वैक्सीन / कोविड-19 के डेल्टा प्लस वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी है कोवैक्सीन: आईसीएमआर

एएनआई के मुताबिक, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के एक अध्ययन में पता चला है कि भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन कोविड-19 के डेल्टा प्लस वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी है। इससे पहले भारत बायोटेक ने कहा था कि कोवैक्सीन को कोविड-19 के लक्षण वाले मामलों के खिलाफ 77.8% और नए डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 65.2% प्रभावी पाया गया है।

Vikrant Shekhawat : Aug 02, 2021, 03:45 PM
ICMR Study Latest Report: भारत में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका व्यक्त की जा रही है. विशेषज्ञों के मुताबिक जल्द ही कोरोना वायरस की तीसरी लहर देश में देखने को मिल सकती है. इस बीच एक अच्छी खबर ये भी है कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने अपनी स्टडी रिपोर्ट में ये दावा किया है कि भारत बायोटेक की वैक्सीन ‘कोवाक्सिन’ कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट के खिलाफ भी अधिक प्रभावी है. बता दें कि भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन ‘कोवाक्सिन’ को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के सहयोग से विकसित किया गया है.

बता दें कि इससे पहले भारत बायोटेक ने कहा था कि कोवाक्सिन की प्रभावशीलता कोरोना वायरस के खिलाफ 77.8 फीसदी और नए डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ 65.2 फीसदी है और वहीं कोवाक्सिन कोरोना के गंभीर लक्षण वाले मामलों में 93.4 फीसदी प्रभावी रही है. इसके बाद की स्टडी रिपोर्ट में कहा गया है कि कोवाक्सिन डेल्टा प्लस वैरिएंट में ज्यादा प्रभावी है.

भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के तीसरे फेज के ट्रायल के बाद जारी किए हैं ये आंकड़े

बिना लक्षण वाले मामलों में कोवाक्सिन का प्रभाव : 63 फीसदी

माइल्ड, मॉडरेट और गंभीर मामलों में प्रभाव : 78 फीसदी

कोरोना के गंभीर मामलों में प्रभाव : 93 फीसदी

डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ कोवाक्सिन का प्रभाव : 65 फीसदी

इसके अलावा अमेरिकी शीर्ष स्वास्थ्य शोध संस्थान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) ने भी पहले ही बताया था कि कोवाक्सिन कोविड-19 वायरस के अल्फा और डेल्टा वैरिएंट को प्रभावी तरीके से बेअसर करती है. एनआईएच (NIH)ने बताया था कि दो स्टडीज से मिले डाटा के आधार पर ये दावा किया जा रहा है.