Petrol Diesel Price / कच्चा तेल 80 डॉलर प्रति बैरल नीचे फिसला,विधानसभा चुनाव से पहले मिल सकती है बड़ी राहत!

इस त्योहारों के सीजन में आपको महंगे पेट्रोल-डीजल से बड़ी राहत मिल सकती है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 2022 पहली बार 80 डॉलर प्रति बैरल के नीचे जा पहुंचा है. जनवरी, 2022 के बाद कच्चे तेल के दामों में ये सबसे बड़ी गिरावट है. वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट क्रूड ऑयल की कीमत 78 डॉलर प्रति बैरल के करीब जा लुढ़का है. और फिलहाल 78.66 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. ब्रेंट क्रूड ऑयल के दामों में भी बड़ी गिरावट देखी

Vikrant Shekhawat : Sep 26, 2022, 03:10 PM
Petrol Diesel Price: इस त्योहारों के सीजन (Festive Season) में आपको महंगे पेट्रोल-डीजल से बड़ी राहत मिल सकती है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल (Crude Oil) 2022) पहली बार 80 डॉलर प्रति बैरल के नीचे जा पहुंचा है. जनवरी, 2022 के बाद कच्चे तेल के दामों में ये सबसे बड़ी गिरावट है. वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड ऑयल की कीमत 78 डॉलर प्रति बैरल के करीब जा लुढ़का है. और फिलहाल 78.66 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. ब्रेंट क्रूड ऑयल के दामों में भी बड़ी गिरावट देखी जा रही है. ब्रेंट क्रूड ऑयल ( Brent Crude Oil) के दाम 85 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रहा है. जो 24 जनवरी, 2022 के बाद सबसे निचला स्तर है. भारत अलग अलग अंतरराष्ट्रीय बाजार से कच्चा तेल तेल खरीदता है और भारत के लिए भी कच्चा तेल खरीदा सस्ता हुआ है. इंडियन बास्केट प्राइस  90 डॉलर प्रति बैरल के करीब जा पहुंचा है. 

आ सकती है दामों में गिरावट  

अमेरिकी अर्थव्यवस्था ( US Economy) पर मंदी ( Recession) का साया मंडरा रहा है. कमरतोड़ महंगाई ( High Inflation) के मद्देनजर वहां की सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व लोगों की खरीदारी क्षमता को घटाने के लिए लगातार कर्ज महंगा करता जा रहा है और ये सिलसिला आगे भी जारी रहने वाला है. जिसके चलते दुनियाभर के निवेशक बिकवाली कर रहे हैं. ऐसे में कच्चा तेल समेत सभी कमोडिटी के दामों में गिरावट की संभावना जताई जा रही है.  डॉलर की मजबूती और वैश्विक मांग में कमी के कारण कच्चे तेल के दामों में ये गिरावट आई है. अमेरिकी यूरोप में मंदी और चीन में मांग घटने के आसार के चलते कच्चे तेल के दामों में ये गिरावट देखने को मिली है.  माना जा रहा कि कच्चे तेल के दामों में गिरावट का ये सिलसिला आगे भी जारी रह सकता है. कच्चे तेल के दामों में आई इस गिरावट से भारत को बड़ी राहत मिल सकती है जो अपने कुल खपत का 80 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है. कच्चे तेल के दामों में गिरावट से डॉलर की मांग घटेगी तो इससे रुपये को भी मजबूती मिलेगी.  इससे पहले मूडीज एनालटिक्स (Moody's Analytics) भी भविष्यवाणी कर चुका है कि कच्चे तेल के दाम 70 बैरल प्रति बैरल तक नीचे आ सकता है.  

दामों में गिरावट से भारत को राहत 

कच्चे तेल के दामों में गिरावट का सिलसिला भारतवासियों के लिए खुशखबरी लेकर आ सकती है. त्योहारी सीजन ( Festive Season) और आने वाले विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) के मद्देनजर महंगे पेट्रोल डीजल से राहत सरकार दे सकती है. वैसे भी महंगाई को लेकर केंद्र की मोदी सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर है. 

दिवाली पर पेंट्स कंपनियों को राहत

कच्चे तेल के दामों में कमी से इस दिवाली पर घर की रंगाई-पुताई आपके लिए सस्ती हो सकती है. पेंट्स बनाने वाली कंपनियों के लिए कच्चा तेल प्रमुख कच्चा माल माना जाता है. कच्चे तेल के दामों में कमी से पेंट्स के दामों में कमी आने की संभावना है.