Maharashtra / पुणे की केमिकल फैक्ट्री में लगी भीषण आग, 15 महिला समेत 17 की मौत

महाराष्ट्र के पुणे में एक केमिकल बनाने वाली फैक्ट्री में लगी भयंकर आग में मरने वालों का आंकड़ा अब 17 तक पहुंच गया है। इनमें 15 महिलाएं भी शामिल हैं। फैक्ट्री के आग पर अब काबू पा लिया गया है और फिलहाल अंदर कूलिंग के साथ साथ सर्च ऑपरेशन भी जारी है। इस घटना में जान गंवाने वालों के परिवार वालों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 लाख रुपये के मुआवज़े का एलान किया है। घायलों के लिए 50 हज़ार की मदद की बात कही गई है।

Vikrant Shekhawat : Jun 07, 2021, 09:26 PM
महाराष्ट्र के पुणे में एक केमिकल बनाने वाली फैक्ट्री में लगी भयंकर आग में मरने वालों का आंकड़ा अब 17 तक पहुंच गया है। इनमें 15 महिलाएं भी शामिल हैं। फैक्ट्री के आग पर अब काबू पा लिया गया है और फिलहाल अंदर कूलिंग के साथ साथ सर्च ऑपरेशन भी जारी है। इस घटना में जान गंवाने वालों के परिवार वालों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 लाख रुपये के मुआवज़े का एलान किया है। घायलों के लिए 50 हज़ार की मदद की बात कही गई है।

पीएमआरडीए पुणे के चीफ पोटफोड़े ने कहा, "आग तब लगी जब प्लास्टिक पैकिंग का काम चल रहा था। धुआं इतना ज्यादा था कि महिला कर्मचारियों को भागने का कोई रास्ता ही नहीं मिला। हमने 17 शव बरामद किए हैं, जिनमें 15 महिलाएं और दो पुरुष हैं। कूलिंग और सर्च ऑपरेशन जारी है।"

भीषण आग की इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "महाराष्ट्र में पुणे की एक फैक्ट्री में आग लगने से लोगों की मौत हुई है, जिससे दुखी हूं। दुख में डूबे परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं।"

पीएमओ की ओर से ट्वीट किया गया, "प्रधानमंत्री ने पीएम राष्ट्रीय राहत कोष से महाराष्ट्र के पुणे की इंडस्ट्रियल यूनिट में आग लगने से मरने वालों के परिवारजनों के लिए 2-2 लाख रुपये के मुआवज़े का एलान किया है। जो लोग घायल हुए हैं उन्हें 50 हज़ार रुपये दिए जाएंगे।"

दूर से दिख रहा था धुएं का गुबार

केमिकल फैक्ट्री होने की वजह से इस आग पर काबू पाने में फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों को खासी मशक्कत करनी पड़ी। दूर से ही धुएं का बड़ा गुबार दिखाई दे रहा था। एसवीएस एकुआ टेक्नोलोजीज़ की केमिकल की ये फैक्ट्री है। आग लगने के बाद अलग अलग तरह की गैस फैल गई है, जिसके चलते आग बुझाने में दिक्कतें आईं। कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि इसमें हवा, पानी और भूतल उपचार रसायन (केमिकल) का विनिर्माण, आपूर्ति और निर्यात का काम होता है।