Hockey World Cup 2023 / भारत में लगातार दूसरी बार आयोजित होगा हॉकी वर्ल्ड कप, यहां देखें पूरा शेड्यूल

हॉकी वर्ल्ड कप 2023 का आयोजन 13 जनवरी से भारत में किया जाएगा। यह पहली बार है जब पुरुष हॉकी वर्ल्ड कप की मेजबानी किसी देश द्वारा लगातार दो बार की जाएगी। 2018 की मेजबानी भुवनेश्वर में की गई थी, जिसमें बेल्जियम ने नीदरलैंड को हराकर अपना पहला खिताब जीता था। इस विश्वकप का का फाइनल मुकाबला 29 जनवरी को खेला जाएगा। इस हॉकी विश्वकप में कुल 16 टीमें हिस्सा ले रही हैं, जिन्हें 4 पूलों में बांटा गया है। विश्व के दौरान कुल 44 मैच

Vikrant Shekhawat : Jan 08, 2023, 06:04 PM
Hockey world cup 2023: हॉकी वर्ल्ड कप 2023 का आयोजन 13 जनवरी से भारत में किया जाएगा। यह पहली बार है जब पुरुष हॉकी वर्ल्ड कप की मेजबानी किसी देश द्वारा लगातार दो बार की जाएगी। 2018 की मेजबानी भुवनेश्वर में की गई थी, जिसमें बेल्जियम ने नीदरलैंड को हराकर अपना पहला खिताब जीता था। इस विश्वकप का का फाइनल मुकाबला 29 जनवरी को खेला जाएगा। इस हॉकी विश्वकप में कुल 16 टीमें हिस्सा ले रही हैं, जिन्हें 4 पूलों में बांटा गया है। विश्व के दौरान कुल 44 मैच खेल जाएंगे। तो आइए देखते हैं इस टूर्नामेंट का शेड्यूल-

हॉकी वर्ल्ड कप 2023 के लिए क्या है पूरा शेड्यूल -

13 जनवरी

अर्जेंटीना vs दक्षिण अफ्रीका (भुवनेश्वर) – दोपहर 1:00 बजे

ऑस्ट्रेलिया vs फ्रांस (भुवनेश्वर)- दोपहर 3:00 बजे

इंग्लैंड vs वेल्स (राउरकेला) – शाम 5:00 बजे

भारत vs स्पेन (राउरकेला) – शाम 7:00 बजे

14 जनवरी

न्यूजीलैंड vs चिली (राउरकेला) – दोपहर 1:00 बजे

नीदरलैंड vs मलेशिया (राउरकेला) – दोपहर 3:00 बजे

बेल्जियम vs कोरिया (भुवनेश्वर) – शाम 5:00 बजे

जर्मनी vs जापान (भुवनेश्वर) – शाम 7:00 बजे

15 जनवरी

स्पेन vs वेल्स (राउरकेला) – शाम 5:00 बजे

इंग्लैंड vs भारत (राउरकेला) – शाम 7:00 बजे

16 जनवरी

मलेशिया vs चिली (राउरकेला) – दोपहर 1:00 बजे

न्यूजीलैंड vs नीदरलैंड (राउरकेला) – दोपहर 3:00 बजे

फ्रांस vs दक्षिण अफ्रीका (भुवनेश्वर) – शाम 5:00 बजे

अर्जेंटीना vs ऑस्ट्रेलिया (भुवनेश्वर) – शाम 7:00 बजे

17 जनवरी

कोरिया vs जापान (भुवनेश्वर) – शाम 5:00 बजे

जर्मनी vs बेल्जियम (भुवनेश्वर) – शाम 7:00 बजे

19 जनवरी

मलेशिया vs न्यूजीलैंड (भुवनेश्वर) – दोपहर 1:00 बजे

नीदरलैंड vs चिली (भुवनेश्वर) – दोपहर 3:00 बजे

स्पेन vs इंग्लैंड (भुवनेश्वर) – शाम 5:00 बजे

भारत vs वेल्स (भुवनेश्वर) – शाम 7:00 बजे

20 जनवरी

ऑस्ट्रेलिया vs दक्षिण अफ्रीका (राउरकेला) – दोपहर 1:00 बजे

फ्रांस vs अर्जेंटीना (राउरकेला) – दोपहर 3:00 बजे

बेल्जियम vs जापान (राउरकेला) – शाम 5:00 बजे

कोरिया vs जर्मनी (राउरकेला) – शाम 7:00 बजे

24 जनवरी

पहला क्वार्टरफाइनल: भुवनेश्वर – शाम 4:30 बजे

दूसरा क्वार्टरफाइनल: भुवनेश्वर – शाम 7 बजे

25 जनवरी

तीसरा क्वार्टर-फाइनल: भुवनेश्वर – शाम 4:30 बजे

चौथा क्वार्टर-फाइनल: भुवनेश्वर – शाम 7 बजे

26 जनवरी

प्लेसमेंट मैच (9वें से 16वें स्थान के लिए)

27 जनवरी

पहला सेमी-फाइनल: भुवनेश्वर – शाम 4:30 बजे

दूसरा सेमी-फाइनल: भुवनेश्वर – शाम 7 बजे

29 जनवरी

तीसरे स्थान के लिए मैच – शाम 4:30 बजे

फ़ाइनल मैच – शाम 7 बजे

टूर्नामेंट की शुरुआत 13 जनवरी से होगी, जबकि फाइनल मैच 29 जनवरी को खेला जाएगा। वर्ल्ड कप में चार पूल बनाए गए हैं, जिसे A, B, C, D में बांटा गया है। भारत पूल D में है, जिसमें भारत के साथ-साथ वेल्स, इंग्लैंड और स्पेन शामिल हैं। टूर्नामेंट का पहला मैच अर्जेंटीना और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला जाएगा। जबकि भारत का पहला मैच स्पेन के साथ राउरकेला के स्टेडियम में होगा।

इस मेगा ईवेंट के लिए दुनिया भर की 16 सर्वश्रेष्ठ टीमें अपनी कमर कस चुकी हैं। ऐसे में मेजबान भारत को टोक्यो ओलंपिक, बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स का प्रदर्शन जारी रखते हुए और उसमें अधूरी रही गोल्ड मेडल की कसक को यहां विश्व कप ट्रॉफी जीतकर पूरा करने की उम्मीद होगी। भारतीय हॉकी टीम ही नहीं बल्कि पूरे देश की इस उम्मीद को पूरा करने के लिए कुछ खिलाड़ियों पर सभी की नजरें होंगी। जिनके नाम इस प्रकार हैं:-

पीआर श्रीजेश 

अनुभवी भारतीय गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने भारत के प्रदर्शन में सालों से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्हें 2022 में FIH गोलकीपर ऑफ द ईयर भी चुना गया था। उन्होंने दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपरों के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाई है। पेनल्टी शूट-आउट जैसे परिस्थितियों के लिए उनको स्पेशलिस्ट माना जाता है। टोक्यो ओलंपिक के दौरान श्रीजेश ने जर्मनी के खिलाफ कांस्य पदक मैच में आखिरी कुछ सेकंड में पेनल्टी कॉर्नर बचाकर भारत के ओलंपिक पदक के चार दशक के सूखे को खत्म किया था। 240 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मैचों का अनुभव रखने वाले श्रीजेश का यह आखिरी विश्व कप होगा और पूरा देश उनसे इस सफर को खिताब के साथ खत्म करने की उम्मीद कर रहा है।

हरमनप्रीत सिंह 

भारतीय हॉकी टीम के स्टार ड्रैग-फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह को पिछले कुछ सालों में भारतीय हॉकी की बदलती हुई तस्वीर का अहम सूत्रधार माना जाता है। उन्हें पेनल्टी कार्नर विशेषज्ञ के रूप में देखा जाता है। उनके शक्तिशाली फ्लिक के साथ-साथ उनके विश्व स्तरीय डिफेंस ने भी उन्हें पहचान दिलाई है। हरमनप्रीत ने टोक्यो ओलंपिक में भारत की ऐतिहासिक कांस्य पदक जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह टोक्यो में छह गोल के साथ देश के शीर्ष स्कोरर के रूप में उभरे थे। वो हरमनप्रीत ही थे जिन्होंने कांस्य पदक मैच में जर्मनी के साथ भारत का स्कोर बराबर किया था। 

आकाशदीप सिंह 

2012 में अपना सफर शुरू करने के बाद से आकाशदीप सिंह लगातार भारत की गोल स्कोरिंग मशीन रहे हैं। श्रीजेश और हरमनप्रीत के अलावा, वह 200 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं। उनके नाम 80 से अधिक अंतरराष्ट्रीय गोल भी दर्ज हैं। वह भारतीय लाइनअप में सबसे अनुभवी फॉरवर्ड खिलाड़ी हैं और भारतीय फॉरवर्ड लाइन उनके ऊपर ही निर्भर करेगी। 2014 हेग हॉकी विश्व कप में आकाशदीप 5 गोल के साथ भारत के टॉप स्कोरर थे। खराब फॉर्म के कारण टोक्यो ओलंपिक में वह नहीं दिखे लेकिन 2022 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में आकाशदीप ने शुरूआती मैच में भारत की 5-4 से हार में हैट्रिक बनाई और तीसरे मैच में विजयी गोल किया जिससे भारत को दुनिया की नंबर 1 टीम के खिलाफ 12 मैचों की लगातार हार का सिलसिला तोड़ने में मदद मिली।

विवेक सागर प्रसाद 

विवेक सागर प्रसाद भारतीय हॉकी टीम के लिए अलग-अलग भूमिकाओं में काफी महत्वपूर्ण खिलाड़ी रहे हैं। मिडफील्डर विवेक टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा थे और उन्होंने मलेशिया में सुल्तान ऑफ जोहोर कप के सातवें संस्करण में अंडर-21 टीम को तीसरे स्थान पर पहुंचाया था। पैर की चोट के कारण हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के दौरे और एफआईएच हॉकी प्रो लीग से बाहर रहने के बाद टीम में वापसी करते हुए यह खिलाड़ी वर्ल्ड कप के लिए तैयार है। विवेक अपने डिफेंस-स्प्लिटिंग पास के साथ विपक्षी टीम के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं।

मनप्रीत सिंह

भारतीय हॉकी की पिछले कुछ सालों में बदलती तस्वीर का सबसे बड़ा श्रेय जाता है टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह को। उनकी अगुआई में टीम ने चार दशक के ओलंपिक पदक के इंतजार को खत्म किया। उनकी कप्तानी में टीम ने कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीता। उनकी कप्तानी में टीम ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कंगारू टीम को लगातार 12 हार के बाद हराया। उनके नेतृत्व कौशल के साथ उनका खेल भी भारतीय हॉकी टीम के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हुआ है। आगामी विश्व कप में जो चार नाम आपने ऊपर देखे उनके साथ यह पांचवां नाम होना सबसे अहम कड़ी है। यह पांच खिलाड़ी भारत में धूमिल हुई हॉकी की तस्वीर को बदल सकते हैं।