Eid Shayari / 'ईद का दिन है गले मिल लीजे...' बकरीद के मौके पर शायरी भेजकर दें खास अंदाज में बधाइयां

ईद-उल-अजहा यानी बकरीदके लिए अब कुछ ही समय बचा है. मुस्लिम समुदाय का यह खास त्यौहार रमजान महीने के खत्म होने के 70 दिन बाद मनाया जाता है. ईद-उल-अजहा मुख्य रूप से कुर्बानी का त्योहार है. ईद (Baqreid) का त्यौहार हो और लोग एक-दूसरे को मुबारकबाद ना दें, ऐसा हो ही नहीं सकता है. वैसे तो लोग ईद के मौके पर एक-दूसरे को गले मिलकर बधाइयां देते हैं, लेकिन इस बार कोरोना के वजह से लोग एक-दूसरे से गले मिलने में भी कतरा रहे हैं.

NDTV : Jul 31, 2020, 10:34 PM
Happy Eid Al-Adha 2020: ईद-उल-अजहा (Eid Al-Adha 2020) यानी बकरीद (Bakrid) या बकरा ईद (Bakra Eid) के लिए अब कुछ ही समय बचा है. मुस्लिम समुदाय का यह खास त्यौहार रमजान महीने के खत्म होने के 70 दिन बाद मनाया जाता है. ईद-उल-अजहा (Eid Ul-Adha) मुख्य रूप से कुर्बानी का त्योहार है. ईद (Baqreid) का त्यौहार हो और लोग एक-दूसरे को मुबारकबाद ना दें, ऐसा हो ही नहीं सकता है. वैसे तो लोग ईद (Eid 2020) के मौके पर एक-दूसरे को गले मिलकर बधाइयां देते हैं, लेकिन इस बार कोरोना के वजह से लोग एक-दूसरे से गले मिलने में भी कतरा रहे हैं. तो क्यों ना इस खास मौके पर एक-दूसरे को शायरी भेजकर बधाइयां दी जाएं. ये शायरियां ना केवल दिलों को छूने का काम करेंगी, बल्कि इसके जरिए अलग अंदाज में मुबारकबाद भी दी जा सकेगी. ईद के मौके पर पढ़ें उर्दू की चुनींदा शायरी (Eid Shayari)... 

ईद का दिन है गले मिल लीजे

इख़्तिलाफ़ात हटा कर रखिए 

अब्दुल सलाम

जो लोग गुज़रते हैं मुसलसल रह-ए-दिल से 

दिन ईद का उन को हो मुबारक तह-ए-दिल से 

ओबैद आज़म आज़मी

आ जाए वो मिलने तो मुझे ईद-मुबारक 

मत आए ब-हर-हाल उसे ईद-मुबारक 

इदरीस बाबर

ऐसा हो सब इंसान हों ख़ुश इतने कि हर रोज़ 

इक दूसरे से कहता फिरे ईद-ए-मुबारक 

इदरीस बाबर

अपनी ख़ुशियाँ भूल जा सब का दर्द ख़रीद 

'सैफ़ी' तब जा कर कहीं तेरी होगी ईद 

सैफ़ी सिरोंजी

तुम बिन चाँद न देख सका टूट गई उम्मीद 

बिन दर्पन बिन नैन के कैसे मनाएं ईद 

बेकल उत्साही