Mukhtar Ansari / आज मुख्तार-अफजाल के गुनाहों पर फैसला, बीजेपी MLA सहित 7 की हत्या पर मिलेगा इंसाफ

माफिया मुख्तार अंसारी और उसके सांसद भाई अफजाल अंसारी के लिए आज का दिन भारी साबित हो सकता है. गैंगस्टर मामले में अंसारी ब्रदर्स पर गाजीपुर एमपी-एमएलए अदालत आज फैसला सुनाने वाली है. दोनों के खिलाफ बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है. ये केस गैंग चार्ट में शामिल है. मुख्तार अंसारी मऊ और गाजीपुर के इलाके में अपने गैंगस्टर स्टाइल सियासत के लिए कुख्यात रहा है. साल 1988 में मुख्तार के खिलाफ

Vikrant Shekhawat : Apr 29, 2023, 07:41 AM
Mukhtar Ansari: माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) और उसके सांसद भाई अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) के लिए आज का दिन भारी साबित हो सकता है. गैंगस्टर मामले (Gangster Case) में अंसारी ब्रदर्स (Ansari Brothers) पर गाजीपुर एमपी-एमएलए (MP-MLA) अदालत आज फैसला सुनाने वाली है. दोनों के खिलाफ बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या (Krishnanand Rai Murder) मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है. ये केस गैंग चार्ट में शामिल है. मुख्तार अंसारी मऊ और गाजीपुर के इलाके में अपने गैंगस्टर स्टाइल सियासत के लिए कुख्यात रहा है. साल 1988 में मुख्तार के खिलाफ पहला केस गाजीपुर कोतवाली में दर्ज हुआ था. उस पर ठेकेदार सच्चिदानंद राय की हत्या का आरोप था. इसके बाद मुख्तार अंसारी ने सियासत में भी हाथ आजमाया और अपनी बाहुबली छवि का इस्तेमाल किया.

मुख्तार अंसारी ने राजनीति में आजमाया हाथ

बता दें कि साल 1996 में बीएसपी के टिकट पर मुख्तार अंसारी ने पहली बार चुनाव लड़ा. साल 2002 से 2017 तक मुख्तार अंसारी को लगातार चुनावी जीत हासिल हुई. उसने आखिरी तीन चुनाव जेल में रहते हुए लड़ा. आजमगढ़-मऊ और आसपास के जिलों में मुख्तार ने अपना आतंक फैला रखा था.

फैसले की जद में यूपी का दूसरा माफिया

जान लें कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ कोयला कारोबारी नंदकिशोर रुंगटा के अपहरण और मर्डर का भी मामला चल रहा है, जिसकी सुनवाई की अगली तारीख 6 मई को मुकर्रर की गई है. अतीक अहमद के बाद मुख्तार अंसारी दूसरा बाहुबली नेता हैं जो फैसले की जद में हैं.

BJP विधायक समेत 7 की हत्या का आरोप

गौरतलब है कि साल 2005 में बीजेपी एमएलए कृष्णानंद राय सहित 7 लोगों का मर्डर हुआ था. इस मर्डर केस को मुहम्मदाबाद पुलिस स्टेशन के बसनिया चट्टी इलाके में अंजाम दिया गया था. इसके बाद साल 2007 में गैंगस्टर एक्ट में मुख्तार अंसारी, अफजाल अंसारी और एजाजुल हक पर केस दर्ज हुआ था.