IND vs ENG / भारत ने इंग्लैंड को 2 विकेट से हराया, तिलक वर्मा की बल्लेबाजी का दिखा जलवा

कोच गौतम गंभीर के जुझारू अंदाज को टीम इंडिया ने टी20 में उतारते हुए इंग्लैंड को चेन्नई में 2 विकेट से हराया। तिलक वर्मा की 72 रन की मैच जिताऊ पारी ने टीम को रोमांचक मुकाबले में जीत दिलाई। 165 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने आखिरी ओवर में जीत हासिल की।

IND vs ENG: टीम इंडिया के लिए क्रिकेट का मैदान सिर्फ खेल नहीं, बल्कि जज्बे और जुनून का अखाड़ा बन गया है। कोच गौतम गंभीर का जुझारू और कभी हार न मानने वाला अंदाज उनकी टीम के हर खिलाड़ी में साफ झलकता है। चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में खेले गए टी20 सीरीज के दूसरे मुकाबले में इसका शानदार प्रदर्शन देखने को मिला। युवा बल्लेबाज तिलक वर्मा की बेमिसाल पारी ने टीम इंडिया को रोमांचक अंदाज में 2 विकेट से जीत दिलाई और सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त दिला दी।

तिलक वर्मा ने दिखाया अद्भुत जज्बा

165 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम इंडिया मुश्किल में थी। शीर्ष क्रम लड़खड़ा चुका था और 78 रनों पर 5 अहम विकेट गंवा दिए थे। लेकिन तिलक वर्मा ने अपने धैर्य और आक्रामकता का बेहतरीन संतुलन दिखाया। उन्होंने 72 रनों की नाबाद पारी खेलकर इंग्लैंड के गेंदबाजों के खिलाफ एकतरफा लड़ाई लड़ी।

सिर्फ तिलक ही नहीं, उनके साथ अंत में बल्लेबाजी करने आए रवि बिश्नोई ने भी अपनी भूमिका बखूबी निभाई। दोनों ने मिलकर आखिरी 14 गेंदों में 20 रन की साझेदारी की और टीम को रोमांचक जीत दिलाई।

इंग्लैंड की पारी: स्पिनर्स का जलवा

इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 165 रन का लक्ष्य खड़ा किया। हालांकि, उनकी शुरुआत फिर खराब रही। भारतीय गेंदबाजों, खासकर स्पिनर्स ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को जकड़ कर रखा।

  • अर्शदीप सिंह ने पहले ओवर में ही फिल सॉल्ट को पवेलियन लौटा दिया।
  • वरुण चक्रवर्ती, अक्षर पटेल, और वॉशिंगटन सुंदर की तिकड़ी ने इंग्लैंड के मध्यक्रम को तहस-नहस कर दिया।
  • जॉस बटलर (45) और ब्रायडन कार्स (31) की पारियों ने इंग्लैंड को लड़ने लायक स्कोर तक पहुंचाया।

भारत की शुरुआत: एक और टॉप ऑर्डर की नाकामी

लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की शुरुआत खराब रही। अभिषेक शर्मा और संजू सैमसन दोनों सस्ते में आउट हो गए। कप्तान सूर्यकुमार यादव का खराब फॉर्म जारी रहा, और ध्रुव जुरेल की वापसी भी कोई कमाल नहीं कर पाई।

हार्दिक पंड्या के आउट होने के बाद तिलक वर्मा ने मोर्चा संभाला। वॉशिंगटन सुंदर के साथ उनकी साझेदारी ने टीम को स्थिरता दी, लेकिन इंग्लैंड के गेंदबाज लगातार विकेट लेकर दबाव बनाए रहे।

आखिरी क्षणों का रोमांच

जब मैच आखिरी 3 ओवर में पहुंचा, टीम इंडिया को 20 रनों की जरूरत थी। लेकिन विकेट कम थे और दबाव बढ़ता जा रहा था। ऐसे में बिश्नोई ने दो शानदार चौके जमाकर खेल का रुख पलट दिया। तिलक ने संयम बनाए रखा और टीम को लक्ष्य तक पहुंचा दिया।

गंभीर का विजयी मंत्र

गौतम गंभीर के नेतृत्व का असर टीम इंडिया पर साफ दिखता है। उनका कभी हार न मानने वाला जज्बा खिलाड़ियों के प्रदर्शन में झलकता है। चाहे गेंदबाज हों या बल्लेबाज, हर खिलाड़ी मैदान पर अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करता है। तिलक वर्मा की पारी इसका सटीक उदाहरण है।

निष्कर्ष

चेन्नई के इस मुकाबले ने यह साबित कर दिया कि टीम इंडिया किसी भी परिस्थिति में जीतने का जज्बा रखती है। तिलक वर्मा जैसे युवा खिलाड़ियों का प्रदर्शन भारतीय क्रिकेट के उज्ज्वल भविष्य की ओर इशारा करता है। गौतम गंभीर की रणनीतियों और खिलाड़ियों के दमखम ने इस जीत को यादगार बना दिया। अब तीसरे मुकाबले में भारत की नजर क्लीन स्वीप पर होगी।