Vikrant Shekhawat : Oct 04, 2019, 10:41 AM
पेरिस | भारतीय नौसेना की अफ्रीका, यूरोप और रूस के समुद्र में तैनाती के तहत, भारतीय नौसैनिक जहाज तरकश तीन दिवसीय यात्रा पर सैंट डेनिस, रीयूनियन आईलैंड, फ्रांस पहुंचा। आईएनएस तरकश की कमान कैप्टन सतीश वासुदेव संभाल रहे हैं। भारतीय नौसेना का अग्रिम पंक्ति का युद्धपोत है जिसमें बहुपयोगी हथियार और सेंसर लगे हुए हैं। यह जहाज मुंबई स्थित पश्चिमी नौसैनिक कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग- इन-चीफ की ऑपरेशनल कमान के अंतर्गत भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े का एक हिस्सा है।
कमांडिंग ऑफिसर दक्षिणी हिंद महासागर में फ्रांस की नौसेना के सर्वोच्च कमांडर, रीयूनियन आईलैंड के प्रीफैक्ट और ली-पोर्ट के मेयर सहित विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों और सरकारी अधिकारियों से मिलेंगे। फ्रांस और भारत के नौसेना के बीच सहयोग बढ़ाने के बारे में बातचीत की योजना बनाई गई है। साथ ही दोनों नौसेनाओं के बीच सामाजिक कार्यों, खेल कार्यक्रमों के बारे में बातचीत होने की उम्मीद है।फ्रांस और भारत के बीच परंपरागत सौहाद्रपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं और दोनों लोकतंत्र, विकास और धर्मनिरपेक्षता के साझा मूल्यों को बांटते हैं जिसके कारण 1998 में रणनीतिक साझेदारी का स्तर बेहतर हुआ। दोनों देशों के बीच नियमित तौर पर उच्च स्तरीय आदान-प्रदान और बातचीत होती है। दोनों देशों की नौसेनाओं ने हाल ही में हिन्द महासागर में सबसे जटिल और बड़े नौसैनिक युद्ध अभ्यास वरुण-2019 में भाग लिया।मैत्री संपर्क कायम करने और मैत्रीपूर्ण देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत बनाने के लिए भारतीय नौसैनिक जहाजों को नियमित रूप से देश के बाहर समुद्रों में तैनात किया जाता है।
कमांडिंग ऑफिसर दक्षिणी हिंद महासागर में फ्रांस की नौसेना के सर्वोच्च कमांडर, रीयूनियन आईलैंड के प्रीफैक्ट और ली-पोर्ट के मेयर सहित विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों और सरकारी अधिकारियों से मिलेंगे। फ्रांस और भारत के नौसेना के बीच सहयोग बढ़ाने के बारे में बातचीत की योजना बनाई गई है। साथ ही दोनों नौसेनाओं के बीच सामाजिक कार्यों, खेल कार्यक्रमों के बारे में बातचीत होने की उम्मीद है।फ्रांस और भारत के बीच परंपरागत सौहाद्रपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं और दोनों लोकतंत्र, विकास और धर्मनिरपेक्षता के साझा मूल्यों को बांटते हैं जिसके कारण 1998 में रणनीतिक साझेदारी का स्तर बेहतर हुआ। दोनों देशों के बीच नियमित तौर पर उच्च स्तरीय आदान-प्रदान और बातचीत होती है। दोनों देशों की नौसेनाओं ने हाल ही में हिन्द महासागर में सबसे जटिल और बड़े नौसैनिक युद्ध अभ्यास वरुण-2019 में भाग लिया।मैत्री संपर्क कायम करने और मैत्रीपूर्ण देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत बनाने के लिए भारतीय नौसैनिक जहाजों को नियमित रूप से देश के बाहर समुद्रों में तैनात किया जाता है।