पंचकूला / पंचकूला हिंसा मामले में हरियाणा पुलिस को बड़ा झटका, मुख्य आरोपी हनीप्रीत को अदालत ने दी जमानत

पंचकूला हिंसा मामले में हरियाणा पुलिस को बड़ा झटका लगा है। क्योंकि केस में मुख्य आरोपी हनीप्रीत को अदालत ने जमानत दे दी है। मामले में अगली सुनवाई अब 20 नवंबर को होगी। ईआर नंबर 345 में हनीप्रीत के खिलाफ लगी देशद्रोह की धारा 121 व 121 ए को हटा दिया गया था। क्योंकि पुलिस कोर्ट में देशद्रोह व देशद्रोह की साजिश रचने के आरोप साबित नहीं कर सकी।

AMAR UJALA : Nov 06, 2019, 05:19 PM
पंचकूला | पंचकूला हिंसा मामले में हरियाणा पुलिस को बड़ा झटका लगा है। क्योंकि केस में मुख्य आरोपी हनीप्रीत को अदालत ने जमानत दे दी है। हनीप्रीत को आज ही जमानत पर रिहा कर दिया जाएगा, यानी वो आज ही जेल से बाहर आ जाएगी। मामले में अगली सुनवाई अब 20 नवंबर को होगी। पिछली सुनवाई में मामले में दर्ज एफआ

ईआर नंबर 345 में हनीप्रीत के खिलाफ लगी देशद्रोह की धारा 121 व 121 ए को हटा दिया गया था। क्योंकि पुलिस कोर्ट में देशद्रोह व देशद्रोह की साजिश रचने के आरोप साबित नहीं कर सकी। इसके बाद जो धाराएं बची थीं, उनमें जमानत हो सकती थी।

इसे ध्यान में रखते हुए ही हनीप्रीत के वकील ने जमानत के लिए याचिका दायर की। याचिका पर आज सुनवाई हुई और हनीप्रीत वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश हुई। अन्य आरोपी प्रत्यक्ष रूप से कोर्ट में पेश हुए थे। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुनाते हुए हनीप्रीत की जमानत याचिका मंजूर कर ली।

गौरतलब है कि राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकूला में 25 अगस्त 2017 को हिंसा हुई थी। इसमें 36 लोगों की मौत हुई थी। हनीप्रीत पर आरोप हैं कि उसने डेरा समर्थकों को हिंसा के लिए उकसाया था। इसके बाद ही समर्थकों ने पंचकूला में जमकर उत्पात मचाया। सड़कों पर खड़ी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था।

मामले में शामिल अन्य आरोपियों में सुरेंद्र धीमान, गुरमीत, शरणजीत कौर, गोबिंद, प्रदीप, गुरमीत, दान सिंह, सुखदीप कौर, सीपी अरोड़ा, खैराती लाल, राकेश व अन्य प्रमुख हैं। अब इन पर आईपीसी की धारा 216, 145, 150, 151, 152, 153 व 120-बी के तहत ही सुनवाई हुई।

पहले भी हटाई देशद्रोह की धारा

हिंसा मामले में इससे पहले भी दर्ज तीन अलग-अलग एफआईआर में आरोपियों से देशद्रोह की धारा हटाई गई थी। मामले के करीब 40 आरोपी हैं और इनमें से कई आरोपियों को कोर्ट भगोड़ा करार दे चुकी है। जबकि कुछ के गिरफ्तारी वारंट जारी किए जा चुके हैं।