- भारत,
- 24-Apr-2025 09:51 PM IST
Pahalgam Terrorist Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले के मद्देनज़र गुरुवार को दिल्ली में एक सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं और सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक में गृह मंत्री अमित शाह ने हमले को लेकर चूक स्वीकार की और कहा, "अगर कोई चूक नहीं होती तो हम आज यहां क्यों बैठे होते?" उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार इस हमले को गंभीरता से ले रही है और इसकी तह तक जाने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही है।
इंटेलिजेंस फेलियर और सुरक्षा तैनाती पर सवाल
बैठक के दौरान ज्यादातर राजनीतिक दलों ने खुफिया तंत्र की विफलता और सुरक्षा की अपर्याप्त तैनाती को लेकर चिंता जताई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सवाल उठाया कि "जिस जगह हमला हुआ वहां सुरक्षा बल तैनात क्यों नहीं थे?" इस पर सरकार की ओर से बताया गया कि आमतौर पर इस इलाके को जून के महीने में अमरनाथ यात्रा के दौरान खोला जाता है और उसी समय वहां सुरक्षा बलों की तैनाती होती है।
इस बार बिना सरकारी जानकारी के लोकल टूर ऑपरेटरों द्वारा 20 अप्रैल से पर्यटकों को इस क्षेत्र में ले जाया जाने लगा, जिसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को नहीं थी। इसी वजह से नियत समय से पहले सुरक्षा बलों की तैनाती नहीं की गई थी।
राजनीतिक एकजुटता और कठोर कार्रवाई की प्रतिबद्धता
बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि सभी राजनीतिक दलों ने एक स्वर में आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा, "भारत आतंकवाद के खिलाफ हमेशा कठोर रहा है और आगे भी रहेगा। सभी दलों ने सरकार के कदमों का समर्थन किया है।"
प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति पर विपक्ष की चिंता
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गैरमौजूदगी पर सवाल उठाया और कहा, "ऐसे गंभीर मसले पर प्रधानमंत्री का उपस्थित रहना अनिवार्य था।" उन्होंने कहा कि "तीन स्तरीय सुरक्षा के बावजूद हमला कैसे हो गया?" उन्होंने यह भी जोड़ा कि कांग्रेस देशहित में सरकार के किसी भी ठोस कदम का समर्थन करेगी।
ओवैसी के तीखे सवाल और सुझाव
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी बैठक में केंद्र सरकार से कई तीखे सवाल पूछे। उन्होंने पूछा कि बैसरन मैदान में RPF को क्यों नहीं तैनात किया गया और त्वरित कार्रवाई दल को पहुंचने में देरी क्यों हुई। उन्होंने कहा, "कश्मीरियों के खिलाफ झूठा प्रचार रोका जाना चाहिए और आतंकवादियों द्वारा धर्म के आधार पर की गई हत्या की निंदा होनी चाहिए।"
उन्होंने सरकार को सुझाव दिया कि पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत दबाव बनाया जाए, जिसमें नौसैनिक और हवाई नाकाबंदी, हथियारों की बिक्री पर प्रतिबंध और सिंधु जल संधि को निलंबित करने जैसे कदम शामिल हो सकते हैं।
राजनीतिक मतभेद से परे राष्ट्रीय सुरक्षा
इस बैठक ने एक बार फिर यह सिद्ध किया कि जब बात राष्ट्रीय सुरक्षा की होती है, तो भारत की राजनीति मतभेदों को पीछे छोड़कर एकजुट हो जाती है। यह आवश्यक भी है कि आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दों पर सभी पक्ष एक मंच पर आकर मिलकर समाधान तलाशें। अब उम्मीद की जा रही है कि केंद्र सरकार सुरक्षा तंत्र की समीक्षा करते हुए भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएगी।
#WATCH | Delhi: After the all-party meeting, Union Minister Kiren Rijiju says, "...Everyone has agreed that India should fight against terrorism unitedly. India has taken strong action against terrorism in the past and will continue to do so. This has been discussed in the… pic.twitter.com/KpL25kFDoN
— ANI (@ANI) April 24, 2025