Gold-Silver Price: दिवाली के तुरंत बाद देश की राजधानी दिल्ली में सोना और चांदी की कीमतों में उल्लेखनीय गिरावट देखने को मिली है। जहां सोना 1,300 रुपये प्रति 10 ग्राम तक सस्ता हो गया, वहीं चांदी की कीमत में भी 4,600 रुपये की कमी आई है। विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले दिनों में भी इन कीमती धातुओं की कीमतों में और गिरावट देखी जा सकती है। इस गिरावट के पीछे कई आर्थिक और वैश्विक कारण हैं, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे और फेडरल रिजर्व की पॉलिसी मीटिंग के फैसले महत्वपूर्ण कारक माने जा रहे हैं।
दिल्ली में सोना-चांदी की कीमतों में गिरावट
ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में सोने की कीमतें अब 81,100 रुपये प्रति 10 ग्राम तक गिर गई हैं, जो पहले 82,400 रुपये के उच्चतम स्तर पर थीं। इसी तरह, 99.5 फीसदी शुद्धता वाले सोने की कीमत भी 80,700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गई। इसी दौरान, चांदी की कीमतें भी 95,000 रुपये के स्तर से नीचे फिसलकर 94,900 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गईं।व्यापारियों का मानना है कि दिवाली के बाद स्थानीय बाजारों में आभूषणों की मांग में कमी आई है, जिससे सोने-चांदी की कीमतों पर दबाव बना है। खुदरा और स्टॉकिस्टों की बिकवाली ने भी कीमतों में गिरावट को और बढ़ावा दिया है।
वायदा बाजार में कीमतों की स्थिति
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) में भी सोने-चांदी की कीमतों में कमी देखी गई है। दिसंबर डिलीवरी वाले सोने का अनुबंध 329 रुपये घटकर 78,538 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया, जो पिछले हफ्ते 79,775 रुपये प्रति 10 ग्राम के उच्चतम स्तर पर था। इसी तरह, चांदी का दिसंबर डिलीवरी अनुबंध 412 रुपये की गिरावट के साथ 95,071 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गया।कॉमेक्स गोल्ड वायदा में थोड़ी स्थिरता दिखी और यह 2,752.80 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था। विशेषज्ञों का मानना है कि कॉमेक्स पर गोल्ड 2,730 डॉलर के आसपास समर्थन पा रहा है, लेकिन 2,750 डॉलर से ऊपर के स्तर को पार करने में इसे संघर्ष करना पड़ रहा है।
विशेषज्ञों की राय
एलकेपी सिक्योरिटीज के वीपी रिसर्च एनालिस्ट जतीन त्रिवेदी ने बताया कि अमेरिकी चुनावों के नतीजों को लेकर मार्केट में कई तरह की संभावनाएं और असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में सोने की कीमतें 78,000 से 79,000 रुपये के बीच रह सकती हैं। दूसरी ओर, ब्लिंकएक्स और जेएम फाइनेंशियल के उपाध्यक्ष प्रणव मेर का कहना है कि मुनाफा-वसूली के चलते कीमतों में हल्की गिरावट देखने को मिल रही है, जिसका प्रमुख कारण डिमांड का कम होना है। इसके अलावा, अमेरिकी चुनाव और फेडरल रिजर्व के पॉलिसी निर्णय भी आने वाले समय में कीमती धातुओं की कीमतों को प्रभावित करेंगे।
वैश्विक दृष्टिकोण और भविष्य की उम्मीदें
गोल्डमैन सैक्स रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार, उभरते हुए बाजारों में केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीद में वृद्धि के चलते सोने की कीमतों में आने वाले सालों में वृद्धि होने की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 के अंत तक सोने का भाव 3,000 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस तक बढ़ सकता है। रूस-यूक्रेन संघर्ष के बाद से उभरते बाजारों के केंद्रीय बैंक सोने की खरीदारी में तेजी ला रहे हैं, जिससे सोने की वैश्विक मांग भी बढ़ रही है।
निष्कर्ष
दिल्ली में सोने-चांदी की कीमतों में आई इस गिरावट का मुख्य कारण स्थानीय बाजारों में कम मांग और वैश्विक घटनाक्रम है। अमेरिकी चुनाव और फेडरल रिजर्व के निर्णय भी सोने-चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव का कारण बन सकते हैं। इसलिए आने वाले समय में बाजार के रुझानों पर ध्यान रखना आवश्यक है, क्योंकि ये कीमती धातुओं के निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शन साबित हो सकते हैं।