महाराष्ट्र / एनसीपी नेता दिलीप वलसे पाटिल होंगे महाराष्ट्र के नए गृह मंत्री

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय ने सोमवार को बताया कि श्रम मंत्री और एनसीपी नेता दिलीप वलसे पाटिल महाराष्ट्र के नए गृह मंत्री होंगे। वहीं, पाटिल के मंत्रालयों का अतिरिक्त प्रभार अब हसन मुशरिफ और अजित पवार संभालेंगे। दरअसल, कथित भ्रष्टाचार में नाम आने के बाद अनिल देशमुख ने सोमवार को राज्य के गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया।

Vikrant Shekhawat : Apr 05, 2021, 08:19 PM
मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को गृहमंत्री का पद छोड़ने वाले अनिल देशमुख का इस्तीफा राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को भेज दिया है। उन्होंने राजभवन को यह भी सूचित किया है कि एनसीपी नेता दिलीप वलसे पाटिल को गृहमंत्रालय की जिम्मेदारी संभालेंगे। वह भी श्रम और आबकारी मंत्रालय संभाल रहे थे। दिलीप वलसे पाटिल से श्रम विभाग लेकर हसन मुशरिफ को अतिरिक्त प्रभार के रूप में दिया गया है तो स्टेट एक्साइज डिपार्टमेंट का काम अब डेप्युटी सीएम अजित पवार देखेंगे।

100 करोड़ रुपये की वसूली के आरोपों में घिरे अनिल देशमुख ने हाई कोर्ट की ओर से सीबीआई जांच के आदेश के बाद इस्तीफा दे दिया है। दिलीप वलसे पाटिल पुणे ग्रामीण विधानसभा सीट से विधायक हैं। दिलीप वलसे पाटिल को एनसीपी के साफ छवि वाले नेताओं में से एक माना जाता है। वह कई बार महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रह चुके हैं और विधानसभा के स्पीकर का पद भी संभाल चुके हैं। इसके अलावा शरद पवार के एनसीपी में सबसे करीबी नेताओं में से एक माने जाते हैं। 

देश के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक वाली कार मिलने और इस केस में पुलिस अधिकारी सचिन वाझे की गिरफ्तारी के बाद मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह का उद्धव ठाकरे सरकार ने ट्रांसफर कर दिया था। इसके बाद परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि सचिन वाझे को अनिल देशमुख ने मुंबई से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली का टारगेट दिया था। सीएम उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में परमबीर सिंह ने यह आरोप लगाया था। इस पत्र के बाद से ही अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग विपक्ष की ओर से की जा रही थी।

इसके अलावा परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट और बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख भी किया था। हालांकि उनकी अर्जी पर कोई आदेश जारी नहीं हुआ, लेकिन सोमवार को वकील जयश्री पाटिल की अर्जी पर कोर्ट ने सीबीआई को देशमुख के खिलाफ प्रारंभिक जांच करने का आदेश दिया है। अदालत का कहना है कि 15 दिनों में सीबीआई रिपोर्ट देगी और उसके आधार पर यह फैसला लिया जाएगा कि देशमुख के खिलाफ केस दर्ज किया जाए या फिर नहीं। हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद से ही एक बार फिर से देशमुख के इस्तीफे की मांग तेज हो गई थी और अंत में शरद पवार से बातचीत के बाद अनिल देशमुख ने पद से इस्तीफा दे दिया।