Vikrant Shekhawat : Nov 19, 2021, 11:59 AM
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत ने इस वर्ष 100 से अधिक देशों को कोविड-19 रोधी टीकों की 6.5 करोड़ खुराक का निर्यात किया और आने वाले दिनों में वह अपनी क्षमता में वृद्धि करने के बाद और भी खुराक निर्यात करेगा। दवा क्षेत्र के प्रथम वैश्विक नवाचार शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने दावा किया कि भारतीय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र ने जो वैश्विक भरोसा हासिल किया है उसकी वजह से आज देश को ‘दुनिया की फार्मेसी’ कहा जा रहा है। दवाओं की खोज और चिकित्सकीय उपकरणों में भारत आगे उन्होंने कहा कि भारत की दृष्टि नवोन्मेष के लिए एक ऐसा माहौल विकसित करने पर है जिससे देश, दवाओं की खोज और चिकित्सकीय उपकरणों के क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व करे। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी नीतियां सभी हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के आधार पर बन रही हैं।’’ प्रधानमंत्री ने भारत को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने की क्षमता वाले वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकी की व्यापक उपलब्धता का हवाला देते हुए कहा कि ‘‘खोज करने और भारत में निर्माण करने’’ की क्षमता का और भी उपयोग किया जाना चाहिए।स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में 12 अरब डॉलर से अधिक विदेशी निवेश - पीएमपीएम ने कहा, ‘‘आज करीब 13 अरब डॉलर के व्यापार अधिशेष तथा 30 लाख लोगों को रोजगार देने वाला फार्मा क्षेत्र देश की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। देश के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में वर्ष 2014 से 12 अरब डॉलर से अधिक विदेशी निवेश आया है। क्षेत्र की क्षमता इससे कहीं अधिक है।’’ उन्होंने इस क्षेत्र में निवेश करने वालों से भारत में निवेश करने का आग्रह भी किया। इस सम्मेलन का उद्देश्य भारत के दवा उद्योग में नवाचार के उत्कृष्ट परिवेश या माहौल को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्राथमिकताओं पर चर्चा करना और रणनीति बनाने के लिए सरकार एवं उद्योग जगत के प्रमुख भारतीय व अंतरराष्ट्रीय हितधारकों, शिक्षाविदों, निवेशकों और शोधकर्ताओं को एक मंच पर लाना है।स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया भी रहे मौजूदइस दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के दौरान 12 सत्र होंगे और 40 से भी अधिक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय वक्ता नियामकीय माहौल, नवाचार का वित्त पोषण या धनराशि की व्यवस्था करने, उद्योग-अकादमिक सहयोग और नवाचार संबंधी बुनियादी ढांचागत सुविधाओं सहित कई विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे। इस शिखर सम्मेलन में देश-विदेश के फार्मा या दवा उद्योगों के प्रमुख सदस्य, अधिकारी, निवेशक और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, जॉन हॉपकिन्स इंस्टीट्यूट, आईआईएम अहमदाबाद एवं अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के शोधकर्ता भाग लेंगे। केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया भी इस अवसर पर उपस्थित थे।