PM Modi News / बदलेगा शीतयुद्ध या वर्ल्ड ऑर्डर, PM के दौरे का क्या होगा ग्लोबल परिणाम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कीव में राष्ट्रपति जेलेंस्की से शांति पर चर्चा की, जिससे वैश्विक शांति की उम्मीद बढ़ी। यूक्रेन-रूस युद्ध के समाधान में भारत की भूमिका को लेकर उम्मीद जताई गई है। मोदी की इस पहल से युद्धविराम संभव होने की संभावना पर ध्यान केंद्रित है।

Vikrant Shekhawat : Aug 24, 2024, 05:00 PM
PM Modi News: यूक्रेन की राजधानी कीव, जो पिछले 30 महीनों से भीषण युद्ध का सामना कर रही है, में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। कीव के मैरिंस्की पैलेस में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ तीन घंटे की बैठक में मोदी ने युद्धविराम की कोशिशों को बल देने का संकल्प लिया। उनके इस प्रयास को संयुक्त राष्ट्र ने भी समर्थन दिया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें इस पर टिकी हैं।


प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत युद्ध में तटस्थ नहीं है और शांति के पक्ष में है। उन्होंने जेलेंस्की और पुतिन से तत्काल बातचीत की आवश्यकता पर जोर दिया, यह मानते हुए कि समाधान केवल कूटनीति और वार्ता के माध्यम से संभव है। इस समय, मोदी के नेतृत्व में भारत एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, क्योंकि वे अमेरिका और रूस दोनों के साथ बातचीत कर चुके हैं और अब यूक्रेन के साथ शांति की दिशा में काम कर रहे हैं।


जेलेंस्की ने मोदी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि भारत का प्रभाव इस संघर्ष को समाप्त करने में महत्वपूर्ण हो सकता है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि भारत के पास पुतिन की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने और शांति स्थापित करने की शक्ति है।


वर्तमान में, रूस-यूक्रेन युद्ध ने दोनों देशों को भारी नुकसान पहुँचाया है, जिसमें लाखों लोग विस्थापित हुए हैं और बुनियादी ढांचा बर्बाद हो गया है। यूक्रेनी रिपोर्टों के अनुसार, युद्ध में यूक्रेन ने भारी मात्रा में सैन्य उपकरण और सैनिकों की हानि उठाई है, जबकि रूस ने भी व्यापक नुकसान झेला है।


प्रधानमंत्री मोदी का कीव दौरा एक नई उम्मीद की किरण लेकर आया है। उनकी यह यात्रा यह दिखाती है कि भारत न केवल एक प्रमुख वैश्विक शक्ति है बल्कि शांति और स्थिरता की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए भी तैयार है। अगर मोदी के प्रयास सफल होते हैं, तो यह युद्धविराम का एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है, और दुनिया एक नए यथार्थ की ओर अग्रसर हो सकती है।


पीएम मोदी की सब सुनते

इस समय भारत के प्रधानमंत्री मोदी ही वो अकेले शख्स हैं, जिनकी बातों को बाइडेन भी गंभीरता से सुनते हैं और पुतिन भी. पीएम मोदी का वाशिंगटन भी सम्मान करता है और मॉस्को भी. प्रधानमंत्री मोदी को कीव में भी वैसा ही सम्मान मिला. प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की के साथ उनके आधिकारिक निवास मरिंस्की पैलेस में करीब 3 घंटे तक गंभीर मंथन किया और जेलेंस्की के साथ पूरी दुनिया को भरोसा दिलाया कि भारत इस क्षेत्र में शांति के लिए गंभीर और हर मुमकिन कोशिश करेगा. इस बीच, संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने भी उम्मीद जताई है कि प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा से यूक्रेन में छिड़ी जंग खत्म करने में मदद मिलेगी.


पीएम मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं जो यूक्रेन के दौरे पर गए हैं. साल 1991 में सोवियत संघ के टूटने के बाद जब यूक्रेन की स्थापना हुई थी, तब से लेकर आज तक कोई भी भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन का दौरा नहीं किया था. अब सवाल ये है कि क्या पीएम मोदी के दखल के बाद करीब 30 महीने से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध थम जाएगा या फिर दुनिया 1991 से पहले चल रहे कोल्ड वॉर के युग में पहुंच जाएगी?


बदलेगा वर्ल्ड-ऑर्डर या शुरू होगा कोल्ड वॉर

ये डर इसलिए है क्योंकि दूसरे विश्वयुद्ध के खत्म होने के बाद भी रूस और अमेरिका के बीच की जंग खत्म नहीं हुई थी. द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के दो साल बाद 1947 में शुरू रूस और अमेरिका के बीच कोल्ड वॉर शुरू हुआ, जो 1991 में सोवियत संघ के पतन तक चला. इस युद्ध को कोल्ड वॉर कहा गया क्योंकि इसमें रूस और अमेरिका जैसी दोनों महाशक्तियों के बीच सीधे तौर पर कोई युद्ध नहीं हुआ लेकिन उनके साथ खड़े कई देश इस जंग में बर्बाद हो गए. क्या रूस और अमेरिका के बीच एक बार फिर कोल्ड वॉर शुरू हो जाएगा? ऐसा ना हो, इसीलिए प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका, रूस और यूक्रेन तीनों के साथ बड़ी संजीदगी से बात कर रहे हैं. बीते कुछ महीनों में उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति भवन में बाइडेन के साथ बात कर चुके हैं. मॉस्को के राष्ट्रपति आवास में पुतिन से मीटिंग कर चुके हैं और अब यूक्रेन के राष्ट्रपति भवन मैरिंस्की पैलेस में जेलेंस्की के साथ शांति का स्थाई रास्ता निकाल रहे हैं.


इस युद्ध को सिर्फ हिंदुस्तान रोक सकता है- जेलेंस्की

पीएम मोदी के कीव दौरे पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि भारत अपनी भूमिका निभाएगा. मुझे लगता है कि भारत ने ये पहचानना शुरू कर दिया है कि ये सिर्फ संघर्ष नहीं है, ये एक आदमी का असली युद्ध है और उसका नाम पुतिन है पूरे देश के खिलाफ जिसका नाम यूक्रेन है. आप एक बड़ा देश हैं. आपके पास एक बड़ा प्रभाव है और आप पुतिन को रोक सकते हैं और उनकी अर्थव्यवस्था को रोक सकते हैं और उन्हें वास्तव में उनकी जगह पर रख सकते हैं यानी अब यूएन को भी भरोसा है कि यूक्रेन युद्ध को विनाशकारी महायुद्ध बनने से सिर्फ हिंदुस्तान रोक सकता है.


ढाई साल की युद्ध में यूक्रेन को कितना नुकसान

यूक्रेनी वेबसाइट कीव इंडिपेंडेंट के मुताबिक 24 फरवरी 2022 से 22 अगस्त 2024 तक यूक्रेन पर हमले के बाद से 6,03,010 रूसी सैनिक अपनी जान गंवा चुके हैं. यूक्रेन ने पिछले ढाई साल में रूस के 8,522 टैंक्स, 16,542 बख्तरबंद गाड़ियां, 17,216 आर्टिलरी सिस्टम, 1,166 रॉकेट सिस्टम, 928 एयर डिफेंस सिस्टम, 367 हवाई जहाज, 328 हेलिकॉप्टर, 13,902 ड्रोन्स, 28 जहाज और 2 सबमरीन बर्बाद किए हैं. यूक्रेन सरकार ने युद्ध में यूक्रेन को हुए नुकसान के पूरे आंकड़े जारी नहीं किए हैं लेकिन वॉशिंगटन पोस्ट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका मानता है कि इस युद्ध में अब तक यूक्रेन के 70,000 से ज्यादा सैनिकों की मौत हुई है और घायल सैनिकों की संख्या 1,20,000 से ज्यादा है.


इंटरनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ माइग्रेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस-यूक्रेन युद्ध में अब तक 15 मिलियन यानी 1 करोड़ 50 लाख से ज्यादा लोग अपना घर छोड़कर पलायन करने को मजबूर हुए हैं. ये आंकड़ा यूक्रेन की कुल आबादी के एक तिहाई से भी ज्यादा है. इस युद्ध में अब यूक्रेन के 37% घर तबाह हो चुके हैं. इस युद्ध में तबाह हुए इंफ्रास्ट्रक्चर से 500 बिलियन यानी 50000 करोड़ अमेरिकी डॉलर से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. इस तबाही को रोकने की गंभीर कोशिश करने के लिए कीव पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेस्की से साफ साफ कहा कि शांति के हर प्रयास में भारत सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है. प्रधानमंत्री मोदी ने ये भी कहा कि अगर व्यक्तिगत तौर भी इसके लिए वो कोई योगदान दे सकें तो जेलेंस्की और पुतिन दोनों के मित्र की तरह वो ये जरूर करेंगे.