट कैरियर पर F-18 समेत 90 लड़ाकू विमान और हेलिकॉप्टर्स के अलावा 3000 के आसपास नौसैनिक तैनात होते हैं। यह अमेरिका का सबसे पुराना एयरक्राफ्ट कैरियर है। इसकी अधिकतम रफ्तार 58 किमी प्रतिघंटा है।
हिंद महासागर में चीन को घेर सकते हैं क्वाड देशभारत के साथ अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया हिंद महासागर में चीन को घेरने के लिए तैयार बैठे हैं। दरअसल, ये चारों ही देश द क्वॉड्रिलैटरल सिक्यॉरिटी डायलॉग (क्वॉड) के सदस्य हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन की नापाक गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया को क्वाड को एक सैनिक संगठन का रूप देना चाहिए। इसमें न्यूजीलैंड, द. कोरिया और वियतनाम को भी शामिल करने की मांग उठ रही है। इस समूह के गठन के बाद से ही चीन चिढ़ा हुआ है और लगातार इसका विरोध कर रहा है। लद्दाख में चल रहे सैन्य तनाव के बीच चीन का सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स भारत को लगातार धमकी दे रहा है। साथ ही नसीहत दे रहा है कि भारत क्वाड से दूर रहे और गुटनिरपेक्षता की अपनी नीति का पालन करे।
अंडमान पहुंचा निमित्ज, US का चीन को सख्त संदेशलद्दाख में भारत संग जारी भारी तनाव के बीच अमेरिका ने अपने सबसे बड़े एयरक्राफ्ट कैरियर को हिंद महासागर में भेजकर चीन को बेहद सख्त संदेश दिया है। दरअसल, यह अमेरिकी विमानवाहक पोत मलक्का स्ट्रेट के रास्ते अंडमान निकोबार द्वीप समूह पहुंचा है जहां से चीन का सबसे ज्यादा समुद्री व्यापार होता है। मलेशिया और इंडोनेशिया के बीच स्थित इस संकरे रास्ते से ही तेल की सप्लाइ चीन और जापान जैसे देशों को होती है। चीन ने अगर कोई दुस्साहस किया तो भारत-अमेरिका उसे मलक्का स्ट्रेट में घेर सकते हैं।
भारतीय नौसेना के संग कर सकता है युद्धाभ्यासअमेरिकी नौसेना का यह युद्धपोत भारतीय नौसेना के साथ मिलकर अंडमान सागर में नौसैनिक अभ्यास कर सकता है। अमेरिकी युद्धपोत अभी दक्षिण चीन सागर और फिलीपीन्स के पास युद्धाभ्यास करके अंडमान सागर पहुंचा है। यह अभ्यास कुछ उसी तरह से हो सकता है, जैसे जून महीने में इंडियन नेवी ने जापान के साथ किया था। भारतीय नेवी ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में ड्रिल की है। इसमें सबमरीन ढूंढनेवाला एयरक्राफ्ट Poseidon-8I, जिसमें घातक हारपून ब्लॉक मिसाइल लगी हैं, MK-54 लाइटवेट टोरपीडोज आदि ने भी इसमें हिस्सा लिया था।
एशिया में तैनात हैं अमेरिका के तीन एयरक्राफ्ट कैरियरहिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए अमेरिका ने अपने तीन एयरक्राफ्ट कैरियर्स को इस इलाके में तैनात किया है। वर्तमान में इनमें से एक यूएसएस रोनाल्ड रीगन साउथ चाइना सी में जबकि यूएएसएस थियोडोर रुजवेल्ट फिलीपीन सागर के आस पास गश्त लगा रहा है। वहीं अमेरिका के आक्रामक गतिविधियों से बौखलाया चीन बार-बार युद्ध की धमकी दे रहा है। यही नहीं अमेरिका से डरे चीन ने दक्षिण चीन सागर में अपने फाइटर जेट तैनात किए हैं।
जानें, कितना शक्तिशाली है यूएसएस निमित्जअमेरिका के सुपरकैरियर्स में यूएसएस निमित्ज को बहुत ताकतवर माना जाता है। परमाणु शक्ति से चलने वाले इस एयरक्राफ्ट कैरियर को अमेरिकी नौसेना में 3 मई 1975 को कमीशन किया गया था। यह कैरियर स्टाइक ग्रुप 11 का अंग जो अकेले अपने दम पर कई देशों को बर्बाद करने की ताकत रखता है। 332 मीटर लंबे इस एयरक्राफ्ट कैरियर पर F-18 समेत 90 लड़ाकू विमान और हेलिकॉप्टर्स के अलावा 3000 के आसपास नौसैनिक तैनात होते हैं। यह अमेरिका का सबसे पुराना एयरक्राफ्ट कैरियर है। इसकी अधिकतम रफ्तार 58 किमी प्रतिघंटा है।
हिंद महासागर में चीन को घेर सकते हैं क्वाड देशभारत के साथ अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया हिंद महासागर में चीन को घेरने के लिए तैयार बैठे हैं। दरअसल, ये चारों ही देश द क्वॉड्रिलैटरल सिक्यॉरिटी डायलॉग (क्वॉड) के सदस्य हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन की नापाक गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया को क्वाड को एक सैनिक संगठन का रूप देना चाहिए। इसमें न्यूजीलैंड, द. कोरिया और वियतनाम को भी शामिल करने की मांग उठ रही है। इस समूह के गठन के बाद से ही चीन चिढ़ा हुआ है और लगातार इसका विरोध कर रहा है। लद्दाख में चल रहे सैन्य तनाव के बीच चीन का सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स भारत को लगातार धमकी दे रहा है। साथ ही नसीहत दे रहा है कि भारत क्वाड से दूर रहे और गुटनिरपेक्षता की अपनी नीति का पालन करे।