देश / महबूबा ने कहा- इम्तिहान मत लो, पड़ोस में देखो क्या हुआ?; निर्मल सिंह ने दी प्रतिक्रिया

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कहा, "जम्मू-कश्मीर के लोगों का इम्तिहान मत लो...पड़ोस में देखो क्या हो रहा है?...इतनी बड़ी ताकत अमेरिका को बोरिया-बिस्तर बांधकर वापस जाना पड़ा...केंद्र जम्मू-कश्मीर में बातचीत का सिलसिला शुरू करे।" इस पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व उप-मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने कहा, "भारत सरकार ब्लैकमेल नहीं होगी...ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारत है।"

Vikrant Shekhawat : Aug 22, 2021, 06:54 AM
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कुलगाम में मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग बर्दाश्त कर रहे हैं और जिस वक्त बर्दाश्त का बांध टूट जाएगा उस वक्त आप नहीं रहोगे और मिट जाओगे.

उन्होंने कहा, ‘हमारा इम्तिहान मत लो सुधर जाओ, संभल जाओ. चींटी जब हाथी के सूंड में घुस जाती है तब वह हाथी का जीना हराम कर देती है.’

अफगानिस्तान की स्थिति की तरफ इशारा करते हुए मुफ्ती ने कहा, ‘पड़ोस में देखो क्या हो रहा है….इतनी बड़ी ताकत है अमेरिका, उनको भी अपना बोरिया-बिस्तर लेकर जाना पड़ा.’ बता दें कि बाइडन ने इसी साल मई में अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को वापस बुलाने का ऐलान किया था जिसके बाद वहां तालिबान ने कब्जा कर लिया है.

मोदी सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, ‘जिस तरह वाजपेयी जी ने जम्मू-कश्मीर में बातचीत का सिलसिला शुरू किया था, उसी तरह आप लोग भी बातचीत शुरू करो. और जो आपने जम्मू-कश्मीर में गैर-कानूनी और गैर-आईनी तरीके से लूटा है..इस गलती को सुधारो वरना बहुत देर हो जाएगी.’

‘महबूबा मुफ्ती गलतफहमी में है’

मुफ्ती के बयान पर भारतीय जनता पार्टी के जम्मू में नेता रविंद्र रैना ने कहा कि महबूबा मुफ्ती गलतफहमी में है.

उन्होंने कहा, ‘वह आग से खेलने का काम कर रही हैं. क्या महबूबा मुफ्ती तालिबान का निज़ाम कश्मीर घाटी में चाहती है? उनकी साजिश को पूरा नहीं होने देंगे. जो देश के खिलाफ षड्यंत्र करेगा उसे मिट्टी में दफन कर दिया जाएगा.’

इस महीने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए हुए दो साल पूरे हुए हैं. मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को राज्य का विशेष दर्जा वापस ले लिया था और कई नेताओं को कई महीनों तक नजरबंद रखा गया था. इसी साल मोदी सरकार ने कश्मीर के नेताओं से दिल्ली में बैठक की ताकि वहां परिसीमन की प्रक्रिया ठीक तरीके से हो और राजनीति पटरी पर लौटे.

प्रधानमंत्री मोदी से दिल्ली में मुलाकात के बाद से ही महबूबा मुफ्ती लगातार उनपर हमले करती आई हैं और राज्य का विशेष दर्जा वापस करने की मांग करती रही हैं.