News18 : Jul 27, 2020, 05:16 PM
जयपुर। राजस्थान में राज्य सरकार और राजभवन के बीच टकराव (Clash) लगातार बढ़ता जा रहा है। विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर गत तीन-चार दिन से बना हुआ गतिरोध अब प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति (Prime Minister and President) तक शिकायत में रूप में पहुंच गया है।
सीएम अशोक गहलोत ने अब इस मामले को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी से राज्यपाल की शिकायत की है। सीएम ने सोमवार को विधायकों से कहा कि उन्होंने कल गवर्नर (राज्यपाल) के बर्ताव के बारे में पीएम नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की है। उन्होंने 7 दिन पहले विधायकों की खरीद फरोख्त मामले में लिखे गए पत्र के बारे में भी बातचीत की है।
बीजेपी हॉर्स ट्रेडिंग से राज्य सरकार गिराने का षड्यंत्र कर रही हैवहीं कांग्रेस ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भेजकर उनसे मौजूदा सियासी संकट में दखल देने की मांग की है। ज्ञापन में लिखा है कि बीजेपी हॉर्स ट्रेडिंग से राज्य सरकार गिराने का षड्यंत्र कर रही है। राज्यपाल अपने पद की गरिमा की चिंता किये बिना केंद्र में सत्ताधारी पार्टी के इशारे पर संविधान की घोर अवहेलना कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री विधायकों की खरीद फरोख्त में लिप्त हैं। इसके बावजूद उन्हें हटाया नहीं गया।
संवैधानिक अधिकारों और कोशिशों को विफल किया जा रहा हैज्ञापन में कहा गया है कि कोरोना पर चर्चा कर जनता को राहत देने के लिए हम विधानसभा सत्र बुलाना चाहते हैं। लेकिन राज्य सरकार को विधानसभा का सत्र नहीं बुलाने दिया जा रहा है। सब तरफ से हमारे संवैधानिक अधिकारों और कोशिशों को विफल किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर राजभवन और सरकार के मध्य टकराव हो गया है। उसके बाद प्रदेश में सियासी घटनाक्रम लगातार बदलता जा रहा है। वहीं इस सियासी संकट में कांग्रेस के बागी विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष की ओर से थमाये गये नोटिस का मामला कोर्ट में चल रहा है।
सीएम अशोक गहलोत ने अब इस मामले को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी से राज्यपाल की शिकायत की है। सीएम ने सोमवार को विधायकों से कहा कि उन्होंने कल गवर्नर (राज्यपाल) के बर्ताव के बारे में पीएम नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की है। उन्होंने 7 दिन पहले विधायकों की खरीद फरोख्त मामले में लिखे गए पत्र के बारे में भी बातचीत की है।
बीजेपी हॉर्स ट्रेडिंग से राज्य सरकार गिराने का षड्यंत्र कर रही हैवहीं कांग्रेस ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भेजकर उनसे मौजूदा सियासी संकट में दखल देने की मांग की है। ज्ञापन में लिखा है कि बीजेपी हॉर्स ट्रेडिंग से राज्य सरकार गिराने का षड्यंत्र कर रही है। राज्यपाल अपने पद की गरिमा की चिंता किये बिना केंद्र में सत्ताधारी पार्टी के इशारे पर संविधान की घोर अवहेलना कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री विधायकों की खरीद फरोख्त में लिप्त हैं। इसके बावजूद उन्हें हटाया नहीं गया।
संवैधानिक अधिकारों और कोशिशों को विफल किया जा रहा हैज्ञापन में कहा गया है कि कोरोना पर चर्चा कर जनता को राहत देने के लिए हम विधानसभा सत्र बुलाना चाहते हैं। लेकिन राज्य सरकार को विधानसभा का सत्र नहीं बुलाने दिया जा रहा है। सब तरफ से हमारे संवैधानिक अधिकारों और कोशिशों को विफल किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर राजभवन और सरकार के मध्य टकराव हो गया है। उसके बाद प्रदेश में सियासी घटनाक्रम लगातार बदलता जा रहा है। वहीं इस सियासी संकट में कांग्रेस के बागी विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष की ओर से थमाये गये नोटिस का मामला कोर्ट में चल रहा है।