Zee News : Jul 23, 2020, 07:07 PM
नई दिल्ली: भारत में यूके के नए उच्चायुक्त सर फिलिप बर्टन ने कहा कि, ‘राष्ट्रीय बॉर्डर्स पार कर लेने से अपराधी कानून के फंदे से बच नहीं सकते’। सर फिलिप बर्टन ने कहा, ‘यूके और यूके की सरकार इस मामले में एकदम स्पष्ट हैं कि उन व्यक्तियों को रोकना है, जो देश बदलकर कानून से बचने की कोशिश करते हैं। हम अपना रोल निभाने के लिए बिलकुल दृढ़ हैं। किसी भी केस में, ये तय करने के लिए कि कोई भी अपराधी बॉर्डर पार करके कानून के हाथों से बच ना जाए, हम साथ मिलकर काम कर रहे हैं’उन्होंने आगे कहा कि, इस केस की महत्ता मैं समझता हूं और ब्रिटेन की सरकार भी समझती है। विजय माल्या के प्रत्यर्पण और उसकी यूके में शरण लेने की याचिका, दोनों मुद्दों पर उच्चायुक्त ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इस पर ‘मुझे कुछ नहीं कहना’ है, ये प्रक्रिया अभी चल रही है। नई दिल्ली विजय माल्या के जल्दी प्रत्यार्पण के लिए यूके से संपर्क में है।गौरतलब है कि प्रत्यार्पण के खिलाफ विजय माल्या की याचिका यूके की सुप्रीम कोर्ट ने इस साल की शुरुआत में ही खारिज कर दी थी, इसके बाद उसके पास बचने का कोई कानूनी रास्ता अब नहीं रह गया है। ये अब यूके की गृह मंत्री प्रीति पटेल के हाथ में हैं कि प्रत्यापर्ण के कागजों पर हस्ताक्षर करके कब हरी झंडी दिखाती हैं। विजय माल्या ने भारतीय बैंकों के कंसोर्टियम के साथ 9000 करोड़ रुपयों का फ्रॉड किया है, भारत ने यूके सरकार से अपील की है कि वो भगोड़े बिजनेसमेन विजय माल्या की याचिका पर ध्यान ना दें।भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कुछ हफ्ते पहले कहा था, ‘हमने यूके सरकार से आग्रह किया है कि विजय माल्या की शरण देने की याचिका पर ध्यान ना दें’ क्योंकि भारत में उसके उत्पीड़न का कोई आधार नहीं है।उच्चायुक्त ने भारत चीन की स्थिति, लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के बारे में भी एक सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, लंदन ने एसआर स्तर की बातचीत में ‘प्रोग्रेस’ और ‘कमिटमेंट’ देखा है, इसका स्वागत है। सेनाओं के पीछे हटने से तनाव घट रहा है, उम्मीद है कि इसमें कोई बदलाव नहीं होगा।वर्तमान में हॉन्ग कॉन्ग के लिए चीन के सिक्योरिटी लॉ पर जोर देने के चलते हो रहे लंदन-बीजिंग झगड़े के बारे में उच्चायुक्त ने कहा कि, ‘हमारा कोई बॉर्डर चीन से लगा हुआ नहीं है, हमारी जिम्मेदारी हॉन्ग कॉन्ग के प्रति है। नया सिक्योरिटी लॉ ब्रिटेन-चीन समझौते के खिलाफ है। हम झिंगझियांग प्रांत में मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर भी चिंतित हैं।यूके ने हॉन्ग कॉन्ग चीन को 1997 में सौंपा था, जब उनकी 99 साल की लीज खत्म हो गई थी।