अंधविश्वास / यहां निकाले जाते है बाल खींचकर और झाड़ू मार कर बुरी बला, लगता है भूतों का मेला

विज्ञान ने आज चाहे कितनी भी प्रगति कर ली हो, लेकिन निश्चित रूप से एक ऐसा वर्ग है जो अंधविश्वास में अधिक विश्वास करता है। मध्य प्रदेश के बैतूल से अंधविश्वास बनाम आस्था की ऐसी ही कहानी सामने आई। बैतूल के चिचोली विकासखंड में स्थित मलाजपुर गाँव में गुरु बाबा साहेब की समाधि है जहाँ पौष माह की पूर्णिमा से मेला लगता है और भक्त बड़ी संख्या में दर्शन करने आते हैं।

Vikrant Shekhawat : Jan 29, 2021, 05:12 PM
MP: विज्ञान ने आज चाहे कितनी भी प्रगति कर ली हो, लेकिन निश्चित रूप से एक ऐसा वर्ग है जो अंधविश्वास में अधिक विश्वास करता है। मध्य प्रदेश के बैतूल से अंधविश्वास बनाम आस्था की ऐसी ही कहानी सामने आई। बैतूल के चिचोली विकासखंड में स्थित मलाजपुर गाँव में गुरु बाबा साहेब की समाधि है जहाँ पौष माह की पूर्णिमा से मेला लगता है और भक्त बड़ी संख्या में दर्शन करने आते हैं। इसके साथ ही, यहाँ एक धारणा है कि जो लोग भूत, राक्षस, सर्पदंश, मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं, उनका इलाज यहाँ आने से होता है।

400 से अधिक वर्षों से हो रहे इन मेलों में, मानसिक बीमार लोग कब्र के चारों ओर घूमते हैं, फिर उनके शरीर में हलचल होने लगती है। यहां बैठे पुजारी महिला रोगियों के बाल पकड़ते हैं और पूछते हैं कि क्या बाधा है, वे स्वीप करने के लिए मजबूर हैं। तब गुरु जी की जय-जयकार लगती है।

एक मरीज के परिजन राजीव का कहना है कि उनकी लड़की दो साल से बीमार है और डेढ़ लाख रुपये से लेकर दो लाख रुपये तक का इलाज प्रभावित नहीं है। ऐसा लगता है कि एक प्रेत बाधा है, इसलिए इसे यहां लाया गया है।

भक्त सुभाष यादव का कहना है कि गुरु साहिब बंजारा समाज से हैं और बचपन से ही मवेशी पालते थे और चरते थे। वह एक अलौकिक शक्ति है, मलाजपुर में उसकी कब्र जीवित है।

वहीं, डॉ। रजनीश शर्मा का कहना है कि मानसिक बीमारी विभिन्न प्रकार की होती है। चिकित्सा विज्ञान में इसका अलग उपचार है। बालों को खींचना, झाड़ू से व्यवहार करना अंधविश्वास है।