Vikrant Shekhawat : Jul 11, 2021, 10:25 AM
ब्राजील में पियर्सिंग फैशन के चक्कर में एक 15 साल की छात्रा की मौत हो गई। दरअसल 15 साल की इज़ाबेला एडुआर्डा डी सूसा की घर पर ही आंखों के ऊपर भौंहे छिदवाने से मौत हो गई। द सन की रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ 15 साल की इज़ाबेला एडुआर्डा डी सूसा को भौंहे छिदवाने के बाद घातक संक्रमण का सामना करना पड़ा, जिससे उसका चेहरा गुब्बारे की तरह फूल गया और उसकी आंखें इतनी सूज गई कि उसे अपनी जान गंवानी पड़ी।
ब्राजील के दक्षिण-पूर्वी राज्य मिनस गेरैस में अपने घर पर एक दोस्त की मदद से सूसा ने अपने भौंहे को छिदवाया था। सूसा ने इससे पहले अपनी मां से कई बार भौंहे छिदवाने की मिन्नतें की थी लेकिन उसके परिवार के सभी सदस्यों ने इसके लिए मना कर दिया था।इसके बाद सूसा ने एक दोस्त की मदद से अपनी भौंहे छिदवा ली जिसके तीन दिन बाद उसमें चिंताजनक लक्षण विकसित होने लगे। उसकी आंखों के आसपास का क्षेत्र सूज गया और वो चिड़चिड़ी हो गई। इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसे चार बार कार्डियक अरेस्ट हुआ।सूसा के शरीर ने आंखों के ऊपर छेद करने के लिए इस्तेमाल किए गए विदेशी सामान को अस्वीकार कर दिया और उसका स्वास्थ्य धीरे-धीरे बिगड़ गया। उसके बाद उसे एक बड़े अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां एक सप्ताह तक जीवन के लिए जंग लड़ने के बाद उसने आखिरी सांस ली।उसकी मृत्यु के बाद, उसकी चाची जर्सीन डी सूजा ने कहा, "मैंने एक बहुत ही सुंदर, बहुत खास भतीजी को खो दिया है। मैं निवेदन करती हूं बच्चों को "अपने माता-पिता, चाची-चाचा, और अपने दादा-दादी की बातों का पालन करना चाहिए।डॉक्टरों ने खुलासा किया कि अगर इजाबेला बच भी जाती, तो शायद उस आंख की रोशनी खो देती जिसके भौंहे को छिदवाया था। डॉक्टरों न सलाह दी कि विशेष, लाइसेंस प्राप्त क्लीनिक में पेशेवरों द्वारा ही पियर्सिंग जैसी सौंदर्य प्रक्रियाएं लोग अपने शरीर पर करवाएं।
ब्राजील के दक्षिण-पूर्वी राज्य मिनस गेरैस में अपने घर पर एक दोस्त की मदद से सूसा ने अपने भौंहे को छिदवाया था। सूसा ने इससे पहले अपनी मां से कई बार भौंहे छिदवाने की मिन्नतें की थी लेकिन उसके परिवार के सभी सदस्यों ने इसके लिए मना कर दिया था।इसके बाद सूसा ने एक दोस्त की मदद से अपनी भौंहे छिदवा ली जिसके तीन दिन बाद उसमें चिंताजनक लक्षण विकसित होने लगे। उसकी आंखों के आसपास का क्षेत्र सूज गया और वो चिड़चिड़ी हो गई। इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसे चार बार कार्डियक अरेस्ट हुआ।सूसा के शरीर ने आंखों के ऊपर छेद करने के लिए इस्तेमाल किए गए विदेशी सामान को अस्वीकार कर दिया और उसका स्वास्थ्य धीरे-धीरे बिगड़ गया। उसके बाद उसे एक बड़े अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां एक सप्ताह तक जीवन के लिए जंग लड़ने के बाद उसने आखिरी सांस ली।उसकी मृत्यु के बाद, उसकी चाची जर्सीन डी सूजा ने कहा, "मैंने एक बहुत ही सुंदर, बहुत खास भतीजी को खो दिया है। मैं निवेदन करती हूं बच्चों को "अपने माता-पिता, चाची-चाचा, और अपने दादा-दादी की बातों का पालन करना चाहिए।डॉक्टरों ने खुलासा किया कि अगर इजाबेला बच भी जाती, तो शायद उस आंख की रोशनी खो देती जिसके भौंहे को छिदवाया था। डॉक्टरों न सलाह दी कि विशेष, लाइसेंस प्राप्त क्लीनिक में पेशेवरों द्वारा ही पियर्सिंग जैसी सौंदर्य प्रक्रियाएं लोग अपने शरीर पर करवाएं।