Vikrant Shekhawat : Jul 27, 2023, 08:09 AM
Vikram Brar: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को बड़ी सफलता मिली है। एनआई ने गैंगस्टर विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्रम बराड़ को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) गिरफ्तार कर लिया है। वह यूएई फरार हो गया था। एनआईए उसे भारत वापस लाने के लिए एनआईए की एक टीम संयुक्त अरब अमीरात गई थी। विक्रम की गिरफ्तारी कर आतंकी-गैंगस्टर-तस्कर सांठगांठ मामले में बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।विक्रम बराड़ जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का बेहद खास है। वह मशहूर पंजाबी सिंगर शुभदीप सिंह उर्फ सिद्धू मूसेवाला की सनसनीखेज हत्या में शामिल रहा है। बराड़ को एनआईए ने हिरासत में ले लिया है। निर्दोष लोगों और व्यापारियों की टारगेट किलिंग के अलावा वह खतरनाक गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़ और अन्य की मदद से भारत में हथियारों की तस्करी और जबरन वसूली के मामलों में शामिल था।मूसेवाला मर्डर केस में 31 नामजदपंजाब के सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में पुलिस द्वारा दाखिल चार्जशीट के बाद बुधवार को मानसा कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट में सभी आरोपी वर्चुअली कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने गैंगस्टर लॉरेंस समेत सभी आरोपियों पर आरोप तय कर दिए हैं। अब इस केस की सुनवाई 9 अगस्त को होगी। एसआईटी ने गैंगस्टर लॉरेंस और विदेश में बैठे उसके साथी गोल्डी बराड़ समेत 31 लोगों को नामजद किया है।अब तक 29 अरेस्ट, दो मुठभेड़ में मारे गएसिद्धू मूसेवाला की हत्या 29 मई 2022 को पंजाब मानसा जिले के जवाहरके में गोली मारकर की गई थी। मुख्य आरोपी लॉरेंस गैंग का सदस्य गोल्डी बराड़ है। अब तक इस सनसनीखेज हत्याकांड में 29 लोग अरेस्ट हुए हैं। दो आरोपी मुठभेड़ में मारे गए हैं।संचार नियंत्रण कक्ष के रूप में करता था काम
एनआईए की जांच में पता चला है कि विक्रम बराड़ संयुक्त अरब अमीरात से लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह के लिए संचार नियंत्रण कक्ष (सीसीआर) के रूप में काम कर रहा था। सीसीआर के माध्यम से वह लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ (कनाडा में मौजूद) को कॉल की सुविधा मुहैया करवाता था। उनके आदेश पर जबरन वसूली व अन्य वारदातों को अंजाम देता था। दिल्ली स्थित एनआईए की विशेष अदालत ने उसके खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया था। एक लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) आरोपी के नाम पर भी जारी है। वहीं 24 मार्च 2022 को एनआईए ने आरोप पत्र दायर किया था। 2022 में दिल्ली में दर्ज आरसी-39 में 13 अन्य आरोपियों के साथ उसका नाम भी शामिल था। यह आतंकी गठजोड़ से जुड़ा मामला था।मूसेवाला हत्याकांड में सक्रिय रूप से मदद कीएनआईए के मुताबिक साल 2020 से 2022 तक विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्रम बराड़ ने सिद्धू मूसेवाला हत्या में सक्रिय रूप से गोल्डी बराड़ की मदद की थी। लॉरेंस बिश्नोई ने कई बार हवाला के जरिए बराड़ को उगाही की रकम भी भेजी थी। बराड़ ने कुरुक्षेत्र के एक डॉक्टर से रंगदारी मांगी थी।छात्र राजनीति से अपराध की दुनिया में पहुंचाएनआईए की जांच में सामने आया कि लॉरेंस बिश्नोई के करीबी सहयोगी बनने से पहले विक्रम बराड़ पंजाब विश्वविद्यालय के छात्र संगठन सोपू से जुड़ा था। लॉरेंस भी इस संगठन का नेता था। इसके बाद वह अपराध की दुनिया में आया। वह अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर हत्या, जबरन वसूली करने लगा। इसने राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के गैंगस्टरों को लॉजिस्टिक सहायता भी प्रदान की थी।पांच को डिपोर्ट करवा चुकी NIAहाल के महीनों में एनआईए पांच भगोड़ों को डिपोर्ट कर गिरफ्तार करने में सफलता हासिल कर चुकी है। इनमें तरनतारन बम धमाकों का मास्टरमाइंड बिक्रमजीत सिंह उर्फ बिक्कर पंजवार उर्फ बिक्कर बाबा को दिसंबर 2022 में ऑस्ट्रिया से डिपोर्ट किया गया था। यह किसी पश्चिमी देश से अपनी तरह का पहला प्रत्यर्पण का मामला था। इसके अलावा लुधियाना कोर्ट कॉम्प्लेक्स बम धमाका मामले में बब्बर खालसा के कुलविंदरजीत सिंह उर्फ खानपुरिया, हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी मलेशिया, परमिंदर पाल सिंह उर्फ बॉबी और अबूबकर हाजी को डिपोर्ट किया जा चुका है।
एनआईए की जांच में पता चला है कि विक्रम बराड़ संयुक्त अरब अमीरात से लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह के लिए संचार नियंत्रण कक्ष (सीसीआर) के रूप में काम कर रहा था। सीसीआर के माध्यम से वह लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ (कनाडा में मौजूद) को कॉल की सुविधा मुहैया करवाता था। उनके आदेश पर जबरन वसूली व अन्य वारदातों को अंजाम देता था। दिल्ली स्थित एनआईए की विशेष अदालत ने उसके खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया था। एक लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) आरोपी के नाम पर भी जारी है। वहीं 24 मार्च 2022 को एनआईए ने आरोप पत्र दायर किया था। 2022 में दिल्ली में दर्ज आरसी-39 में 13 अन्य आरोपियों के साथ उसका नाम भी शामिल था। यह आतंकी गठजोड़ से जुड़ा मामला था।मूसेवाला हत्याकांड में सक्रिय रूप से मदद कीएनआईए के मुताबिक साल 2020 से 2022 तक विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्रम बराड़ ने सिद्धू मूसेवाला हत्या में सक्रिय रूप से गोल्डी बराड़ की मदद की थी। लॉरेंस बिश्नोई ने कई बार हवाला के जरिए बराड़ को उगाही की रकम भी भेजी थी। बराड़ ने कुरुक्षेत्र के एक डॉक्टर से रंगदारी मांगी थी।छात्र राजनीति से अपराध की दुनिया में पहुंचाएनआईए की जांच में सामने आया कि लॉरेंस बिश्नोई के करीबी सहयोगी बनने से पहले विक्रम बराड़ पंजाब विश्वविद्यालय के छात्र संगठन सोपू से जुड़ा था। लॉरेंस भी इस संगठन का नेता था। इसके बाद वह अपराध की दुनिया में आया। वह अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर हत्या, जबरन वसूली करने लगा। इसने राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के गैंगस्टरों को लॉजिस्टिक सहायता भी प्रदान की थी।पांच को डिपोर्ट करवा चुकी NIAहाल के महीनों में एनआईए पांच भगोड़ों को डिपोर्ट कर गिरफ्तार करने में सफलता हासिल कर चुकी है। इनमें तरनतारन बम धमाकों का मास्टरमाइंड बिक्रमजीत सिंह उर्फ बिक्कर पंजवार उर्फ बिक्कर बाबा को दिसंबर 2022 में ऑस्ट्रिया से डिपोर्ट किया गया था। यह किसी पश्चिमी देश से अपनी तरह का पहला प्रत्यर्पण का मामला था। इसके अलावा लुधियाना कोर्ट कॉम्प्लेक्स बम धमाका मामले में बब्बर खालसा के कुलविंदरजीत सिंह उर्फ खानपुरिया, हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी मलेशिया, परमिंदर पाल सिंह उर्फ बॉबी और अबूबकर हाजी को डिपोर्ट किया जा चुका है।