Jharkhand Politics / झारखंड में हेमंत सोरेन ने जीता विश्वास प्रस्ताव, हासिल किया बहुमत, पक्ष में पड़े 45 वोट

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को विधानसभा में अपनी सरकार के लिए बहुमत परीक्षण का सामना किया. इस दौरान उन्होंने विश्वास मत हासिल कर लिया. विश्वास मत हासिल करने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा. राज्य में JMM, RJD और कांग्रेस कोटे से मंत्री बनाए जाएंगे. वहीं, फ्लोर टेस्ट से पहले राज्य में सियासी हलचल देखने को मिली थी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने आवास पर देर रात सत्ताधारी गठबंधन के नेताओं के साथ

Vikrant Shekhawat : Jul 08, 2024, 01:50 PM
Jharkhand Politics: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को विधानसभा में अपनी सरकार के लिए बहुमत परीक्षण का सामना किया. इस दौरान उन्होंने विश्वास मत हासिल कर लिया. विश्वास मत हासिल करने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा. राज्य में JMM, RJD और कांग्रेस कोटे से मंत्री बनाए जाएंगे. वहीं, फ्लोर टेस्ट से पहले राज्य में सियासी हलचल देखने को मिली थी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने आवास पर देर रात सत्ताधारी गठबंधन के नेताओं के साथ बैठक की थी.

इस बैठक में फ्लोर टेस्ट और कैबिनेट विस्तार को लेकर चर्चा हुई थी. बैठक के बाद कांग्रेस नेता प्रदीप यादव ने कहा था कि हम सभी जानते हैं कि फ्लोर टेस्ट जीतना मुश्किल नहीं है क्योंकि हमारे पास पर्याप्त संख्या है. राजभवन से मंजूरी मिलने के बाद आज दोपहर 3 बजे के बाद से बिरसा मुंडा स्टेडियम में मंत्रियों के शपथ की तैयारी है. साथ ही साथ कैबिनेट विस्तार भी किया जाएगा. वहीं, सोरेन सरकार पर बीजेपी ने कहा है राज्य में भ्रष्टाचारी सरकार की वापसी हुई है.

झारखंड विधानसभा में बहुमत परीक्षण

  • फ्लोर टेस्ट के बाद विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है.
  • विश्वास के प्रस्ताव के खिलाफ सदन में गिनती के वक्त विपक्ष का कोई भी सदस्य खड़ा नहीं हुआ, लिहाजा प्रस्ताव के खिलाफ संख्या शून्य मानी गई. विपक्ष अपने निर्धारित स्थान पर खड़ा नहीं होकर वोटिंग के दौरान वेल में हंगामा कर रहा था, जबकि निर्दलीय विधायक सरयू राय तटस्थ रहे हैं.
  • हेमंत सोरेन सरकार ने सदन में विश्वास मत हासिल कर लिया है और उसके पक्ष में 45 वोट पड़े हैं.
  • सदन में इंडिया गठबंधन के 45 विधायक फिलहाल मौजूद हैं. इंडिया गठबंधन को विश्वास मत के लिए 39 विधायको की जरूरत है.
  • झारखंड विधानसभा की कार्यवाही शुरू हो गई है. विश्वास मत पर चर्चा के बाद बहुमत साबित करने के लिए वोटिंग होगी.
झारखंड विधानसभा में नंबर गेम

48 वर्षीय हेमंत ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत मिलने के एक सप्ताह के भीतर 4 जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. अगर बहुमत के आंकड़े की बात करें तो इस समय 81 सदस्यीय विधानसभा में सदस्यों की संख्या 76 है क्योंकि चार विधायक लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंच गए हैं. जिसमें दो बीजेपी और दो जेएमएम के हैं. वहीं, एक जेएमएम से विधायक रहीं सीता सोरेन ने इस मार्च में बीजेपी में शामिल होने से पहले पद से इस्तीफा दे दिया था. वह हेमंत सोरेन की भाभी हैं. झारखंड विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने के लिए 39 विधायकों की जरूरत थी. जेएमएम ने दावा किया था कि उसके पास पूर्ण बहुमत है.

दावा किया गया था कि 76 विधायकों में से इंडिया गठबंधन के पास 46 की संख्या है, लेकिन पक्ष में 45 वोट पड़े हैं. वहीं, बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के पास 30 विधायक हैं, ऐसे में एनडीए बहुमत के आंकड़े से काफी दूर थी. झारखंड कांग्रेस के प्रवक्ता सतीश पॉल मुंजिनी का कहना था कि वह फ्लोर टेस्ट को पूरी तरह से जीतने के लिए तैयार हैं. जब हेमंत ने 3 जुलाई को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया था तब उन्होंने 44 विधायकों का समर्थन होने की बात कही थी.

हेमंत सोरेन 5 महीने जेल में रहे

हेमंत सोरेन ने पांच महीने जेल में बिताए हैं और उन्हें 28 जून को झारखंड हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी, जिसके बाद कहा जाने लगा था कि वह एक बार फिर से मुख्यमंत्री बन सकते हैं. ये अटकलें सही साबित हुईं. दरअसल, चंपई सोरेन ने शपथ लेने के पांच महीने बाद ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे हेमंत सोरेन के फिर से मुख्यमंत्री बनने की संभावना बनी. चंपई सोरेन ने इसी साल 2 फरवरी को राजभवन में झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. हेमंत सोरेन के फिर से राज्य की सत्ता की कुर्सी पर काबिज होने का कदम एक बड़ा दांव माना जा रहा है क्यों सूबे में इस साल के आखिरी में चुनाव हैं.

हेमंत सोरेन के पक्ष में 45 वोट

बता दें कि हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से जमानत मिली थी। इसके बाद वह 28 जून को जेल से रिहा हुए। जेल से निकलने के बाद उन्हें पार्टी के विधायक दल का नेता चुना गया। वहीं हेमंत सोरेन के विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद चंपई सोरेन ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। चंपई सोरेन के इस्तीफा सौंपने के बाद हेमंत सोरेन के सीएम बनने का रास्त साफ हो गया। ऐसे में अब हेमंत सोरेन ने राज्य की विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया, जिसमें उनके सहयोगी दलों को मिलाकर कुल 45 वोट मिले। इसके साथ ही हेमंत सोरेन ने बहुमत के साथ विश्वास प्रस्ताव जीत लिया।

चार जुलाई को ली सीएम पद की शपथ

बता दें कि झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने विश्वास प्रस्ताव पर बहस के लिए एक घंटे का समय दिया था। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायकों ने हेमंत सोरेन के पक्ष में वोट किया है। हेमंत सोरेन ने चंपई सोरेन के पद से हटने के एक दिन बाद चार जुलाई को ही मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली थी। हेमंत सोरेन को भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में झारखंड हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद 28 जून को जेल से रिहा किया गया था। उन्होंने 31 जनवरी को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने से कुछ समय पहले सीएम पद से इस्तीफा दिया था। झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में 76 विधायक हैं।