Vikrant Shekhawat : Nov 28, 2024, 08:20 PM
Bangladesh News: बांग्लादेश इन दिनों गंभीर राजनीतिक और सामाजिक संकटों से जूझ रहा है। देश की अंतरिम सरकार, जिसका नेतृत्व नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस कर रहे हैं, ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) में मुकदमा चलाने की योजना बनाई है। यह कदम बांग्लादेश की पहले से अस्थिर स्थिति को और जटिल बना सकता है।
बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति उस मोड़ पर है जहां घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समझदारी भरे फैसले लेने की जरूरत है। शेख हसीना के खिलाफ कार्रवाई और रोहिंग्या संकट पर कदम दोनों ही मुद्दे इस बात को तय करेंगे कि देश की राजनीतिक स्थिरता किस दिशा में जाएगी।
यूनुस सरकार की रणनीति
अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के कार्यालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी कि यूनुस ने ICC के अभियोजक करीम ए खान से मुलाकात कर शेख हसीना और उनके सहयोगियों के खिलाफ मुकदमे की संभावना पर चर्चा की। यूनुस सरकार का दावा है कि हसीना के शासनकाल में हुए कथित अत्याचारों और दमन के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।रोहिंग्या संकट पर चर्चा
इस बैठक में केवल शेख हसीना के खिलाफ मुकदमे की योजना ही नहीं, बल्कि रोहिंग्या शरणार्थी संकट पर भी चर्चा हुई। यूनुस और खान ने म्यांमार के सैन्य शासक मिन आंग ह्लाइंग के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराधों को लेकर ICC में जारी मामले पर भी बात की। खान ने बताया कि उनके कार्यालय ने रोहिंग्या संकट पर कार्रवाई के लिए म्यांमार के सैन्य अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट की औपचारिक मांग की है।शेख हसीना की स्थिति
शेख हसीना, जो लंबे समय तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रही हैं, पांच अगस्त को विवादास्पद नौकरी आरक्षण प्रणाली के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन के बाद देश छोड़कर भारत चली गईं। यूनुस सरकार ने आरोप लगाया है कि उनके शासनकाल में बड़े पैमाने पर अत्याचार और दमन हुआ। हसीना के कई सहयोगी या तो जेल में हैं या देश छोड़कर भाग गए हैं।इंटरपोल से मदद की मांग
ढाका ने शेख हसीना को भारत से वापस लाने के लिए इंटरपोल की मदद मांगी है। यूनुस सरकार चाहती है कि हसीना को बांग्लादेश लाकर उनके खिलाफ न्यायिक प्रक्रिया शुरू की जाए। हालांकि, भारत ने इस मुद्दे पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।बांग्लादेश की आंतरिक स्थिति
बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता लगातार गहराती जा रही है।- अंतरिम सरकार की चुनौतियां: जुलाई-अगस्त में हुए जन आंदोलन और सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हुए अत्याचारों के लिए जवाबदेही की मांग बढ़ रही है।
- रोहिंग्या संकट: लाखों रोहिंग्या शरणार्थियों की स्थिति और म्यांमार की आक्रामक नीतियों ने बांग्लादेश पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ा दिया है।
आगे की राह
यूनुस सरकार का शेख हसीना के खिलाफ ICC में मुकदमा चलाने का फैसला बांग्लादेश की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत कर सकता है। हालांकि, यह कदम विवादास्पद है और अंतरराष्ट्रीय मंच पर बांग्लादेश की छवि को प्रभावित कर सकता है।विश्लेषकों का मानना है कि शेख हसीना और यूनुस सरकार के बीच यह सियासी संघर्ष देश को और अधिक विभाजन की ओर धकेल सकता है। वहीं, रोहिंग्या संकट और आर्थिक चुनौतियों के बीच अंतरिम सरकार के पास अपनी वैधता और कार्यकुशलता साबित करने के लिए समय बहुत कम है।निष्कर्षबांग्लादेश की मौजूदा स्थिति उस मोड़ पर है जहां घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समझदारी भरे फैसले लेने की जरूरत है। शेख हसीना के खिलाफ कार्रवाई और रोहिंग्या संकट पर कदम दोनों ही मुद्दे इस बात को तय करेंगे कि देश की राजनीतिक स्थिरता किस दिशा में जाएगी।