Vikrant Shekhawat : Jun 11, 2022, 08:06 AM
Delhi: देश में 1 जून को मानसून ने दस्तक दे दी, लेकिन इस आठ दिन में एक भी दिन झमाझम बारिश नहीं हुई है। जून के पहले सप्ताह में देश के करीब 90 फीसदी हिस्से में कम से कम एक दिन तो बारिश हो ही जाती थी, पर इस बार ऐसा नहीं हुआ है। आलम यह है कि जून में अब तक देश के कई हिस्सों में न तो मानसून और न ही अन्य प्रणालियों के कारण बारिश हुई है। यहां तक कि उन क्षेत्रों में भी बारिश नहीं हुई है जहां मानसून ने दस्तक दी है।
अमूमन देश में 1 जून से मानसून की शुरुआत हो जाती है। दक्षिण-पश्चिमी हवाओं की वजह से मानसून इस तिथि को अपने पहले पड़ाव केरल के तट पर आता है और उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में जून के आखिरी हफ्ते तक पहुंचता है। ऐतिहासिक रूप से ऐसा प्री मानसून या मानसून के पहले पहुंचने के कारण होता है।
1901 के बाद से अब तक सबसे कम बारिश जून में हुईमौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के ग्रिडेड डेटासेट के अनुसार देश में जून (8 जून को सुबह 8:30 बजे तक) में अब तक 17.7 मिमी ही बारिश हुई है। यह 1961-2010 के 28.3 मिमी के औसत से 37.5 फीसदी कम है। इस आठ दिन के अंतराल में 1901 के बाद से 30वीं सबसे कम बारिश है।
आधे देश में जून में अब तक एक दिन भी नहीं हुई बारिशइस बार मानसून में अधिक वर्षा की कमी केवल कुछ स्थानों पर कम बारिश होने का परिणाम नहीं है। देश के अधिकांश हिस्सों में अब तक बिल्कुल भी बारिश नहीं हुई है। आईएमडी का ग्रिडेड डेटासेट ने 4,685 ग्रिड बारिश होने का संकेत दिया है, लेकिन इस माह अब तक केवल 38.1 प्रतिशत ग्रिड में एक दिन से अधिक और तीन दिनों से अधिक 19 फीसदी ही बारिश हुई है। करीब आधे ग्रिड यानी 47 फीसदी में बिल्कुल भी बारिश नहीं हुई है। ये नो-रेनफॉल ग्रिड लगभग पूरे उत्तर और मध्य भारत को कवर करता है।
जहां मानसून पहुंचा, वहां भी बरसात नहींदेश के कई हिस्सों में मानसून अभी तक नहीं पहुंचा है। इसलिए जून में अब तक की बारिश तकनीकी रूप से इस बात का संकेत नहीं है कि उन जगहों पर मानसून प्रणाली कैसे काम कर रही है। इस बार प्री-मानसून बारिश भी कम हुई है। हालांकि बारिश उन जगहों पर और अच्छी तरह से हो सकती है जहां इस समय मानसून आने की उम्मीद नहीं है, जैसे उत्तर और मध्य भारत। वहीं, जहां मानसून आ गया है, वहां अच्छी बारिश नहीं हुई है।8 जून को आईएमडी की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, दक्षिण के आधे हिस्से और सभी उत्तर-पूर्वी राज्यों में मानसून आ गया है। अन्य राज्यों की तुलना में तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में 1 जून से अधिक बारिश हुई है। वहीं, कर्नाटक में सामान्य बारिश हुई है।
अमूमन देश में 1 जून से मानसून की शुरुआत हो जाती है। दक्षिण-पश्चिमी हवाओं की वजह से मानसून इस तिथि को अपने पहले पड़ाव केरल के तट पर आता है और उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में जून के आखिरी हफ्ते तक पहुंचता है। ऐतिहासिक रूप से ऐसा प्री मानसून या मानसून के पहले पहुंचने के कारण होता है।
1901 के बाद से अब तक सबसे कम बारिश जून में हुईमौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के ग्रिडेड डेटासेट के अनुसार देश में जून (8 जून को सुबह 8:30 बजे तक) में अब तक 17.7 मिमी ही बारिश हुई है। यह 1961-2010 के 28.3 मिमी के औसत से 37.5 फीसदी कम है। इस आठ दिन के अंतराल में 1901 के बाद से 30वीं सबसे कम बारिश है।
आधे देश में जून में अब तक एक दिन भी नहीं हुई बारिशइस बार मानसून में अधिक वर्षा की कमी केवल कुछ स्थानों पर कम बारिश होने का परिणाम नहीं है। देश के अधिकांश हिस्सों में अब तक बिल्कुल भी बारिश नहीं हुई है। आईएमडी का ग्रिडेड डेटासेट ने 4,685 ग्रिड बारिश होने का संकेत दिया है, लेकिन इस माह अब तक केवल 38.1 प्रतिशत ग्रिड में एक दिन से अधिक और तीन दिनों से अधिक 19 फीसदी ही बारिश हुई है। करीब आधे ग्रिड यानी 47 फीसदी में बिल्कुल भी बारिश नहीं हुई है। ये नो-रेनफॉल ग्रिड लगभग पूरे उत्तर और मध्य भारत को कवर करता है।
जहां मानसून पहुंचा, वहां भी बरसात नहींदेश के कई हिस्सों में मानसून अभी तक नहीं पहुंचा है। इसलिए जून में अब तक की बारिश तकनीकी रूप से इस बात का संकेत नहीं है कि उन जगहों पर मानसून प्रणाली कैसे काम कर रही है। इस बार प्री-मानसून बारिश भी कम हुई है। हालांकि बारिश उन जगहों पर और अच्छी तरह से हो सकती है जहां इस समय मानसून आने की उम्मीद नहीं है, जैसे उत्तर और मध्य भारत। वहीं, जहां मानसून आ गया है, वहां अच्छी बारिश नहीं हुई है।8 जून को आईएमडी की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, दक्षिण के आधे हिस्से और सभी उत्तर-पूर्वी राज्यों में मानसून आ गया है। अन्य राज्यों की तुलना में तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में 1 जून से अधिक बारिश हुई है। वहीं, कर्नाटक में सामान्य बारिश हुई है।