Vikrant Shekhawat : May 28, 2021, 05:21 PM
भुवनेश्वर: चक्रवात यास को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ समीक्षा बैठक में तत्काल राहत पैकेज की मांग नहीं रखी। सीएम नवीन पटनायक ने कहा कि वह महामारी के वक्त केंद्र पर अतिरिक्त बोझ नहीं डालना चाहते। बजाय इसके नवीन पटनायक ने बैठक में राज्य में आपदा प्रतिरोधी पावर सिस्टम की जरूरत को हाइलाइट किया ताकि इस तरह के तूफान के लिए पहले से तैयारी हो सके। ओडिशा सीएम के इस कदम की सोशल मीडिया पर खूब तारीफ हो रही है।ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने समीक्षा बैठक के बाद ट्वीट कर बताया, 'देश में कोविड-19 महामारी चरम पर है, ऐसे में हमने केंद्र पर अतिरिक्त बोझ डालते हुए तत्काल आर्थिक मदद की मांग नहीं रखी है। उन्होंने आगे लिखा, 'हम संकट से निपटने के लिए अपने संसाधनों से इसका प्रबंधन करेंगे।'ओडिशा को आपदा प्रतिरोधी बनाने के लिए मांगी मददओडिशा सीएम ने दूसरे ट्वीट में कहा, 'हमने ओडिशा को आपदा प्रतिरोधी बनाने के लिए दीर्घकालिक उपायों की मदद मांगी है क्योंकि हम हर साल इस तरह के जलवायु खतरे का सामना करते हैं। हमने आपदा प्रतिरोधी पावर इंफ्रास्ट्रक्टर और तटीय तूफानों से सुरक्षा के लिए ओडिशा की मांग को मीटिंग में हाइलाइट किया।'बालासोर और भद्रक का एरियल सर्वेमीटिंग के बारे में जानकारी देते हुए समीक्षा बैठक के बाद ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त प्रदीप कुमार जेना ने बताया, 'हमने केंद्र से राहत पैकेज के बजाय दो मांग की है पहला- डिजास्टर रिसिलियंस पावर सिस्टम और दूसरा कोस्टल स्टॉर्म सर्ज प्रोटेक्शन।' इसके बाद प्रधानमंत्री बालासोर और भद्रक के प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। यहां से फिर वह पश्चिम बंगाल जाएंगे।चक्रवात से हुए नुकसान का 7 दिनों में होग आकलनजेना ने बताया कि राज्य में 480 किलोमीटर लंबा तटीय क्षेत्र है जिसमें 200 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र ज्वार की दृष्टि से संवेदनशील हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने तत्काल किसी आर्थिक सहायता की मांग नहीं की है और वह अपने संसाधनों से व्यवस्था कर लेगा। उन्होंने कहा कि चक्रवात से हुए नुकसान का अगले सात दिनों में आकलन किया जाएगा और उसके बाद केंद्रीय मदद की मांग की जाएगी।तूफान से ओडिशा में 3 की मौत, कई विस्थापितचक्रवात यास से जुड़ी घटनाओं में अब तक चार लोगों की मौत हो गई। इसके कारण ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड में 21 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। चक्रवात के कारण ओडिशा में तीन लोगों और पश्चिम बंगाल में एक व्यक्ति की मौत हो गई। पश्चिम बंगाल सरकार ने दावा किया है कि इस प्राकृतिक आपदा के कारण कम से कम एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं।