AajTak : Jun 06, 2020, 09:08 AM
दिल्ली: कोरोना वायरस फैलने के साथ ही हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा सुर्खियों में आई थी और माना जा रहा था कि संक्रमित मरीजों को इस दवा से फायदा पहुंचता है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से लेकर तमाम आम लोग तक इसका इस्तेमाल कर रहे थे। लेकिन हाल ही में ब्रिटेन में हुए ट्रायल के बाद अब दावा किया जा रहा है कि इस दवा से कोरोना वायरस से संक्रमित रोगियों को कोई फायदा नहीं होता है।
ब्रिटेन में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) के सबसे बड़े रैंडमाइज्ड क्लिनिकल ट्रायल्स (RCT) से यह निष्कर्ष निकला है कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को इससे कोई फायदा नहीं पहुंचा।शुक्रवार को घोषित परिणाम पहले के दावों से उलट हैं। इस सप्ताह मलेरिया-रोधी दवा (HCQ) पर आरसीटी का मत इससे भिन्न है। इससे पहले, न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन (NEJM) में प्रकाशित एक शोध में भी यह दावा किया गया था कि इस दवा से कोरोना मरीजों को कोई फायदा नहीं होता है। यह शोध मिनेसोटा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने किया था।हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा पर किए गए शोध को लेकर मुख्य जांचकर्ता" प्रोफेसर पीटर हॉर्बी ने बताया कि 4500 से अधिक रोगियों को दो समूह में बांटा गया था। इनमें से 1542 को एचसीक्यू दिया गया था। "हमने निष्कर्ष निकाला कि कोरोना संक्रमित अस्पताल में भर्ती रोगियों पर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का कोई लाभकारी प्रभाव नहीं पड़ा।प्रोफेसर पीटर हॉर्बी ने बताया कि इसके तुरंत बाद रिकवरी कर रहे मरीजों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल को रोकने का फैसला किया। जांचकर्ताओं ने यह भी कहा कि वे प्रारंभिक परिणामों को जारी कर रहे हैं क्योंकि "रोगियों की देखभाल और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण है।"ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में उभरते संक्रामक रोगों के प्रोफेसर और परीक्षण के लिए मुख्य वैज्ञानिक पीटर हॉर्बी ने कहा, "हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और क्लोरोक्वीन पर बहुत ध्यान दिया गया और कोरोना रोगियों के इलाज में बहुत व्यापक रूप से इस्तेमाल किया गया। RECOVERY परीक्षण ने दिखाया है कि COVID-19 से संक्रमित मरीजों के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन एक प्रभावी उपचार नहीं है। ""RECOVERY ट्रायल" नामक परीक्षण को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और यूके के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ रिसर्च द्वारा भी समर्थन दिया गया है।
ब्रिटेन में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) के सबसे बड़े रैंडमाइज्ड क्लिनिकल ट्रायल्स (RCT) से यह निष्कर्ष निकला है कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को इससे कोई फायदा नहीं पहुंचा।शुक्रवार को घोषित परिणाम पहले के दावों से उलट हैं। इस सप्ताह मलेरिया-रोधी दवा (HCQ) पर आरसीटी का मत इससे भिन्न है। इससे पहले, न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन (NEJM) में प्रकाशित एक शोध में भी यह दावा किया गया था कि इस दवा से कोरोना मरीजों को कोई फायदा नहीं होता है। यह शोध मिनेसोटा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने किया था।हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा पर किए गए शोध को लेकर मुख्य जांचकर्ता" प्रोफेसर पीटर हॉर्बी ने बताया कि 4500 से अधिक रोगियों को दो समूह में बांटा गया था। इनमें से 1542 को एचसीक्यू दिया गया था। "हमने निष्कर्ष निकाला कि कोरोना संक्रमित अस्पताल में भर्ती रोगियों पर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का कोई लाभकारी प्रभाव नहीं पड़ा।प्रोफेसर पीटर हॉर्बी ने बताया कि इसके तुरंत बाद रिकवरी कर रहे मरीजों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल को रोकने का फैसला किया। जांचकर्ताओं ने यह भी कहा कि वे प्रारंभिक परिणामों को जारी कर रहे हैं क्योंकि "रोगियों की देखभाल और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण है।"ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में उभरते संक्रामक रोगों के प्रोफेसर और परीक्षण के लिए मुख्य वैज्ञानिक पीटर हॉर्बी ने कहा, "हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और क्लोरोक्वीन पर बहुत ध्यान दिया गया और कोरोना रोगियों के इलाज में बहुत व्यापक रूप से इस्तेमाल किया गया। RECOVERY परीक्षण ने दिखाया है कि COVID-19 से संक्रमित मरीजों के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन एक प्रभावी उपचार नहीं है। ""RECOVERY ट्रायल" नामक परीक्षण को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और यूके के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ रिसर्च द्वारा भी समर्थन दिया गया है।