देश / केंद्र ने एसआईआई को कोविशील्ड की 50 लाख डोज़ निर्यात करने की अनुमति दी: खबर

खबरों के अनुसार, केंद्र सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को कोवैक्स योजना के तहत कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड की 50 लाख डोज़ निर्यात करने की अनुमति दी है। एसआईआई बांग्लादेश, नेपाल, ताजिकिस्तान व मोज़ाम्बिक को वैक्सीन निर्यात करेगा। बकौल खबर, एसआईआई ने हाल ही में केंद्र को बताया था कि उसके पास कोविशील्ड की 24.89 करोड़ डोज़ हैं।

Vikrant Shekhawat : Nov 22, 2021, 12:52 PM
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को संयुक्त राष्ट्र समर्थित कोवैक्स वैश्विक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत कोविड-19 रोधी टीके कोविशील्ड की 50 लाख खुराक नेपाल, ताजिकिस्तान और मोजाम्बिक को निर्यात करने की अनुमति दी है. आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि इन तीन देशों के अलावा एसआईआई कोवैक्स पहल के तहत बांग्लादेश को कोविशील्ड टीके का भी निर्यात करेगा. एसआईआई 23 नवंबर से कोवैक्स कार्यक्रम के तहत कोविड टीके का निर्यात शुरू करेगा और नेपाल को 24 नवंबर को कोविशील्ड की पहली खेप मिलेगी.

इससे पहले सरकार ने अक्टूबर में एसआईआई को ‘वैक्सीन मैत्री’ कार्यक्रम के तहत नेपाल, म्यांमा और बांग्लादेश में प्रत्येक को कोविशील्ड की 10 लाख खुराक निर्यात करने की अनुमति दी थी. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को हाल में एक पत्र में सूचित किया था कि कंपनी ने कोविशील्ड की 24,89,15,000 खुराकों का स्टॉक तैयार किया है और यह स्टॉक दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है.

कोवोवैक्स वैक्सीन के नियार्त की भी मांगी थी मंजूरी

इसी के साथ SII ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से गुजारिश की थी कि कंपनी की कोवोवैक्स वैक्सीन को निर्यात की मंजूरी दी जाए. इससे अलावा, ‘सेंट्रल ड्रग्स सटैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन’ (CDSCO) से भी इस सिलसिले में मंजूरी दिए जाने की मांग की गई थी. कंपनी ने कहा था कि अगर कोवोवैक्स वैक्सीन को निर्यात की मंजूरी नहीं मिलती है तो इसे नुकसान हो सकता है. SII ने अपनी अर्जी में कहा है कि मंजूरी के बिना दिसंबर 2021 तक कोवोवैक्स वैक्सीन की एक करोड़ डोज बर्बाद हो जाएंगी.

वहीं, सीरम ने भारत में भी वैक्सीनेशन के लिए कोवोवैक्स वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को लेकर मंजूरी मांगी थी. हालांकि, CDSCO की तरफ से इस मामले पर कोई फैसला नहीं लिया गया है.