AajTak : Jun 06, 2020, 11:38 AM
दिल्ली: कोरोना वायरस की महामारी के कारण लागू लॉकडाउन से अस्त-व्यस्त हुए जनजीवन को पटरी पर लाने की कवायद जारी है। कंटेनमेंट एरिया छोड़कर अन्य इलाकों में दुकानें खोलने और सार्वजनिक यातायात के साधनों के परिचालन की अनुमति दे दी गई है। अब 8 जून से मंदिर और अन्य धार्मिक स्थल भी खोले जाने हैं। ऐसे में मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी है।
इन गाइडलाइंस में स्पष्ट किया गया है कि कंटेनमेंट एरिया में स्थित सभी प्रकार के धार्मिक स्थल आगामी आदेश तक बंद रहेंगे। साथ ही दो दर्शनार्थियों के बीच 6 फीट की दूरी और सभी के लिए मास्क को अनिवार्य कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन में धर्मस्थल में प्रवेश करने से पहले कम से कम 40 से 60 सेकंड तक साबुन से हाथ धोने और अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर से कम से कम 20 सेकंड तक हाथों को सैनिटाइज करने की सुविधा भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। धर्मस्थल के पूरे परिसर में थूकना पूरी तरह प्रतिबंधित है।स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन में कहा गया कि सभी धार्मिक स्थलों पर यह सुनिश्चित किया जाए कि मंदिर में किसी को घंटी बजाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। मूर्ति छूने की अनुमति नहीं दी जाए। फूल, नारियल, अगरबत्ती, चुनरी, चादर चढ़ाने पर भी प्रतिबंध लागू रहेगा। आरती की थाली में कोई चढ़ावा न चढ़ाए। प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजर डिस्पेंसर और थर्मल स्क्रीनिंग का प्रबंध अनिवार्य रूप से किया जाए और केवल उन्हीं श्रद्धालुओं को ही मंदिर में प्रवेश मिले, जिनमें कोरोना के कोई लक्षण न हो।स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि सर्दी-खांसी, बुखार आदि के मरीजों को प्रवेश की अनुमति न दी जाए। फेस कवर करके आने वाले लोगों को ही प्रवेश की अनुमति दी जाए। मस्जिदों के लिए कहा गया कि लोग अपने घर से ही वजू करके आना सुनिश्चित करें।
सैनिटाइजर को लेकर विवादगाइडलाइंस में जहां उपयुक्त हो, वहां सैनिटाइजर के इंतजाम का निर्देश दिया गया है। इस पर धार्मिक संगठनों ने ऐतराज जताया है। भोपाल के एक पुजारी चंद्रशेखर तिवारी ने कहा है कि सैनिटाइजर में अल्कोहल के चलते मन्दिर की पवित्रता भंग होगी, इसलिए मंदिरों के बाहर सिर्फ साबुन और पानी से हाथ धोने की व्यवस्था ही रखी जाए।
उन्होंने मांग करते हुए कहा कि हर मंदिर के बाहर शासन कम से कम 100 लीटर क्षमता की एक पानी की टंकी भी रखवाए। पुजारियों के एक दल ने इस बाबत प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से देर शाम मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन भी दिया है।
इन गाइडलाइंस में स्पष्ट किया गया है कि कंटेनमेंट एरिया में स्थित सभी प्रकार के धार्मिक स्थल आगामी आदेश तक बंद रहेंगे। साथ ही दो दर्शनार्थियों के बीच 6 फीट की दूरी और सभी के लिए मास्क को अनिवार्य कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन में धर्मस्थल में प्रवेश करने से पहले कम से कम 40 से 60 सेकंड तक साबुन से हाथ धोने और अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर से कम से कम 20 सेकंड तक हाथों को सैनिटाइज करने की सुविधा भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। धर्मस्थल के पूरे परिसर में थूकना पूरी तरह प्रतिबंधित है।स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन में कहा गया कि सभी धार्मिक स्थलों पर यह सुनिश्चित किया जाए कि मंदिर में किसी को घंटी बजाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। मूर्ति छूने की अनुमति नहीं दी जाए। फूल, नारियल, अगरबत्ती, चुनरी, चादर चढ़ाने पर भी प्रतिबंध लागू रहेगा। आरती की थाली में कोई चढ़ावा न चढ़ाए। प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजर डिस्पेंसर और थर्मल स्क्रीनिंग का प्रबंध अनिवार्य रूप से किया जाए और केवल उन्हीं श्रद्धालुओं को ही मंदिर में प्रवेश मिले, जिनमें कोरोना के कोई लक्षण न हो।स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि सर्दी-खांसी, बुखार आदि के मरीजों को प्रवेश की अनुमति न दी जाए। फेस कवर करके आने वाले लोगों को ही प्रवेश की अनुमति दी जाए। मस्जिदों के लिए कहा गया कि लोग अपने घर से ही वजू करके आना सुनिश्चित करें।
सैनिटाइजर को लेकर विवादगाइडलाइंस में जहां उपयुक्त हो, वहां सैनिटाइजर के इंतजाम का निर्देश दिया गया है। इस पर धार्मिक संगठनों ने ऐतराज जताया है। भोपाल के एक पुजारी चंद्रशेखर तिवारी ने कहा है कि सैनिटाइजर में अल्कोहल के चलते मन्दिर की पवित्रता भंग होगी, इसलिए मंदिरों के बाहर सिर्फ साबुन और पानी से हाथ धोने की व्यवस्था ही रखी जाए।
उन्होंने मांग करते हुए कहा कि हर मंदिर के बाहर शासन कम से कम 100 लीटर क्षमता की एक पानी की टंकी भी रखवाए। पुजारियों के एक दल ने इस बाबत प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से देर शाम मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन भी दिया है।