Vikrant Shekhawat : Feb 23, 2021, 03:19 PM
MP: आयकर विभाग ने मध्य प्रदेश के बैतूल में स्थित सोया उत्पाद विनिर्माण समूह के परिसर में 450 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय की खोज की। 18 फरवरी को, विभाग ने बैतूल, सतना, मुंबई, शोलापुर और कोलकाता में 22 स्थानों पर छापा मारा। बैतूल के कांग्रेस विधायक निलय डागा और उनके परिवार के सदस्यों के ठिकानों पर छापे मारे गए।
पीआईबी की खबर के अनुसार, छापे में 44 लाख रुपये से अधिक की आठ करोड़ रुपये की नकदी और विदेशी मुद्रा जब्त की गई। इसके अलावा 9 बैंक लॉकर भी सील किए गए। समूह ने कोलकाता की शेल कंपनियों से 259 करोड़ रुपये की अघोषित आय अर्जित की है।कंपनी के जिन कंपनियों ने बिक्री का दावा किया था, उन्होंने अपने पते पर अपने अस्तित्व का पता नहीं लगाया। इसके साथ अघोषित संपत्ति में करीब 52 करोड़ रुपये मिले हैं। कंपनी की ओर से दावा किया गया था कि यह उनका लाभ है, लेकिन जांच में यह बात सामने आई कि जिन कंपनियों को ये लाभ बताए गए थे, उनमें से कई कर्मचारियों के नाम पर हैं। उन कंपनियों के निदेशकों को भी पता नहीं था कि ऐसा कोई लेनदेन हुआ था।साथ ही, 27 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की बात कही गई थी। हालांकि, शेयरों को कोलकाता स्थित शेल कंपनियों के माध्यम से खरीदा और बेचा गया था। इसमें भी शेयरों की खरीद और बिक्री ठीक से नहीं हुई। विभाग ने डिजिटल मीडिया जैसे लैपटॉप, हार्ड ड्राइव, पेन ड्राइव में बहुत सारे सबूत बरामद किए हैं। फिर भी आगे की जांच की जा रही है।निलय डागा राज्य के सबसे बड़े तेल व्यापारियों में से एक है। अपने बयानों के कारण अक्सर चर्चा में रहने वाले डागा पिछले साल जून में उस समय विवादों में आ गए जब उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को 'डम्पर सिंह चौहान' कहा। निलय डागा के पिता विनोद डागा कांग्रेस के विधायक भी रह चुके हैं। मप्र के अलावा, डागा का कारोबार महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ में भी फैला हुआ है।
पीआईबी की खबर के अनुसार, छापे में 44 लाख रुपये से अधिक की आठ करोड़ रुपये की नकदी और विदेशी मुद्रा जब्त की गई। इसके अलावा 9 बैंक लॉकर भी सील किए गए। समूह ने कोलकाता की शेल कंपनियों से 259 करोड़ रुपये की अघोषित आय अर्जित की है।कंपनी के जिन कंपनियों ने बिक्री का दावा किया था, उन्होंने अपने पते पर अपने अस्तित्व का पता नहीं लगाया। इसके साथ अघोषित संपत्ति में करीब 52 करोड़ रुपये मिले हैं। कंपनी की ओर से दावा किया गया था कि यह उनका लाभ है, लेकिन जांच में यह बात सामने आई कि जिन कंपनियों को ये लाभ बताए गए थे, उनमें से कई कर्मचारियों के नाम पर हैं। उन कंपनियों के निदेशकों को भी पता नहीं था कि ऐसा कोई लेनदेन हुआ था।साथ ही, 27 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की बात कही गई थी। हालांकि, शेयरों को कोलकाता स्थित शेल कंपनियों के माध्यम से खरीदा और बेचा गया था। इसमें भी शेयरों की खरीद और बिक्री ठीक से नहीं हुई। विभाग ने डिजिटल मीडिया जैसे लैपटॉप, हार्ड ड्राइव, पेन ड्राइव में बहुत सारे सबूत बरामद किए हैं। फिर भी आगे की जांच की जा रही है।निलय डागा राज्य के सबसे बड़े तेल व्यापारियों में से एक है। अपने बयानों के कारण अक्सर चर्चा में रहने वाले डागा पिछले साल जून में उस समय विवादों में आ गए जब उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को 'डम्पर सिंह चौहान' कहा। निलय डागा के पिता विनोद डागा कांग्रेस के विधायक भी रह चुके हैं। मप्र के अलावा, डागा का कारोबार महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ में भी फैला हुआ है।